पूरे दिन के काम और थकान के बाद रात को चैन की नींद कौन नहीं सोना चाहता है। लेकिन ऐसे में अगर आपका साथी सोने के वक्त जोर-जोर से खर्राटे लेने लगे तो आपका दिमाग खराब हो जाता है। समझ में नहीं आता की खुद सोया जाए या साथी को सोने दें। लेकिन क्या आपने कभी इन खर्राटे के आने की वजह जाननी चाही है? ऐसे क्या कारण है कि खर्राटे आते हैं और कैसे बचा जाएं इनसे। कभी-कभी खर्राटे लेना साधारण लगता है, लेकिन जब यह बीमारी का रूप ले ले तो समस्या गंभीर हो जाती है। आइए जानते हैं कि खर्राटे क्यों आते हैं और कैसे इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
खर्राटे क्या होते हैं?
जब इंसान सोता है तो नींद में जोर-जोर से सांस लेता है या एक तेज आवाज और वाइब्रेशन होती है, उसे खर्राटे कहते हैं। नाक या मुंह किसी से भी खर्राटे की आवाज आ सकती है। खर्राटे हेल्थ के लिए परेशानी भी बन सकते हैं, अगर इनका इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो स्लीप एप्निया हो सकता है। यह समस्या आपकी नींद में बाधा तो डालती ही है, साथ में शरीर को भी नुकसान भी पहुंचा सकती है।
क्यों आते हैं खर्राटे?
लोगों में आमधारणा यह है कि खर्राटे अधिक थकान के वजह से आते है। लेकिन असल में ऐसा नहीं है। खर्राटे आने की मुख्य वजह है सांस में रुकावट आना। जब इंसान सोता है तो उसके मुंह और नाक के अंदर से हवा ठीक तरह से नहीं निकल पाती। यही वजह है कि खर्राटे की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। कुछ लोगों में नाक की हड्डी टेढ़ी होती है, जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है। बाद में इसी कारण खर्राटे आने लगते हैं। कभी-कभी इंसाने की नाक में मांस अधिक मात्रा में बढ़ जाता है, जिसके कारण भी खर्राटे आते हैं।
वजन का बढ़ना भी खर्राटों को दावत देने जैसा है। जब किसी का वजन सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तो उसकी गर्दन पर ज्यादा मांस लटकने लगता है। लेटते समय यही हिस्सा ठीक से सांस नहीं लेने का कारण बन जाता है। इसकी वजह से सांस की नली दब जाती है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है और खर्राटे आसानी से हावी हो जाते हैं।
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बदलते मौसम में भी खर्राटो का आना भी एक कारण है। गर्मियों के अपेक्षा सर्दियों के दिनों में अधिक खर्राटे आते हैं, क्योंकि सर्दियों कभी-कभी नाक बंद हो जाती है, जिसकी वजह से सांस लेने में परेशानी होती है। कई बार लोग सही तरीके से सोते नहीं है, जिसके वजह से सांस लेने और छोड़ने में रुकावट आने लग जाती है। इससे सांस लेने के साथ अधिक वाइब्रेशन होने लगती है, जो खर्राटे का कारण बनती है।
खर्राटों से ऐसे बचें
वजन को घटाएं- वजन के कारण शरीर में अधिक चर्बी हो जाती है, जिसके कारण खर्राटे आने शुरु हो जाते हैं। वजन कम कर के आप खर्राटे को रोक सकते हैं।
व्यायाम या योगासन की मदद से- अनुलोम-विलोम, प्राणायाम और भ्रामरी जैसे आसनों के जरिए आप इस समस्या से आसानी से निजात पा सकती हैं।
एक साइड मुंह करके सोएं- आपके सोने के तरीके पर भी निर्भर करता है कि क्या आप सही तरीके से सोईं हैं या नहीं। कभी भी आप पीठ के बल ना सोएं।
धूम्रपान से बचें- धूम्रपान आपके शरीर के लिए नुकसानदेह है, साथ ही यह खर्राटे आने की वजह भी बनता है। धूम्रपान करने से बचें।
नींद पूरी करें- महिलाओं के लिए नींद पूरी ना होना भी खर्राटे को दावत देने जैसा है। कम से कम 7 घंटे जरूर सोएं और अगर 8 घंटे सोती हैं तो यह आपके शरीर के लिए उत्तम है।