भुज को एक रेगिस्तानी शहर के रूप में जाना जाता है। यह कच्छ क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण शहर है, जिसका इतिहास राज्यों और साम्राज्यों, नागा प्रमुखों, जडेजा राजपूतों, गुजरात सुल्तानों और ब्रिटिश राज के शासन के महलों से जुड़ा हुआ है। कई मंदिरों, छोटी गलियों और पारंपरिक हस्तशिल्प के साथ भुज भारत के अद्वितीय ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसके अलावा, भुज एक टेक्सटाइल टूरिज्म डेस्टिनेशन है, जो दुनिया भर से लाखों लोगों को आकर्षित करता है।
भुज अपने गठन की शुरुआत से ही कई शासकों के लिए गढ़ रहा है। शहर का निर्माण 1510 में राव हमीरजी द्वारा किया गया था और बाद में 1549 में यह राव खेंगरजी द्वारा राजधानी राज्य बन गया। यह शहर कच्छ की समृद्ध रियासत की राजधानी थी और आज भी यहां लोग घूमना बेहद पसंद करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी चीजों व जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिसका यहां घूमते हुए आनंद उठाया जा सकता है-
भुजिया हिल पर करें हाइकिंग
भुज में घूमते हुए भुजिया हिल पर हाइकिंग अवश्य करना यकीनन एक अच्छा एक्सपीरियंस हो सकता है। यह एक प्रमुख प्राकृतिक संरचना है जिसे धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भुजंगा की शानदार जीत से जुड़ा होता है। पहाड़ी पर बने भुजिया किले से शहर दिखाई देता है।
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भुजिया किले का निर्माण जडेजा प्रमुखों द्वारा शहर की रक्षा के लिए किया गया था। राव गोडजी प्रथम ने 1715 में निर्माण शुरू किया जो 1741 में देशलजी प्रथम के शासन के दौरान समाप्त हुआ। किले ने छह प्रमुख युद्ध देखे हैं। इस हिल की चोटी तक पहुंचने के लिए व्यक्ति को काफी चलना पड़ता है।
श्री स्वामीनारायण मंदिर में करें दर्शन
मूल रूप से वर्ष 1822 में निर्मित, श्री स्वामीनारायण मंदिर एक बेहद की प्राचीन मंदिर है। लेकिन 2001 के भुज भूकंप ने कई दिव्य देवताओं को छोड़कर इस मंदिर के अधिकांश हिस्से को नष्ट कर दिया और उसके बाद, एक नए मंदिर का निर्माण किया गया जहां सभी दिव्य मूर्तियों को स्थानांतरित किया गया। भुज में स्थित, हमीरसर झील के पास, यह संगमरमर से निर्मित यह देखने के लिए एक आश्चर्यजनक जगह है। मंदिर की पूरी तरह से सफेद संरचना निश्चित रूप से आपकी आंखों के लिए एक आकर्षण होगी।
हमीरसर झील में लगाएं डुबकी
हमीरसर झील भुज शहर का दिल है और कच्छ, गुजरात के पश्चिमी छोर में स्थित है। राजाओं ने प्राचीन काल में भुज के लोगों की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए झील का निर्माण किया था। हमीरसर झील एक चैनल और सुरंगों के साथ अच्छी तरह से विकसित थी जो शहर के जलाशयों को भरने के लिए तीन नदियों से पानी ले जाती थी। लेकिन भुज में 2001 में आए भूकंप के बाद यह जल व्यवस्था गंभीर रूप से विकृत हो गई थी। (कच्छ में करें इन ऐतिहासिक और आधुनिक स्थल की सैर)
जिसके बाद, नगर पालिका और भुज के लोगों ने एक बार फिर से अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए जल व्यवस्था को उसके मूल रूप में पुनर्जीवित करने की पहल की। इस मानव निर्मित झील का नाम जडेगा शासक राव हमीर के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने लगभग 450 साल पहले शासन किया था। राव हमीर को कच्छ में जडेजा वंश के संस्थापक राव खेंगरजी का पिता माना जाता है।
वंदे मातरम मेमोरियल में घूमें
भुज से 10 किलोमीटर की दूरी पर गुजरात के भुजोड़ी गांव में स्थित वंदे मातरम मेमोरियलएक म्यूजियम है और शहर के शीर्ष पर्यटक आकर्षणों में से एक है। 12 एकड़ भूमि क्षेत्र में फैला, स्मारक 1857 के विद्रोह से लेकर 1947 के स्वतंत्रता आंदोलन तक भारतीय सैनिकों द्वारा सामना किए गए सबसे महत्वपूर्ण संघर्षों को याद करने के लिए आशापुरा फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है।
परिसर का मुख्य आकर्षण मुख्य संग्रहालय है जिसे भारतीय संसदीय भवन की नकल करके डिज़ाइन किया गया है। इसे बनने में लगभग 4 साल का समय लगा। परिसर में एक पार्क, भारत माता की एक शानदार मूर्ति और कई अन्य आकर्षण के अलावा एक पार्क भी है।
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तो अब आप जब भी भुज जाएं तो इन चीजों का आनंद अवश्य उठाएं और अपने एक्सपीरियंस हमारे साथ फेसबुक पेज पर अवश्य शेयर कीजिएगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकीअपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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Image Credit- vmm.ashapura, gujarattourism, wikimedia
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