राजस्थान का एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है बीकानेर शहर। बीकानेर शहर में ऐसे कई ऐतिहासिक इमारते हैं जो सैलानियों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है। बीकानेर में मौजूद लालगढ़ पैलेस एक ऐसी ही इमारत है जिसे देखने और घूमने के लिए हमेशा से सैलानी जाते रहे हैं। कहा जाता है कि इस खूबसूरत महल का निर्माण महाराजा गंगा सिंह ने 20 वीं शताब्दी के दौरान करवाया था।
महल के अंदर भव्य डिजाइन और सजावट आज भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। आज हम आपको इस पैलेस से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानियों और तय्थों के बारें में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आपको भी बेहद अच्छा लगेगा। तो चलिए जानते हैं-
कहा जाता है कि लालगढ़ पैलेस का निर्माण 1902 से लेकर 1926 के बीच में महाराजा गंगा सिंह के द्वारा किया गया था। इस पैलेस के बारे में बोला जाता है कि 20 वीं शताब्दी में बनने वाला लालगढ़ एक ऐसा पैलेस है जो आज भी वैसे ही है। इस महल के बारे में ये भी कहा जाता है कि जूनागढ़ किले के तर्ज पर लालगढ़ महल को बनवाया गया था। कई इतिहाकर ये भी बोलते हैं कि महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता महाराजा लालसिंह की स्मृति में इस महल को बनवाया था।
इस महल के अंदर भी एक लक्ष्मी निवास भवन है। कहा जाता है कि लक्ष्मी निवास भवन में शादियों, रिसेप्शन, सम्मेलनों और फिल्मों की शूटिंग आज भी होती है। इस भवन में खाने-पीने से लेकर कई ग्राउंड भी है जहां टेनिस, बैडमिंटन या बिलियर्ड भी खेल सकते हैं।
इस महल में एक भव्य पुस्तकालय भी है। कहा जाता है इस महल में आज भी सोने, चांदी और तांबे की सामानों पर संस्कृत भाषा में कुछ लिखे गए हैं जिसे सैलानिय देख सकते हैं। ये भी कहा जाता हैं इस पुस्तकालय में हड़प्पा सभ्यता और गुप्त काल के कई कलाकृतियों को रखा गया है जिसे सैलानी देख सकते हैं।
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कहा जाता है कि साल 1974 में महल के दो हिस्सों को हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है। लालगढ़ किले में लगभग 59 कमरे हैं। ये भी कहा जाता है इन कमरे को विंटेज अंदाज में सजाया गया है। सभी कमरे वाई-फाई के साथ एयर कंडिशन्ड है। इस पैलेस में कॉन्फ्रेंस रूम, बिजनेस सेंटर और मिनी बार जैसे कई रूम है।
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इस महल को एक ब्रिटिश वास्तुकार सैमुअल स्विंटन जैकब ने डिजाइन किया था। लालगढ़ पैलेस को हिंदू-गोथिक या इंडो-सरैसेनिक वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना माना जाता है। इस महल में आपको कई जगह इतालवी वास्तुकला भी देखने को मिलेगी। होटल के अधिकारी इस होटल में रुकने वाले सैलानियों के लिए घुमाने के साथ कैमल सफारी की भी व्यवस्था कराते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पर्यटकों के लिए इस महल के अंदर सिर्फ घूमने के लिए प्रति व्यक्ति 20 रुपये लिए जाते हैं।
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