प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने काफी मुश्किल भरे माने जाते हैं, इन दिनों खास रख-रखाव की जरूरत होती है। खासकर गर्भ ठहरने के बाद किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि को लेकर खास सतर्कता बरतनी होती है। ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में योग या एक्सरसाइज करना कितना सही है और इन दिनों किस तरह के योगासन का अभ्यास करना लाभकारी हो सकता है? अगर आपके मन में भी कुछ ऐसे ही सवाल हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी हो सकता है।
दरअसल, हमनें इस बारे नोएडा की योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल से बातचीत की और उनसे मिली जानकारी यहां हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी में हर महिला को जरूर खाने चाहिए ये न्यूट्रिएंट्स, मां और बच्चा दोनों रहेंगे सेहतमंद
योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल कहती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान योग करना बेहद लाभकारी होता है, यह आपको कई तरह की समस्याओं से बचाता है। जैसे कि प्रेग्नेंसी के दौरान रिलैक्सिन हॉर्मोन काफी मात्रा में बनता है, जिसका काम पेल्विस के पास की हड्डियों को लचीला बनाना है ताकि गर्भ का सही विकास हो सके। पर वहीं यह रिलैक्सिन हॉर्मोन शरीर के दूसरे हिस्सों की हड्डियों को भी लचीला बन देता है, जिसके चलते साइटिका या स्लिप डिस्क की समस्या भी हो सकती है। लेकिन अगर आप प्रेग्नेंसी में नियमित रूप से योग करती हैं, तो ऐसी समस्याओं का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
देखा जाए तो प्रेग्नेंसी के दौरान योग करना बेहद लाभकारी है, लेकिन इसके साथ कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे कि किसी प्रेग्नेंट महिला को हमेशा किसी योग प्रशिक्षक या एक्सपर्ट की देख-रेख में योगासन करना चाहिए। साथ ही इस दौरान किसी भी जटील योग का अभ्यास करने से बचना चाहिए ताकि गर्भ को कोई नुकसान न हो। साथ ही योग करने से पहले बॉडी को वार्म अप जरूर कर लें ताकि अचानक से शरीर के तापमान में आया बदलाव गर्भ के लिए हानिकारक न हो।
यह विडियो भी देखें
अब बात करतें हैं प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने यानि पहले ट्राईमेस्टर में किस तरह के योग का अभ्यास करना चाहिए। तो इस बारे में योगा एक्सपर्ट त्रिधा जायसवाल बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीनों में आपको ऐसे योगासन करने चाहिए जिससे कि पीठ और कमर के मसल्स मजबूत हों ताकि आगे गर्भ का भार सहने में आपको आसानी हो। इसके लिए आप ताड़ासन, वीरभद्रासन, त्रिकोणासन, मलासन और शिथिलासन का अभ्यास कर सकती हैं।
इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए सुखासन में बैठ कर डीप ब्रीदिंग करना भी मानसिक सेहत के लिए लाभकारी होता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले मूड स्विंग से निजात मिल सकती है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के साथ ही महिला को कई तरह के शारीरिक बदलावों के दौर से गुजरना होता है, जिसके कारण उसे मानसिक उलझने भी होती हैँ। ऐसी स्थिति में योग आपके मानसिक तनाव को कम करने में मददगार हो सकता है।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी और अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें। साथ ही अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
यह भी पढ़ें- महिलाएं प्रेग्नेंसी और पीरियड्स के दौरान कर सकती हैं ये 3 योग
वहीं अगर आपके पास भी सेहत से जुड़ी कोई समस्या या सवाल है तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपकी समस्या के बारे में एक्सपर्ट से जानकारी हासिल करके आप तक पहुंचाएंगे। इसके लिए आप अपने सवाल हमें इस ईमेल आईडी (yashodhara.virodai@jagrannewmedia.com) पर भेज सकते हैं।
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।