त्वचा को बेदाग रखना बेहद मुश्किल काम है। कभी स्किन पर दाने हो जाते हैं, तो कभी डार्क स्पॉट्स। रिंकल्स, एक्ने और हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या हो जाती है। हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण चेहरा बेकार नजर आता है। इसके कारण चेहरे पर दाग-धब्बे होने लगते हैं।
सेलिब्रिटी डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. चित्रा आनंद सोशल मीडिया पर त्वचा और बालों से संबंधित जानकारी शेयर करती हैं। हाल ही, में उन्होंने एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने हाइपरपिग्मेंटेशन के कारण और ट्रीटमेंट के बारे में बताया है।
क्या है हाइपरपिग्मेंटेशन?
हाइपरपिग्मेंटेशन एक स्किन कंडीशन है,जिसमें त्वचा के कुछ एरिया डार्क होते हैं। इसका कारण शरीर में मेलानिन की कमी के कारण यह समस्या होने लगती है। यह चेहरे पर डार्क स्पॉट्स, फ्रेकल्स, एज स्पॉट और स्किन डार्कनिंग के रूप में नजर आते हैं।
हाइपरपिग्मेंटेशन के प्रकार
- यूवी एक्सपोजर के कारण त्वचा पर ब्राउन स्पॉट्स दिखने लगते हैं। इसे एज स्पॉट्स कहा जाता है।
- फ्रेकल्स नाक और गालों के आसपास नजर आते हैं। यह समस्या अनुवांशिक होती है। साथ ही, आसानी से दिख जाती है।
- मेलास्मा में हार्मोन के कारण त्वचा पर डार्क स्पॉट्स होने लगते हैं।
- चोट और इंजरी के कारण जब त्वचा पर डार्क स्पॉट्स दिखने लगते हैं, चो इसे पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहा जाता है। पिंपल स्पॉट भी इस समस्या का एक कारण है।
हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से छुटकारा कैसे पाएं?
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हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को कम किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी।
सनस्क्रीन का करें इस्तेमाल
सनस्क्रीन स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इसके उपयोग से टैनिंग की समस्या नहीं होती है। साथ ही, एजिंग के साइंस भी कम नजर आते हैं। अगर आप हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या की से जूझ रही हैं, तो आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
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केमिकल पील्स
केमिकल पील्स एक तकनीक है, जिसके जरिए त्वचा के टेक्सचर को स्मूद किया जाता है। हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या होने पर आप केमिकल पील ट्रीटमेंट का सहारा ले सकती हैं।
चेहरे पर लगाएं लाइटनिंग क्रीम
क्या आप हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या से परेशान हैं, तो इस स्थिती में आपको चेहरे पर लाइटनिंग क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। स्किन लाइटनिंग क्रीम के जरिए स्किन टोन बेहतर हो जाती है।
रेटिनॉइड
रेटिनॉइड कंपाउडर का एक क्लास है, जो विटामिन ए से पाया जाता है। आपको बाजार में रेटिनॉइड्स से बने प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे। रेटिनॉइड्स के उपयोग से त्वचा निखर जाती है। यह त्वचा में कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाने का काम करती है। साथ ही, झुर्रियां और रिंकल्स की समस्या नहीं होती है।
लेजर थेरेपी
लेजर थेरेपी के जरिए भी यह परेशानी को कम किया जा सकता है। यह एक लेजर डिवाइस है, जिसमें इलेक्ट्रोमेग्नेटिक रेडिएशन होती है। लेजर लाइट से स्किन टोन को बेहतर किया जाता है।हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को कम करने के लिए आप ये ट्रीटमेंट ट्राई कर सकती हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो, तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit: Freepik
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