क्‍या आप जानते हैं खाना खाने से पहले हम हाथ, पैर और चेहरा क्यों धोते हैं?

खाना खाने से पहले हाथ, पैर और चेहरे धोने की आदत सिर्फ हाइजीन से जुड़ी नहीं है, बल्कि यह पाचन में सुधार करती है और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ाती है। साथ ही, सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने में भी मदद करती है। आइए इसके वैज्ञानिक महत्व के बारे में जानें।
washing hands before eating, feet and face benefits

खाना खाने से पहले हाथों, पैरों और चेहरे को धोने की आदत सिर्फ पर्सनल हाइजीन तक ही सीमित नहीं है। यह आदत हमारे शरीर के भीतरी अंगों को भी एक्टिव करती है। आयुर्वेद में, पाचन प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना जाता है, और इसे 'पाचन अग्नि' कहा जाता है। यह अग्नि हमारे शरीर की ऊर्जा को प्रदर्शित करती है, जो भोजन को पचाने और उसे पोषण में परिवर्तित करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया मेंटल हाइजीन और शांति का भी प्रतीक है।

धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, हाथ, पैर और चेहरे धोने का अर्थ है, भोजन को श्रद्धा के साथ ग्रहण करना। यह एक परंपरा है, जो पीढ़ियों से चली आ रही है, जो हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती है। इसलिए, खाना खाने से पहले अपने हाथ, पैर और चेहरे को धोने की आदत सिर्फ हाइजीन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाती है। आइए, हम जानते हैं कि इस आदत को अपनाने की वजह क्या हैं और यह हमारे पाचन पर कैसे असर डालती है। इसके बारे में हमें आयुर्वेद डॉक्टर और हेल्थ कोच डॉ. ऐश्वर्या संतोष बता रही हैं।

एक्‍सपर्ट की राय

water for detox

एक्‍सपर्ट का कहना है, ''हाथ-पैरों पर ठंडा या रूम टेम्‍परेचर का पानी डालना डाइजेशन को बेहतर करता है। शायद आपके दिमाग में भी यही सवाल आ रहा होगा कैसे? तो हम आपको बता दें कि जब हाथ-पैरों पर पानी डाला जाता है, तब वे थोड़े ठंडे हो जाते हैं, ऐसा आपने भी महसूस किया है? यह ठंडा अहसास शरीर को अपने मूल तापमान को पेट पर केंद्रित करने में मदद करता है। इसलिए, अपने हाथों, पैरों और चेहरे को ठंडा करके, हम पाचन अग्नि को बढ़ा सकते हैं, जिससे शरीर के लिए हमारे द्वारा खाए गए भोजन को प्रोसेस करना और पचाना आसान हो जाता है।''

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हाइजीन

हाइजीन का पहला उद्देश्य शरीर से बैक्‍टीरिया और गंदगी को दूर करना है। हमारे हाथों, पैरों और चेहरे पर दिन-भर कई तरह के गंदगी और बैक्टीरियाजमा होते रहते हैं। जब हम भोजन करते हैं, तब इन तत्वों का हमारे शरीर में प्रवेश करने का खतरा बढ़ जाता है। हाथ, पैर और चेहरे को धोने से हम इन हानिकारक तत्वों को दूर कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है।

पाचन में सुधार

benefits of washing hands before eating digestion

क्या आप जानते हैं कि सिर्फ हाइजीन ही नहीं, बल्कि धोने की यह प्रक्रिया हमारे पाचन को भी बेहतर बनाती है? जब हम अपने हाथों और पैरों पर ठंडा या कमरे के तापमान का पानी डालते हैं, तब यह हमारे शरीर के तापमान को प्रभावित करता है। यह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो पाचन क्रिया को सही रखती है। इसके अलावा, आयुर्वेद के अनुसार, पाचन अग्नि भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करती है। जब यह सक्रिय होती है, तब हमारा शरीर भोजन को आसानी से पचाता है, जिससे बेहतर पोषण मिलता है।

सकारात्मक आदतें

यह प्रक्रिया हमें सकारात्मक दिनचर्या अपनाने के लिए प्रेरित करती है। बच्चों को यह आदत सिखाने से वह हेल्‍दी रहते हैं और हाइजीन के महत्व को समझते हैं। इससे न सिर्फ पर्सनल हेल्‍थ को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में हाइजीन के प्रति जागरूकता भी फैलती है।

अच्‍छा रहता है मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य

mental-health

खाना खाने से पहले सफाई की यह प्रक्रिया अपनाने से मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य भी सही रहता है। हाथ, पैर और चेहरे धोने से मन में शांति और संतुलन आता है। यह हमें भोजन के प्रति श्रद्धा और आभार के साथ ग्रहण करने के लिए तैयार करता है। एक शुद्ध मन और शरीर के साथ भोजन करने से इमोशनल और मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक पहलू

भारत जैसे देशों में, भोजन से पहले हाथ, पैर और चेहरे को धोने की परंपरा भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह न सिर्फ हाइजीन का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे मन को भी शुद्ध करता है, जिससे हम भोजन को श्रद्धा और आभार के साथ ग्रहण कर सकते हैं। दूसरे शब्‍दों में आप कह सकते हैं कि यह समाज में स्वास्थ्य और सम्मान की भावना को भी बढ़ावा देता है। कई धर्मों में भोजन को एक पवित्र क्रिया माना जाता है और इसे श्रद्धा से ग्रहण करने से पहले सफाई की प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

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इसलिए, खाना खाने से पहले हाथ, पैर और चेहरे धोने की आदत को अपनाना न सिर्फ आसान है, बल्कि प्रभावशाली कदम है। इससे पाचन और मानसिक स्वास्थ्य अच्‍छा रहता है और सांस्कृतिक पहचान भी मजबूत होती है। हमें इस आदत को बनाए रखना चाहिए, न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी, ताकि वे एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जी सकें।

अगर आपको भी हेल्‍थ से जुड़ी समस्‍याओं के लिए जान‍कारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

Image Credit: Freepik

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