हम रोजाना अपनी सेहत को लेकर कई छोटी-छोटी समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं, जैसे हर सुबह उठते ही शरीर में जकड़न महसूस होना, जोड़ों में हल्का दर्द रहना, दिनभर थकान बने रहना या पैरों और हाथों में सूजन महसूस होना। अक्सर हम इन लक्षणों को उम्र, तनाव या काम की थकावट मानकर टाल देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे शरीर के भीतर बढ़ रही कोई हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती है?
जी हां, ऐसी ही एक गंभीर समस्या यूरिक एसिड का बढ़ना है। यह धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करता है। जब तक इसके लक्षण साफ दिखते हैं, तब तक नुकसान शुरू हो चुका होता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान, प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन, कम पानी पीना और घंटों तक बैठे रहना हमारे मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। इस प्रक्रिया के धीमे होने से शरीर में बनने वाला यूरिक एसिड ठीक से बाहर नहीं निकल पाता और धीरे-धीरे यह रक्त और जोड़ों में जमा होने लगता है। इसके कारण कभी पैरों में सूजन आती है, तो कभी थकान लगने लगती है। इससे शरीर में क्या-क्या बदलाव आते हैं, चलिए होम्योपेथी डॉ. आर.पी डिमरी से जानें।
यूरिक एसिड क्या होता है और क्यों बढ़ता है?
यूरिक एसिड एक वेस्ट प्रोडक्ट है जो शरीर में प्यूरिन नामक कंपाउंड के टूटने से बनता है। प्यूरिन ज्यादातर प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों जैसे रेड मीट, मछली, दालें और कुछ सब्जियों में पाया जाता है। जब शरीर में इसकी मात्रा अधिक हो जाती है या किडनी इसे ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह खून में जमा होकर जोड़ों, टिश्यू और किडनी में क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है।
यूरिक एसिड बढ़ने पर शरीर में क्या असर पड़ता है?
1. गठिया हो सकता है
डॉ. डिमरी कहते हैं, जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो यह खून में घुलने की बजाय क्रिस्टल के रूप में जमने लगता है। ये क्रिस्टल सबसे पहले जोड़ों में जमा होते हैं, खासकर पैरों के अंगूठे में। इससे वहां तेज दर्द, सूजन, रेडनेस और गर्माहट महसूस होती है। इस स्थिति को ही गठिया या गाउट कहा जाता है। यह इतना दर्दनाक हो सकता है कि चलना या जूते पहनना भी मुश्किल हो जाता है।
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2. जोड़ों की अकड़न और दर्द
यूरिक एसिड बढ़ने पर शरीर में बनने वाले क्रिस्टल धीरे-धीरे शरीर के बाकी जॉइंट्स में भी जमा होने लगते हैं। इससे सुबह-सुबह उठते वक्त जोड़ों में जकड़न, अकड़न और हल्का दर्द महसूस होता है, जो दिनभर बना रह सकता है। यह स्थिति खासकर घुटनों, एड़ियों, उंगलियों और कलाई में ज्यादा देखी जाती है।
3. किडनी स्टोन का बनना
किडनी का काम होता है शरीर से वेस्ट मटेरियल को फिल्टर करके पेशाब के जरिए बाहर निकालना। लेकिन जब यूरिक एसिड बहुत अधिक होता है, तो किडनी इसे पूरी तरह से प्रोसेस नहीं कर पाती। इससे यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में किडनी में जमा होने लगता है और पथरी बन जाती है। यूरिक एसिड स्टोन से पेशाब करते समय तेज जलन, दर्द, ब्लड पेशाब में आना या पेशाब रुक-रुक कर आना जैसी समस्याएं होती हैं। अगर पथरी बड़ी हो जाए, तो यह यूरिनरी ट्रैक को ब्लॉक कर सकती है और सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
4. थकान और कमजोरी
जब शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में जमा होने लगता है, तो उसका असर सिर्फ जोड़ों या किडनी तक ही सीमित नहीं रहता। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को भी प्रभावित करता है। इससे शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन धीमा हो जाता है और सेल फंक्शनिंग पर असर पड़ता है।
5. स्किन और इम्यून सिस्टम पर असर
यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर में सिस्टेमिक इनफ्लेमेशन बढ़ जाती है, यानी पूरे शरीर में सूजन हो सकती है। इससे त्वचा पर रेडनेस, खुजली, एक्ने जैसी समस्याएं दिखने लगती हैं। साथ ही शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है, जिससे व्यक्ति बार-बार सर्दी, फ्लू या संक्रमण की चपेट में आ सकता है।
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यूरिक एसिड कम करने के 5 असरदार उपाय
डॉ. डिमरी कहते हैं आपको महंगे ट्रीटमेंट्स लेने की आवश्यकता नहीं है। न ही डाइट को पूरी तरह से बदल देना है, बस कुछ खास चीजों को शामिल करना है और आपको जल्द ही फर्क देखने को मिलेगा-
- पानी यूरिक एसिड को डायल्यूट करने में मदद करता है और उसे यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है। दिन में कम से कम 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं। अगर आप पानी नहीं पी सकती हैं, तो नारियल पानी का सेवन करें। यह इलेक्ट्रोलाइट को भी बैलेंस करता है।
- अपने खाने में ऐसी चीजें शामिल करें जिनमें प्यूरिन कम हो, जैसे: दूध, दही, सेब, केला, टमाटर, चावल, ओट्स, रेड मीट, मसूर और पीली दालें, फूलगोभी और कुछ हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन कम करें।
- नींबू और आंवला शरीर को अल्कलाइन बनाते हैं और यूरिक एसिड को न्यूट्रलाइज करने में मदद करते हैं। रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पिएं या घर पर बना आंवला का जूस लें।
- मोटापा यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता है क्योंकि शरीर में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। नियमित एक्सरसाइज, योग और वॉक यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मदद करती है।
- चाय, कॉफी और एल्कोहल यूरिक एसिड को शरीर में बनाए रखने का काम करते हैं। इनका सेवन कम करें और हर्बल या डिटॉक्स टी का सेवन करें। आप तुलसी वाली ब्लैक टी ले सकती हैं। ग्रीन टी का सेवन कर सकती हैं।
अगर जोड़ों में लगातार दर्द, सूजन या पेशाब में तकलीफ हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बगैर सलाह लिए अपनी डाइट में कुछ न बदलें।
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Image Credit: Freepik
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