कई बार हमें समझ नहीं आता, लेकिन हमारा वेट धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। इसे वॉटर रिटेंशन या फिर वॉटर वेट कहते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है,जब शरीर के टिश्यू में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो जाते हैं। यह स्थिति हाथों, पैरों, टखनों और पैरों में सूजन पैदा कर सकती है और आपको चलने-फिरने में भी कभी-कभी इसके कारण दिक्कत आ सकती है। हालांकि, थोड़ा बहुत वॉटर वेट होना आम होता है, लेकिन यदि आपको यह समस्या ज्यादा हो रही है, तो फिर यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
अत्यधिक नमक का सेवन इसमें महत्वपूर्ण योगदान देता है। सोडियम का हाई लेवल शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे वॉर वेट बढ़ सकता है।
जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी ने वॉटर रिटेंशन को कम करने के टिप्स अपने सोशल मीडिया अकाउंट में बताएं। उन्होंने ऐसे 5 टिप्स बताएं जो आपका वॉटर वेट कम करने में काफी हेल्प कर सकते हैं। आइए जानते हैं रिटेंशन कम करने के टिप्स-
1. कुलथी दाल का पानी
- कुलथी दाल, जिसे हॉर्स ग्राम के नाम से भी जाना जाता है, बढ़िया औषधि है। यह अपने डाइयूरेटिक गुणों के लिए जाना जाती है। इससे यूरिन उत्पादन ज्यादा होता है और शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है।
- इसमें प्रोटीन, आयरन और पॉलीफेनोल की मात्रा अधिक होती है, जो स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से शरीर में तरल पदार्थों को संतुलित करने में मदद मिलती है।
- यूरिन उत्पादन को बढ़ावा देकर, कुलथी दाल का पानी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और गुर्दे पर भार को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें उपयोग-
- एक कप कुलथी की दाल को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
- दूसरे दिन इसे दाल सहित गर्म करने रखें और पानी को उबाल लें।
- आंच बंद करें और पानी को ठंडा होने दे। पानी को छानकर गिलास में निकालकर इसका सेवन करें।
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2. ठंडे पानी से नहाएं
- ठंडे पानी से नहाने से ब्लड सर्कुलेशन उत्तेजित हो सकता है। दरअसल, ठंडा पानी पहले ब्लड वेसल्स को संकुचित करता है और फिर फैलाता है, जिससे ब्लड ढंग से सर्कुलेट होता है।
- ठंडे पानी से नहाने से सूजन कम हो सकती है, जो पानी के जमाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- ठंडा पानी लिम्फेटिक सिस्टम को उत्तेजित करने में मदद करता है, जिससे शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और वेस्ट प्रोडक्ट बाहर निकलते हैं।
कैसे करें उपयोग-
- हाथ-पैरों की सूजन कम करने के लिए रोजाना ठंडे पानी से नहाएं।
- अगर आपको ठंडे पानी से नहाने की आदत नहीं है, तो रोजाना पहले धीरे-धीरे पानी का तापमान कम करें।
3. मसाज थेरेपी की लें मदद
- मालिश करने से लिम्फेटिक सिस्टम को उत्तेजित करने में मदद मिलती है, जो शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ निकालने के लिए जिम्मेदार है।
- रक्त प्रवाह को बढ़ाकर, मालिश टिश्यू में तरल पदार्थ के जमाव को कम करती है।
- नियमित मालिश करने से पानी जमा होने से सूजन और अन्य परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है।
कैसे करें उपयोग-
- इसके लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेना ज्यादा बेहतर है।
- अगर आप घर पर खुद ही मसाज कर रहे हैं, तो पैरों के काफ पर उंगलियों से धीरे-धीरे ऊपर की ओर स्ट्रोक लगाएं। एक मिनट बाद साइडवेज मसाज करें।
- इसी तरह से हाथों की मसाज भी की जा सकती है।
4. मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लें
- मैग्नीशियम शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वॉटर रिटेंशन कम हो सकता है।
- इसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं जो सूजन को कम करता है।
- मेंस्ट्रुएशन के दौरान यह खासतौर से मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा, यह किडनी फंक्शन को भी सपोर्ट करता है।
कैसे करें उपयोग-
- मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स शुरू करने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों में पत्तेदार साग, ड्राई फ्रूट्स, सुपरफूड सीड्स और साबुत अनाज का सेवन करें।
5. पार्सले को करें आहार में शामिल
- पार्सले हरा धनिया की तरह दिखता है और इसमें डाइयूरेटिक गुण होते हैं, इसलिए इसका सेवन आपको लाभ पहुंचा सकता है।
- इसमें विटामिन-ए, सी और के, साथ ही आयरन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
- इसके सूजनरोधी गुण सूजन वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
कैसे करें उपयोग-
- हर तरह के व्यंजन में इसे धनिया पत्ती की तरह गार्निश किया जा सकता है।
- आप पार्सले की चाय बनाकर उसका सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए ताजे या सूखे पार्सले के पत्तों को 10 मिनट तक गर्म पानी में भिगोकर रखें।
- इसे छानें और छानकर इसे धीर-धीरें पिएं।
अगर आप लंबे समय तक खड़े या बैठे रहते हैं, तो भी वॉटर वेट बढ़ सकता है। अगर आप डेस्क जॉब करते हैं या लंबे समय तक खड़े रहते हैं तो टहलने और स्ट्रेच करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें। अगर संभव हो तो रक्त संचार को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर अपने पैरों को स्ट्रेच करें।
किसी भी नई फूड आइटम को अपने आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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