करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और प्रिय व्रतों में से एक है। यह व्रत सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के अटूट प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है। इस दिन विवाहित महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद देखकर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को पूरे श्रद्धा और नियमों से करने पर न सिर्फ पति की लंबी आयु होती है, बल्कि दांपत्य जीवन में खुशियां, शांति और समृद्धि भी बनी रहती हैं।
करवा चौथ के दिन किए जाने वाले कार्यों का सीधा असर व्रत के फल पर पड़ता है, जैसे कुछ कार्य शुभ माने जाते हैं, वैसे ही कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इन गलतियों से व्रत की पवित्रता और श्रद्धा दोनों पर असर पड़ता हैं। कई बार महिलाएं अनजाने में कुछ ऐसे काम कर लेती हैं, जो व्रत के नियमों के विपरीत होते हैं और इससे व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाता। इसलिए, व्रत करने वाली महिलाओं को विशेष सावधानियां रखनी चाहिए।
आइए विस्तार से जानते हैं कि करवा चौथ के दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए और किन नियमों का पालन करने से व्रत अधिक फलदायी और शुभ बन सकता है। इन बातों को हमारे साथ जाने-माने एस्ट्रोलॉजर सिद्धार्थ एस. कुमार शेयर कर रहे हैं।
इस दिन रसोई में प्याज, लहसुन, मांसाहार या मद्यपान जैसे तामसिक पदार्थों का प्रयोग वर्जित माना गया है। व्रत रखने वाली महिला तो इनसे दूर रहती ही है, घर के अन्य सदस्यों को भी इस दिन सात्त्विक भोजन करना चाहिए। तामसिक भोजन वातावरण की पवित्रता को नष्ट करता है।
करवा चौथ का व्रत निर्जला उपवास होता है, यानी सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक न तो अन्न ग्रहण किया जाता है और न ही जल। यह नियम व्रत की आत्मनिष्ठा और शक्ति का प्रतीक है। अगर स्वास्थ्य कारणों से पूरी तरह निर्जल रहना संभव न हो, तो सिर्फ डॉक्टर की सलाह से फलाहार लिया जा सकता है।
करवा चौथ के दिन सच्चाई, शुद्धता और विनम्रता का पालन करना जरूरी होता है। इस दिन झूठ बोलना, कटु वचन कहना या किसी का दिल दुखाना व्रत के पुण्य को कम करता है। इसलिए, दिन-भर अपने व्यवहार में मधुरता और शांति बनाए रखें।
इस दिन सजना-संवरना शुभ माना जाता है, लेकिन इसे दिखावे या बाहरी आकर्षण के लिए न करें। सौंदर्य का उद्देश्य देवी पार्वती के रूप का स्मरण और सौभाग्य का सम्मान है, न कि प्रदर्शन। इसलिए, मेकअप या आभूषणों का उपयोग मर्यादित और श्रद्धा-भाव से करें।
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम और सौहार्द का पर्व है। इसलिए, इस दिन किसी प्रकार का झगड़ा, बहस या क्रोध करना वर्जित माना गया है। नकारात्मक विचार या कटु व्यवहार देवी पार्वती की कृपा में बाधा डाल सकते हैं।
लोक मान्यता के अनुसार करवा चौथ के दिन सुई, कैंची या धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह दिन पूर्ण शुभता का प्रतीक है और इन वस्तुओं का प्रयोग अशुभ माना जाता है। इस दिन कई घरों में सिलाई या काट-छांट का काम बिल्कुल नहीं किया जाता।
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करवा चौथ के दिन पूरे दिन को पूजा, ध्यान और भक्ति के लिए समर्पित करना चाहिए। इस दिन ज्यादा सोना या आलस्य में समय बिताना अनुचित माना गया है। व्रत का अर्थ केवल उपवास नहीं, बल्कि मन, वचन और कर्म की शुद्धता है।
करवा चौथ का सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि व्रत केवल चंद्र दर्शन के बाद ही खोला जाए। चांद को अर्घ्य दिए बिना भोजन या जल ग्रहण करना व्रत का उल्लंघन माना जाता है। इसलिए, धैर्य रखें और विधि-विधान के अनुसार व्रत खोलें।
करवा चौथ के दिन माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की विधिवत पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा के दौरान मन को एकाग्र रखें और मोबाइल या अन्य व्यर्थ बातों में ध्यान न भटकाएं। पूजा में श्रद्धा और पूर्ण समर्पण होना चाहिए।
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आप भी करवा चौथ के दिन इन कामों से बचें और बताए गए नियमों का पालन करें, ताकि व्रत की पवित्रता और श्रद्धा बनी रहे। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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