सुबह का समय हो तो दिमाग में सिर्फ जल्दबाजी ही रहती है। अमूमन देखने में आता है कि लोग अपना सुबह का मील ही स्किप कर देते हैं। हालांकि, इसे हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। यही वजह है कि लोग ब्रेकफास्ट में कुछ क्विक रेसिपीज ढूंढते हैं। बहुत से लोग नाश्ते में जूस या फिर स्मूथीज लेना काफी पसंद करते हैं। यह झटपट बन जाती हैं और एक न्यूट्रिशन रिच ब्रेकफास्ट ऑप्शन साबित होती हैं।
हालांकि, आपके कभी इस बात पर विचार किया है कि आपके लिए स्मूथीज या जूस में से किसका सेवन करना अधिक अच्छा है। शायद नहीं, क्योंकि हम इन दोनों को ही हेल्दी ऑप्शन मानते हैं। यूं तो यह पूरी तरह से आपकी हेल्थ पर निर्भर करता है कि आपको इनमें से किसका सेवन करना चाहिए। लेकिन फिर भी जूस या स्मूथीज को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करने से पहले आपको यह समझना चाहिए कि कौन सा ऑप्शन अधिक बेहतर है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि आपको नाश्ते में जूस या स्मूथीज में से किसका सेवन करना चाहिए-
न्यूट्रिशन वैल्यूज
जब बात स्मूथीज और जूस के न्यूट्रिशन वैल्यूज की बात हो तो ऐसे में स्मूथीज का सेवन करना काफी अच्छा माना जाता है। दरअसल, स्मूथीज बनाते समय दूध, फल, सब्जियों व नट्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है। जब इसे बनाया जाता है तो इसे छाना नहीं जाता है, जिससे इनमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, ओमेगा-3, एंटी-ऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ फाइबर भी अधिक होता है। यह आपको लंबे समय तक फुलर रखता है और इससे आप अधिक एनर्जेटिक फील करते हैं। जबकि जूस को फलों का रस निकालकर बनाया जाता है। इसकी न्यूट्रिशन वैल्यूज गूदे के साथ ही निकल जाती है। आपको केवल कुछ हद तक विटामिन सी और शुगर मिलती है। फाइबर के बिना जूस में मौजूद शुगर ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती है।
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सुविधाजनक
सुबह के समय में हम सभी जल्दबाजी में होते हैं और इसलिए अधिक सुविधाजनक ऑप्शन चुनना चाहते हैं। ऐसे में भी स्मूथीज लेना अधिक अच्छा रहता है। स्मूथीज बनाने के लिए आप सभी चीजों को तुरंत ब्लेंड कर लेते हैं और उसे पीते हैं। जबकि जूस बनाने के लिए आपको कुछ तैयारी की जरूरत होती है। साथ ही साथ, बाद में सफाई के लिए भी अधिक समय की जरूरत होती है।
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अगर हो यह समस्या
यूं तो स्मूथीज को हमेशा ही जूस से कहीं अधिक बेहतर ऑप्शन माना जाता है। लेकिन कुछ ऐसी कंडीशन होती हैं, जब जूस का सेवन करना अच्छा रहता है। मसलन, अगर किसी को लिवर से जुड़ी कोई समस्या है या फिर किसी को बुखार है और उसे भूख कम लग रही है तो ऐसे में वह जूस ले सकता है। इसमें फाइबर कंटेंट कम होने के कारण आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकता है। इतना ही नहीं, जूस आपको इंस्टेंट एनर्जी देने में भी मदद करेंगे, जिससे आपको बीमारी में बेहतर महसूस होगा।
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Image Credit- freepik
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