करवा चौथ का व्रत भारतीय संस्कृति और परंपराओं का त्योहार माना जाता है। यह विवाहित महिलाओं के लिए अपने पति की दीर्घायु सुख और समृद्धि की कामना का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके चंद्रमा की पूजा करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि यह पारिवारिक एकता, प्रेम और समर्पण को भी मजबूत करता है। करवा चौथ व्रत की कई दिनों पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं और महिलाएं कपड़ों, गहनों और श्रृंगार की सामग्री की खरीदारी शुरू कर देती हैं। इस व्रत को लेकर गूगल ट्रेंड्स में भी कई सवाल पूछे जा रहे हैं और इस पर्व का ट्रेंड अभी कुछ दिनों से बहुत ज्यादा दिखाई दे रहा है। ऐसे में हम आपको करवा चौथ 2025 (Karwa Chauth Date 2025) की पूरी जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें इस व्रत की तिथि, पूजा की सामग्री, पूजा विधि और करवा चौथ के शुभ रंगों के बारे में बता रहे हैं। इन सभी सवालों के जवाब के लिए हमने ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से बात की। आइए उनसे जाने करवा चौथ व्रत से जुड़ी सभी जानकारियां।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाया जाता। इस साल यह पर्व 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा।
करवा चौथ की पूजा के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता होती है और इनके बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अन्य किसी भी पूजा की ही तरह पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पूर्ण (Karwa Chauth Puja Samagri) और सही होनी चाहिए। आइए आपको बताते हैं पूजा में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक सामग्री के बारे में-
सिंदूर या रोली- करवा चौथ की पूजा में सिंदूर का इस्तेमाल सुहाग के प्रतीक के रूप में किया जाता है वहीं रोली को किसी भी पूजा का मुख्य हिस्सा माना जाता है और इसका तिलक लगाने से शुभता आकर्षित होती है।
करवा मिट्टी या धातु का- करवा चौथ की सबसे मुख्य सामग्री करवा को माना जाता है। यह एक ऐसा पात्र होता है जिससे आप चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और इसी से पूजन किया जाता है।
करवा की सींकें- करवा चौथ में पूजा में विशेष प्रकार की सींकों का इस्तेमाल किया जाता है और कुछ विशेष स्थानों पर इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। यह सींक करवा के मुंह में रखी जाती हैं और 7, 11, 21 या 28 की संख्या में रखी जाती हैं। इन्हीं सींकों का इस्तेमाल बाद में गोवर्धन की पूजा के लिए भी किया जाता है।
स्वच्छ जल- पूजा की शुद्धता और पवित्रता के लिए जल का इस्तेमाल किया जाता है और जल से ही चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है।
पूजा थाली- करवा चौथ की थाली पूजा (Karwa Chauth Thali) के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है जिसमें दीपक, फूल, मिठाई और सात अनाज रखे जाते हैं।
सात अनाज- सात अनाज करवा चौथ की पूजा थाली में मुख्य रूप से रखे जाते हैं। 7 अनाजों में गेहूं, चावल, जौ, मक्का, ज्वार, बाजरा और राई शामिल हैं। इन अनाजों को किसी भी पूजा में बहुत शुभ माना जाता है।
फूल और अक्षत- भगवान की आराधना और आशीर्वाद के लिए करवा चौथ की पूजा में फूल अर्पित किए जाते हैं और अक्षत का इस्तेमाल करवा को भरने के लिए किया जाता है।
सिंदूरदानी- सिंदूरदानी से माता गौरा को सिंदूर चढ़ाया जाता है और इसे सुहाग की निशानी के रूप में स्वयं भी मांग में लगाया जाता है।
करवा चौथ की पूजा विधि में विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी माना जाता है। आइए आपको बताते हैं इस व्रत की पूजा विधि के बारे में-
करवा चौथ के दिन अगर आप कुछ शुभ रंग के कपड़े पहनेंगी तो इसके आपके वैवाहिक जीवन में शुभता बनी रहती है और सामंजस्य बना रहता है। आइए जानें उन शुभ रंगों के बारे में-
लाल रंग- अगर आप करवा चौथ के दिन लाल रंग के कपड़ों में पूजा करती हैं तो इससे आपके और पति के बीच हमेशा प्रेम बना रहता है। लाल रंग को सुहाग और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
गुलाबी रंग- अगर आप करवा चौथ की पूजा में गुलाबी रंग के कपड़े पहनती हैं तो आपके बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेद भी दूर होते हैं। अगर पति-पत्नी के बीच किसी भी तरह की अनबन है तो वो दूर हो सकती है।
पीला रंग- पीला रंग धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। अगर आप करवा चौथ के दिन पीले रंग के कपड़ों में पूजा करेंगी तो आपको हमेशा पति का पूरा सहयोग मिलेगा।
इसके साथ ही, अगर आप करवा चौथ के दिन राशि अनुसार शुभ रंग के कपड़े पहनेंगी तो इसका शुभ प्रभाव भी आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा बना रहेगा।
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना में रखती हैं। मान्यता है कि अगर आप इस दिन व्रत का पालन करती हैं और करवा चौथ की पूजा विधि के अनुसार करती हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और परिवार में प्रेम और सौहार्द बना रहता है। इसे केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि एक महिला की भक्ति और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस व्रत के दौरान की गई पूजा और नियम आपके जीवन में समृद्धि लाने में मदद करते हैं। करवा चौथ के दिन श्रद्धा और भक्ति से किया गया हर कर्म पति की आयु और परिवार के सुख-शांति के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए यह पर्व आत्म-संयम, धैर्य और श्रद्धा का संदेश भी देता है।
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अगर आप करवा चौथ के दिन सही नियमों का पालन करते हुए विधि-विधान के साथ पूजन करती हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में हमेशा सामंजस्य बना रहता है।
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