हिंदू संस्कृति में नवरात्रि का बहुत महत्व है। साल भर में 4 नवरात्रि होते हैं, जिनमें चैत्र, शारदीय और दो गुप्त नवरात्र होते हैं। इन नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इन नौ दिनों में देवी ने अलग-अलग स्वरूप लिए थे और उन सभी स्वरूपों की पूजा पूरी श्रद्धा, मान और सम्मान से की जाती है।
इस वर्ष भी सभी भक्त अप्रैल में चैत्र नवरात्रि मनाने की तैयारी कर रहे हैं। वे देवी के दिव्य स्वरूपों को भोग प्रसाद चढ़ाने के अवसर का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। मां दुर्गा के नौ अवतारों को भोग प्रसाद चढ़ाना किसी परंपरा से कम नहीं है, जो भक्ति, कृतज्ञता और आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक है।
हालांकि, अक्सर नवरात्रि के प्रसाद में एक ही तरह की चीजें तैयार की जाती है। हम आपको इससे अलग व्यंजन और मिष्ठानों के बारे में बताएंगे। आइए इस लेख में आपको बताएं कि आप लड्डू और खीर से इतर मां दुर्गा को किन चीजों का भोग लगा सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि दिन 1: मां शैलपुत्री के लिए बनाएं तिल कलाकंद
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, मां के अवतार शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री को भोग प्रसाद चढ़ाने के लिए, खीर, पूड़ी और फलों का भोग लगाया जाता है। इस बार आप मां को तिल कलाकंद बनाकर भोग लगा सकते हैं। दूध, ड्राई फ्रूट्स और तिल से बनी ये मिठाई मां शैलपुत्री को जरूर भाएगी।
चैत्र नवरात्रि दिन 2: मां ब्रह्मचारिणी के लिए बनाएं फेनी
नवरात्रि का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। यह देवी तपस्या का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन्हें भोग प्रसाद में खीर या रबड़ी के साथ फल और सूखे मेवे भी चढ़ाए जाते हैं। आप मां ब्रह्मचारिणी के लिए इस दिन सूत फेनी का प्रसाद बना सकते हैं। दूध से बना यह प्रसाद मां को पसंद आएगा।
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चैत्र नवरात्रि दिन 3: मां चंद्रघंटा के लिए बनाएं पतिशप्ता
नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन दूध से बने तमाम व्यंजन बनाए जाते हैं। आप खीर से हटकर मां चंद्रघंटा के लिए पतिशप्ता बना सकते हैं। यह एक स्वादिष्ट बंगाली मिठाई है जो पारंपरिक रूप से मकर संक्रांति या पौष पारबोन जैसे त्योहारों के दौरान बनाई जाती है। चावल के आटे, सूजी और मैदा से पतले क्रेप्स बनाकर उन्हें खोया और नारियल से भरा जाता है। आप इसे राजगिरा या सिंघाड़े के आटे से भी बना सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि दिन 4: मां कुष्मांडा के लिए बनाएं कद्दू का हलवा
चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन, मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। इनके बारे में कहा जाता है कि मां कुष्मांडा ने अपनी दिव्य मुस्कान से ब्रह्मांड का निर्माण किया। कुष्मांडा को दिए जाने वाले भोग प्रसाद में आम तौर पर फलों और मिठाइयों के साथ-साथ कद्दू आधारित व्यंजन, जैसे कद्दू का हलवा या सब्जी, शामिल होते हैं। ये प्रसाद प्रचुरता, समृद्धि और देवी की रचनात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप इस दिन मां कुष्मांडा के लिए कद्दू का हलवा जरूर बनाएं।
चैत्र नवरात्रि दिन 5: मां स्कंदमाता के लिए बनाएं बादाम का हलवा
नवरात्रि के पांचवें दिन देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन केले, मखाने और अन्य फलों और मेवों से तैयार गई मिठाइयों और डेजर्ट का भोग प्रसाद मां को चढ़ाते हैं। ये प्रसाद मातृ प्रेम, पोषण और सुरक्षा का प्रतीक माने जाते हैं। आप इस दौरान बादाम का हलवा बनाकर भोग बना सकते हैं। बादाम का हलवा देवी मां के प्रति भक्ति, कृतज्ञता और श्रद्धा का प्रतीक है। इसे बादाम से तैयार किया जाता है, जिन्हें शुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि दिन 6: मां कात्यायनी के लिए बनाएं गुलगुले
नवरात्रि के छठे दिन योद्धा कहलाई जाने वाली देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायनी के लिए बनाए जाने वाले भोग प्रसाद में शहद, गुड़ और तिल से बने व्यंजन शामिल होते हैं, जैसे तिल के लड्डू या गुड़ की खीर। ये प्रसाद शक्ति, साहस और बाधाओं पर विजय का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आप मां कात्यायनी के लिए गुलगुले बना सकते हैं। गुलगुले स्वाद में मीठे होते हैं और गुड़ और तिल जैसी सामग्रियों से बनाए जाते हैं, जो देवी दुर्गा के प्रति भक्ति की मिठास और समृद्धि का प्रतीक हैं। नवरात्रि के दौरान प्रसाद के रूप में गुलगुले चढ़ाना भक्त की मां के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक माना है।
चैत्र नवरात्रि दिन 7: मां कालरात्रि को चढ़ाएं अनरसा
चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि को समर्पित है। ऐसी देवी जो अज्ञानता और अंधकार का नाश करती हैं। इस दिन वैसे तो माता को काले तिल, काली दाल और काले चने के साथ-साथ अन्य गहरे रंग के खाद्य पदार्थों का भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है। आप इस दिन देवी के लिए अनरसा बना सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि गहरे रंग के ये प्रसाद नकारात्मकता को दूर करने, निर्भयता और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक हैं। देवी दुर्गा को अनरसा अर्पित करना हृदय, मन और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक है।
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चैत्र नवरात्रि दिन 8: मां महागौरी को चढ़ाएं उन्नीयप्पम
नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा के दयालु और सौम्य रूप महागौरी की पूजा की जाती है। महागौरी को दिए जाने वाले भोग प्रसाद में आमतौर पर दूध और चावल से बने व्यंजन शामिल होते हैं, जैसे खीर या चावल का हलवा। ये प्रसाद पवित्रता और क्षमा प्रतीक हैं। उन्नीयप्पम स्वाद में मीठा होता है और इसे गुड़, चावल के आटे, केले और नारियल जैसी सामग्रियों से बनाया जाता है, जो मिठास, प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है। नवरात्रि के दौरान उन्नीयप्पम चढ़ाना भक्त की मां के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक है।
चैत्र नवरात्रि दिन 9: मां सिद्धिदात्री के लिए बनाएं खाजा
चैत्र नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन, भक्त आध्यात्मिक शक्तियां और आशीर्वाद प्रदान करने वाली देवी सिद्धिदात्री की पूजा और अर्चना करते हैं। सिद्धिदात्री को चढ़ाए जाने वाले भोग प्रसाद में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, फल और सूखे मेवे शामिल किए जाते हैं। आप इस दिन मां के लिए खाजा बना सकते हैं। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान प्रसाद के रूप में खाजा चढ़ाने से भक्तों को जीवन में बाधाओं और चुनौतियों को दूर करने के लिए मां से ऊर्जा और आशीर्वाद मिलता है।
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अब इन चीजों को बनाकर आप भी देवी के रूपों की पूजा करें और माता रानी को प्रसन्न करके आशीर्वाद पाएं। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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