बचपन से ही हम ये सुनते आ रहे हैं कि सीजनल फल हमारे लिए बहुत ही ज्यादा मायने रखते हैं। सीजनल फल अपनी डाइट में शामिल करना बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि उनकी वजह से हमें बहुत सारे प्रोटीन और मिनरल मिलते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ ऐसे फल भी हैं जिनके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते। कई लोगों ने उन्हें देखा तो होगा, लेकिन फिर भी उनके बारे में पता नहीं होगा।
आज हम आपको ऐसे ही कुछ फलों की लिस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत में मिलते हैं और यहीं उगाए भी जाते हैं। इन फलों को देखकर शायद आपको अच्छा लगे।
1. स्टार फ्रूट
इस फल को हिंदी में कमरख भी कहा जाता है। ये ओवल शेप का होता है और इसका ऊपरी हिस्सा वैक्स जैसे टेक्सचर का होता है।
- इस फल का गूदा बहुत क्रंची और जूसी होता है और इसमें बहुत कम मीठा होता है।
- हालांकि, पकने के बाद ये पूरी तरह से मीठा बन सकता है, लेकिन अक्सर इसमें खट्टा-मीठा टेस्ट मिलता है।
- ये पश्चिम बंगाल से लेकर दक्षिण भारत तक बहुतायत में पाया जाता है।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में इसे सब्जी के तौर पर पकाया जाता है और इससे अचार, जैम आदि भी बनते हैं।
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2. फालसा
हो सकता है इस फल के बारे में आपने सुना हो। Grewia asiatica नाम का ये फल भारत के कई हिस्सों में मिलता है।
- इसका टेस्ट कुछ-कुछ वाइन जैसा होता है और ये उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के कई हिस्सों में उगता है।
- ये कुछ-कुछ एसिडिक होता है टेस्ट में।
- ये फल शरीर को ठंडा करता है और शुरुआत में ये हरा और बाद में ये बैंगनी रंग का हो जाता है।
- इसे शरबत, अचार आदि के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है।
- उत्तर भारत में इसे गर्मी से राहत पाने के लिए खाया जाता है। इसे कच्चा भी खाया जा सकता है।
- इस फल में कई सारे चिकित्सीय गुण होते हैं और इसे सीधे चोट पर लगाकर आराम पाया जा सकता है।
3. लोटका
इस फल को लांगसत, लांगजोन, लॉन्गकॉन्क आदि नाम से भी जाना जाता है। इसे भारत, श्रलंका, म्यानमार, कंबोडिया, हवाई आदि जगहों पर पाया जाता है।
- ये फल लाइट येलो होता है जिसके छिलके में छोटे-छोटे कांटे होते हैं।
- इसमें खट्टा मीठा टेस्ट होता है और ये काफी जूसी होता है जैसे लीची।
- इसे सिरप आदि बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
- देसी इलाज की बात करें तो लोटका पेड़ की छाल को डायरिया आदि ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
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4. मैंगोस्टीन (मांगूस्टीन)
ये फल भले ही विदेशी लगे, लेकिन ये है भारतीय और इसके कई सारे फायदे होते हैं।
- ये फल दक्षिण भारत में पाया जाता है और अधिकांश नीलगिरी हिल्स, केरल आदि में मिलता है।
- ये एक ट्रॉपिकल फल है जिसका साइज छोटे नारंगी की तरह होता है।
- इसकी स्किन बैंगनी होती है और इसका गूदा सफेद रंग का होता है।
- इसे मैंगोस्टीन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका स्वाद काफी कुछ आम की तरह होता है।
- ये फल थाईलैंड का नेशनल फ्रूट है, लेकिन इसे दक्षिण भारत में 18वीं सदी से उगाया जा रहा है।
5. टारगोला या ताल
ये फल एक तरह का पाम फ्रूट (palm fruit) होता है जो गुच्छों में उगता है। इस फल का टेक्सचर नारियल जैसा होता है और बाहर से ये ब्राउन दिखता है।
- इस फल को अगर छीला जाए तो इसमें तीन या चार जेली जैसे बीज होते हैं जिनकी सॉफ्ट येलो स्किन होती है।
- इसका टेक्सचर नारियल और लीची का मिलाजुला टेक्सचर होता है।
- इसे कई जगहों पर स्थानीय शराब ताड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- ये अधिकतर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा और केरल में इस्तेमाल किया जाता है।
अगर आप चाहें तो इन फलों को जरूर खाएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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