
दिल्ली में जिस तरह आपको हर जगह काठी रोल्स देखने को मिलेंगे, वहीं मुंबई की शान फ्रेंकी में बसती है। हां, ऐसा भी नहीं है कि दिल्ली और मुंबई से आगे या अन्य क्षेत्रों में आपको ये दो डिशेज नहीं मिलेंगी। इस एक रोल से पेट आराम से भर जाता है और बहुत लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगती। कई सारी सब्जियों की फिलिंग और स्वादिष्ट सॉस इसे इतना फ्लेवरफुल बना देते हैं कि आप इसे खाए बिना रह नहीं सकते हैं।
लेकिन एक बात बताइए कि आपको क्या ज्यादा पसंद है, फ्रेंकी या फिर काठी रोल? अरे क्या आपको इनके बीच का अंतर नहीं पता? चिंता मत कीजिए, मुझे भी पहले ये दोनों एक जैसे ही लगते थे, लेकिन इनके बारे में पढ़कर पता चला कि इन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर होता है।
अगर आप भी फ्रेंकी को रोल और रोल को फ्रेंकी बोलते हैं तो फिर आपको यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे मुख्य अंतर बताएंगे, जिसके बाद इन दोनों को लेकर आपका कंफ्यूजन (अगर कोई है) भी खत्म हो जाएगा।
काठी रोल भले ही दिल्ली में फेमस हो लेकिन इसकी उत्पत्ति बंगाल में हुई। यह कोलकाता का एक लोकप्रिय स्ट्रीट-फूड है, जिसमें रोस्ट किए हुए कबाब को पराठा ब्रेड में फिलिंग के साथ सर्व किया जाता है।
साल दर साल इसमें कई सारे एक्सपेरिमेंट किए गए और फिलिंग में भी बदलाव हुए।

फ्रेंकी वैसे तो मुंबई में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन क्या आपको पता है कि इसकी इंस्पिरेशन लेबनानी पीता रोल से आई है। इसे 1969 में अमरजीत सिंह टिब्ब मुंबई लाए और तब से अब तक यह एक पॉपुलर स्ट्रीट फूड है। इस पीता रोल का एक मसालेदार भारतीय वर्जन तैयार हुआ जो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया।
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सालों से काठी रोल और फ्रेंकी दोनों ही दुनिया भर में इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि कई लोग उन्हें एक ही चीज़ मानते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दोनों व्यंजनों में थोड़ा सा अंतर है जो सॉस, फिलिंग, पकाने की शैली और इस्तेमाल किए गए मसालों पर आधारित है। चलिए आज इनके बीच के 4 बड़े अंतर जानते हैं-
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि एक कोलकाता का पॉपुलर स्ट्रीट फूड है और दूसरा मुंबई में बहुत खाया जाता है। हालांकि दिल्ली में काठी रोल बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। अपनी जगह से निकलकर दोनों में कई अलग रूप हो जाते हैं। हां, ऑथेंटिक रेसिपीज के लिए आपको कोलकाता और मुंबई ही जाना होगा।

आपने काठी रोल खाया होगा लेकिन क्या फ्रेंकी खाकर कोई अंतर समझ आया? इन दोनों में पराठे का अंतर होता है। फ्रेंकी का पराठा बनाते वक्त उसमें अंडे का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जबकि रोल में अंडे की एक लेयर भी होती है।
काठी रोल में तरह-तरह की सब्जियां, अंडा, मीट, पनीर, आदि की फिलिंग होती है। कुछ लोग इसमें नूडल्स भी स्टफ करने लगे हैं। इसमें तरह-तरह के सॉस का इस्तेमाल भी किया जाता है, लेकिन फ्रेंकी इससे बहुत अलग होती है। मुंबई की स्पेशल फैंकी एक कटलेट/पैटी होता है, जिसे आलू, सब्जियों, पनीर आदि से बनाते हैं। इसमें एक खास फ्रेंकी मसाला भी डाला जाता है और यह बहुत चटपटा और फ्लेवरफुल होता है।
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अब बारी आती है फाइन पॉइंट की। आपने दोनों डिशेज खाई हैं तो पता ही होगा कि इन्हें अलग-अलग तरह से रैप भी किया जाता है। काठी रोल को कागज में पैक किया जाता है जबकि फ्रेंकी को फॉयल में लपेटा जाता है। हर बाइट के बाद कागज को फाड़ने से काठी रोल को खाना मुश्किल हो जाता है, दूसरी ओर फ्रेंकी के मामले में प्लास्टिक रैपिंग को नीचे खिसकाना आसान होता है।
हमें उम्मीद है कि इस जानकारी से आपको भी अब फ्रेंकी और रोल का अंतर समझ आएगा। अगर आपको लगता है कि हमने कुछ मिस कर दिया तो उसे हमारे कमेंट बॉक्स में शेयर कर बताएं।
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