हेल्दी और ग्लोइंग स्किन पाने के लिए स्किन को एक्सफोलिएट करना बेहद जरूरी है। फेस वॉश से तो आप स्किन के उपरी सतह की गंदगी को दूर करती हैं। लेकिन डेड स्किन सेल्स को हटाने से लेकर गंदगी और अन्य अशुद्धियों को दूर करने के अलावा एक्सफोलिएशन स्किन कॉम्पलेक्शन को ब्राइटन करता है। ऐसे में सप्ताह से दस दिन के बीच एक बार स्किन एक्सफोलिएशन करना जरूरी माना गया है। लेकिन वो कहते हैं ना कि किसी भी चीज की अति क्षति का कारण बनती है। ऐसा ही कुछ स्किन एक्सफोलिएशन के साथ भी होता है। अगर आप स्किन को ओवर एक्सफोलिएट करती हैं तो इससे स्किन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और वह आपको बाहर भी साफतौर पर नजर आता है। स्किन को जरूरत से ज्यादा एक्सफोलिएट करने पर स्किन में कुछ बदलाव नजर आते हैं, जिससे आपको यह संकेत मिलते हैं कि आप स्किन को ओवर-एक्सफोलिएट कर रही हैं। तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही पांच संकेतों के बारे में बता रहे हैं-
स्किन का ऑयली होना
हो सकता है कि आपको कुछ समय से अपनी स्किन अधिक शाइनी नजर आ रही हो, लेकिन यह तेल का अतिउत्पादन हो सकता है। ओवर एक्सफोलिएशन स्किन से प्राकृतिक तेल को छीन सकती है। इसकी भरपाई करने के लिए, त्वचा सीबम का उत्पादन शुरू कर देती है जिससे त्वचा तैलीय दिखती है और छिद्र भी अवरुद्ध हो सकते हैं।
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रेडनेस और इरिटेशन
अगर आपकी त्वचा में जलन महसूस होती है या एक्सफोलिएशन के बाद लाल पैच दिखाई देते हैं तो आपको वहीं पर स्टॉप कर देना चाहिए। अमूमन यह माना जाता है, थोड़ी लालिमा या जलन का मतलब है कि उत्पाद काम कर रहा है। हालांकि यह सिर्फ एक मिथक है। यदि आपकी त्वचा एक्सफोलिएशन के बाद असामान्य महसूस करती है, तो इसका मतलब है कि आपको अपनी स्क्रबिंग रूटीन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हो सकता है कि आप स्किन को ओवर एक्सफोलिएट कर रही हों। रेडनेस एक संकेतक है कि आपने अपनी त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाया है, जिससे यह सूजन हो सकती है।
ड्राई और फ्लेकी स्किन
एक्सफोलिएशन का मुख्य उद्देश्य ड्राई और फ्लेकी स्किन से छुटकारा पाना है। लेकिन अगर आपको एक्सफोलिएशन के बाद स्किन में रूखापन अधिक महसूस होता है तो यह साफतौर पर संकेत है कि आप स्किन को ओवर एक्सफोलिएट कर रही हैं। ओवर-स्क्रबिंग से त्वचा शुष्क और परतदार हो जाती है। यह त्वचा से नेचुरल एसेंशियल ऑयल निकालता है और इसे सूखा और परतदार छोड़ देता है। अगर आपके चेहरे पर एक्सफोलिएशन के बाद ड्राई पैच हैं, तो इसका मतलब है कि आपको एक्सफोलिएशन सेशन को अब कुछ स्पेस देने की जरूरत है।
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स्किन में पफीनेस
अगर आपको अपने फेस में पफीनेस नजर आती हैं तो यह भी एक और संकेत है कि आपको एक्सफोलिएशन से ब्रेक लेने की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एक्सफोलिएशन आपकी स्किन के नेचुरल बैरियर को डैमेज करते हैं। जिसके कारण बाहरी प्रदूषकों जैसे गंदगी, कीटाणुओं, यूवी किरणों आदि से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचता है, जिससे सूजन हो जाती है। इसलिए ऐसा होने पर महीने में केवल एक बार ही एक्सफोलिएशन करें।
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अधिक ब्रेकआउट्स होना
मुँहासे की अचानक उपस्थिति भी ओवर-एक्सफोलिएशन का एक और संकेत है। अतिरिक्त सीबम उत्पादन आपके छिद्रों को बंद कर देता है, जो अंततः मुँहासों का कारण बनता है। खासतौर से, अगर आपकी स्किन एक्ने-प्रोन है तो ऐसे में ओवर एक्सफोलिएशन इसे और भी खराब कर देगा। स्क्रबिंग सूजन को और बढ़ा सकती है या अधिक झाइयों का कारण बन सकती है। इसलिए एक्सफोलिएशन के बाद आपको ब्रेकआउट्स की समस्या हो रही हैं तो बेहतर होगा कि आप स्क्रबिंग से कुछ वक्त के लिए ब्रेक लें।
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