भारत में ऐसे कई ग्लेशियर है जिनके बारे में समय-समय पर उल्लेख मिलते रहता है। लेकिन, क्या आपने कभी भारत के सबसे फेमस और सबसे बड़े ग्लेशियर के बारे में करीब से जानाने की कोशिश किया है। जी हां, आज इस लेख में हम आपको भारत के सबसे बड़े ग्लेशियर यानि 'सियाचिन ग्लेशियर' के बारे में बताने जा रहे हैं। दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर भारत के लिए सामरिक रूप और सैन्य दृष्टी से बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान है। सफ़ेद बर्फ से ढके इस ग्लेशियर का प्राकृतिक परिवेश भी भारत के लिए काफी मायने रखता है। तो चलिए जानते हैं सियाचिन ग्लेशियर के बारें में।
कहां है सियाचिन ग्लेशियर
समुद्र तल से लगभग 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर जम्मू-कश्मीर में स्थित है। इस ग्लेशियर के एक साइड पाक अधिकृत कश्मीर की सीमा है, तो दूसरी तरफ चीन की सीमा यानि 'अक्साई चीन' है। एक तरह से यह बोला जा सकता है कि सियाचिन गलेशियर पूर्वी काराकोरम यानि हिमालय में स्थित है। कहा जाता है कि लगभग 78 किलोमीटर में फैला ये ग्लेशियर भारत का सबसे बड़ा और विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ग्लेशियर है।
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कैसे पड़ा नाम, सियाचिन
कहा जाता है कि सियाचिन नाम तिब्बती भाषा से निकला है और सिया का मतलब गुलाब और चीन का अर्थ बिखरा हुआ। इसे कई लोग सियाचिन हिमनद के नाम से भी जानते हैं। कहा जाता है कि सियाचिन में जमी बर्फ सूरज की किरणों से इतनी तेज चमकती है कि कोई भी बर्फ को नंगी आंखों से नहीं देख सकता है बल्कि, इसके लिए चश्मा पहनकर रहना पड़ता है। जानकारी के लिए बता दें कि, कहा जाता है कि साल 1984 से पहले इस जगह पर कोई भी नहीं जाता था, लेकिन 1984 के बाद से भारतीय सैनिक यहां साल के 365 दिन मौजूद रहते हैं। (लद्दाख घूमने से पहले जान लें ये जरुरी बातें)
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तापमान -70 डिग्री
कहा जाता है कि सियाचिन ग्लेशियर में बहुत अधिक ठंड पड़ती है। यहां रात के समय तामपान लगभग -70 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक होता है। सर्दी के मौसम में ये तापमान और भी अधिक चला जाता है। यहां चरों तरफ बर्फ ही बर्फ नज़र आती है। इन बर्फीले रेगिस्तान में भी भारतीय सैनिक सालों भर सीमा पर तैनात रहते हैं। कहा जाता है कि सियाचिन में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम होती और कभी-कभी सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है।
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भारत के अन्य ग्लेशियर
सियाचिन ग्लेशियर के अलावा भारत में लोनक-सिक्किम, मिलांग और नामिक- उत्तराखंड, कांगटो और बिचोम -अरुणाचल प्रदेश जैसे भारत में और भी प्रमुख ग्लेशियर मौजूद है। हालांकि, इन सभी जगहों पर जाने के लिए संभवत किसी भी आम व्यक्ति को अनुमति नहीं है। कहा जाता है कि सियाचिन ग्लेशियर जाने के लिए एक से दो सप्ताह पहले ट्रेनिंग लेनी होती है, तब यहां जाने की अनुमति मितली है।
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