इरिटेबल बाउल सिंड्रोम डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी समस्या है। इसमें पेट में दर्द, ऐंठन, गैस, कब्ज, दस्त और बदहजमी जैसी समस्याएं होती हैं। यह समस्या आंतों में बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण होती है। हालांकि, आईबीएस आमतौर पर गंभीर नहीं होता है, लेकिन रोजमर्रा के कामों में बाधा उत्पन्न करता है। यह समस्या गलत खान-पान, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, स्ट्रेस और अन्य कई गंभीर बीमारियों के कारण होती है।
अगर आप भी इस समस्या के चलते परेशान रहते हैं, तो कुछ उपायों की मदद से समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। इन उपायों के बारे में हमें डाइटिशियन शीयम के मल्होत्रा बता रही हैं। उन्होंने यह जानकारी अपने इंस्टाग्राम के माध्यम से फैन्स के साथ शेयर की है।
सुबह उठने के बाद सबसे पहले धनिया या सब्जा सीड्स का पानी पिएं। इन दोनों का शरीर पर कूलिंग इफेक्ट होता है, जो शरीर की सूजन को कम करते हैं। साथ ही, इन्हें खाने से पेट साफ होता है और गैस की समस्या दूर होती है। ये बाउल मूवमेंट को भी रेग्युलेट करते हैं।
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इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचने के लिए डाइट में एस्ट्रिजेंट से भरपूर फलों जैसे, केले, सेब, पपीता, अनार आदि को शामिल करें। ऐसा इसलिए क्योंकि ये फल बाउल मूवमेंट को रेग्युलेट करते हैं।
इसमें विटामिन और मिनरल के अलावा, फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के लिए अच्छे होते हैं।
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इसे अपनी डाइट में शामिल करें। रोजाना नारियल पानी पीने से आप आईबीएस की समस्या को कंट्रोलकर सकते हैं। इसमें भी सब्जा सीड्स के पानी की तरह कूलिंग गुण होते हैं। इसके अलावा, यह सोडियम और पोटैशियम से भरपूर होता है। ये दोनों चीजें शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करती हैं।
यह हमारे शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं और बाउल मूवमेंट को रेग्युलेट करते हैं। साथ ही, आंतों की सेहत को दुरुस्त रखते हैं। इसलिए रोजाना दही या छाछ का सेवन जरूर करें। आप घर का बना फर्मेंटेड अचार भी खा सकते हैं। यह भी प्रोबायोटिक का अच्छा स्रोत है।
इन सभी चीजों के साथ रात को सोने से पहले इसबगोल का सेवन करें। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए यह पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लिए फायदेमंद होता है। जब इसे गर्म पानी के साथ लिया जाता है, तब यह अगले ही दिन बाउल को रेग्युलेट करता है।
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इन उपायों के अलावा, लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर की बताई दवाओं के साथ डाइट में बदलाव, एक्सरसाइज और स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें।
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