कनाताल उत्तराखंड में बसा एक छोटा सा खूबसूरत शहर है। यह शहर देहरादून, मसूरी और धनौल्टी के पास है। इस शहर की खासियत यह है कि यहां पर लोगों की ज्यादा भीड़ नहीं होती है। अगर आप भीड़-भाड़ से दूर किसी शांत शहर में कुछ दिन बिताना चाहते हैं तो आपको कनाताल की सैर जरूर करनी चाहिए। यह शहर चारों तरफ से बर्फ से ढके पहाड़ से घिरा हुआ है।
यहां आपको केवल बर्फ ही बर्फ देखने को मिलेगी। तो अगली बार जब भी आप उत्तराखंड में कहीं घूमने का प्लान बनाएं तो कनाताल को अपनी ट्रैवल बकेट लिस्ट में जरूर शामिल करें। लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि कनाताल में घूमने की सबसे बेस्ट जगहें कौन-सी हैं? आज इस आर्टिकल में हम आपको कनाताल के बेस्ट टूरिस्ट प्लेस से लेकर खाने और रहने तक के बारे में बताएंगे। इसलिए इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।
टिहरी लेक
टिहरी लेक आर्टिफिशियल झील है, जिसका निर्माण टिहरी बांध के दौरान किया गया था। इस झील में भागीरथ नदी का पानी भरा जाता है। यहां पर आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। बोटिंग करते वक्त आपको बेहद सुंदर-सुंदर नजारे देखने को मिलेंगे। बोटिंग के लिए आपको करीब 300-700 रूपये तक खर्च करने होंगे। इसलिए अगली बार जब भी आप कनाताल जाएं तो टिहरी लेक जाना न भूलें।
न्यू टिहरी डैम
कनाताल की सबसे खूबसूरत जगह में से एक है न्यू टिहरी डैम। यह एशिया का सबसे बड़ा बांध है। यह बांध सी लेवल से करीब 260 मीटर ऊंचा है। इसके अलावा यह दुनिया का 10वां सबसे बड़ा बांध भी है। अब आप इस बात से खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि इस बांध के आसपास का नजारा कितना खूबसूरत होगा। इसी कारण से यह कनाताल शहर का आकर्षण केंद्र है। हजारों की संख्या में यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। देश-विदेश से लोग टिहरी डैम को देखने के लिए आते हैं।
सुरकंडा देवी मंदिर
उत्तराखंड अपने प्राचीन इतिहास से लेकर मंदिरों तक के लिए जाना जाता है। यहां के हर मंदिर की अपनी अलग मान्यता है। ऐसे में अगर आप कनाताल घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां के मंदिरों के दर्शन जरूर करें। कनाताल में सुरकंडा देवी मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। यह मदिंर मां दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर कड्डूखाल से करीब 2 किमी दूर है। सुरकंडा देवी मंदिर चारों तरफ से हिमालय के पहाड़ों से घिरा है। जिसके कारण यह मंदिर और खूबसूरत लगता है।
कैंप कार्निवल कनाताल
कैंप में एक रात गुजारने का मजा ही कुछ अलग है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़, ठंडी हवाएं कैंपेनिंग के मजे को दोगुना कर देते है। अगर आप भी इसका लुफ्त उठाना चाहते हैं तो कनाताल में स्थित कैंप कार्निवल जरूर जाएं। कैंपेन, कैंपफायर के शौकीन लोगों के लिए यह जगह एकदम बेस्ट है। यहां आप अपने दोस्तों और लव्ड वन्स के साथ इंजॉय कर सकते हैं। कैंप कार्निवल कनाताल के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। हालांकि, आपको बजट का ध्यान रखना होगा। क्योंकि कैंपेनिंग का खर्चा जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग होता है। यहां पर आपको कैंपिंग की सुविधा 1500 से लेकर 2000 रूपये के बीच में आसानी से मिल जाएगी । (लैंसडाउन के बारे में जानें ये जरूरी बातें)
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कोडिया जगंल
अगर आपको फोटोग्राफी का शौक है तो कोडिया जंगल एक परफेक्ट प्लेस है। प्रकृति से रूबरू होने और ट्रैकिंग का आनंद उठाने के लिए भी आप कोडिया जंगल की सैर कर सकते हैं। यहां आपको हिरण, घोरल, ककर और वाइल्ड बर्ड की कई अन्य प्रजातियां देखने को मिलेंगी। जीप लें और पूरा जंगल घूमें। (जोशीमठ में घूमने की बेस्ट जगहें)
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कैसे पहुंचे कनाताल?
आप दिल्ली से मसूरी के लिए बस लेकर वहां से लोकल ऑटो या कैब से कनाताल पहुंच सकते हैं। कनाताल धनौल्टी और चकराता के पास है। आप चाहें तो अपनी कार से भी कनाताल जा सकते हैं। कनाताल जाने का दूसरा तरीका रेलवे रूट है। दिल्ली से देहरादून जाने वाली ट्रेन पकड़ें। फिर देहरादून से कनाताल के लिए बस या ऑटो कर सकते हैं। (कोटद्वार में कहां-कहां घूमें?)
कहां रूके?
कनाताल में आपको गेस्ट हाउस से लेकर होम स्टे तक रहने की कई जगहें मिल जाएंगी। क्योंकि कनाताल थोड़ा सा ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए आपको पहले से ही रूम की बुकिंग करके रखनी चाहिए। इससे आपको वहां जाकर किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
कनाताल में क्या खाएं?
अगर आप मैगी के अलावा कुछ और खाना चाहते हैं तो आपको पहाड़ी खाने का स्वाद चखना चाहिए। कनाताल में आपको स्पेशल चाय और छोटे-छोटे ढाबों में ककड़ी का रायता और पहाड़ी स्पेशल काले चने खाने को मिलेंगे। चना और रायता दोनों ही चीजें उत्तराखंड की शान कही जाती है। इसलिए जब भी कनाताल जाने तो इन रेसिपीज का स्वाद चखना न भूलें।
कनाताल जाने का सही समय
अगर आपको बर्फ देखनी है तो दिंसबर, जनवरी और फरवरी का महीना एकदम बेस्ट रहेगा। लेकिन यहां बर्फ इतनी ज्यादा पड़ती है कि कई बार रास्ते जाम भी हो जाते हैं। जिसके कारण आप कहीं ज्यादा घूम नहीं पाएंगे। इसलिए कोशिश करें कि आप ठंड के दौरान कनाताल न जाएं।
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