हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत सभी सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ पतिव्रता धर्म का प्रतीक है।
महिलाएं अपने पति के प्रति प्रेम और समर्पण दिखाने के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
सुहागिन महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करती हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा और माता करवा की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में करवा चौथ व्रत के लिए पूजा की सामग्री क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जाते हैं।
करवा और ढक्कन - मिट्टी या तांबे का करवा और उसका ढक्कन इस पूजा का मुख्य अंग माना जाता है।
चंदन - पूजा के लिए शुद्ध चंदन का इस्तेमाल किया जाता है।
अक्षत - चावल के दाने जो पूजा में चढ़ाए जाते हैं।
फूल - ताजे फूल जैसे गुलाब, मोगरा आदि।
दीपक - घी का दीपक जलाया जाता है।
धूप - अगरबत्ती या धूप की अगरबत्ती
रोली - तिलक लगाने के लिए रोली का इस्तेमाल होता है।
मौली - लाल मौली से करवा बांधा जाता है।
मिठाई - पूजा के बाद प्रसाद के रूप में मिठाई चढ़ाई जाती है।
इसे जरूर पढ़ें - विवाह में आ रही हैं अड़चनें तो मां पार्वती के इन मंत्रों का करें जाप, जल्द ही मिलेगा अच्छा वर
फल - विभिन्न प्रकार के फल जैसे सेब, केला, अंगूर आदि।
कलश - पानी से भरा हुआ कलश स्थापित किया जाता है।
पान और सुपारी - पान और सुपारी को पूजा में शामिल किया जाता है।
सींक - पूजा के लिए सींक का इस्तेमाल किया जाता है।
पीली मिट्टी - मां गौरी को प्रसन्न करने के लिए पीली मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है।
इसे जरूर पढ़ें - Karwa Chauth 2024: पहली बार करने जा रही हैं करवा चौथ का व्रत, तो जरूर करें इन नियमों का पालन
हल्दी - हल्दी को शुभ माना जाता है और इसे पूजा में शामिल किया जाता है।
लकड़ी का आसन - पूजा के लिए आसन बिछाया जाता है।
देसी घी - दीपक जलाने के लिए देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है।
कच्चा दूध, दही, शहद, शक्कर का बूरा: ये सभी चीजें करवे में भरकर चंद्रमा को अर्पित की जाती हैं।
करवा चौथ के दिन बायना एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसमें बहू अपनी सास को उपहार देती है। यह प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। बायना में बादाम, काजू, पिस्ता, सोलह श्रृंगार, वस्त्र, आदि।
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले की सरगी बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। बर्फी, पेड़ा, लड्डू आदि तरह-तरह की मिठाइयां, बादाम, काजू, पिस्ता, सेब, अंगूर, केला आदि। सरगी की परंपरा बहुत पुरानी है। यह सास द्वारा बहू को आशीर्वाद देने और उसके सुखी जीवन की कामना के लिए दी जाती है।
सिंदूर, मेहंदी, आलता, कमरबंद, पायल, मांग टीका, झुमके, मंगलसूत्र, बाजूबंद. बिछिया, नथ, बिंदी, गजरा, अंगूठी, काजल और चूड़ियां आदि। सोलह श्रृंगार सुहाग का प्रतीक माना है। इसलिए करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार जरूर करें।
करवा, छलनी, दीपक, अक्षत, कुमकुम, रोली, मिठाई, सूखे मेवे, सिंदूर, फल, चंदन, आटे की लोई का दीया, तांबे का लोटा आदि।
करवा चौथ के दिन चांद की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। इइसलिए पूजा के लिए सामग्री में थाली, अक्षत, कुमकुम, जल, मिठाई, दीपक, नैवेद्य आदि।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।