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बार-बार मिसकैरेज होने के पीछे हो सकता है यह हार्मोन, फर्टिलिटी में सुधार के लिए रोज करें ये 3 काम

शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस बार-बार मिसकैरेज की वजह बन सकता है। फर्टिलिटी में सुधार के लिए, आपको डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी आदतों को शामिल करना चाहिए।
Editorial
Updated:- 2024-11-06, 19:56 IST

मां बनना किसी भी महिला की जिंदगी का एक खूबसूरत ख्वाब होता है। जब यह ख्वाब सच होता है और कोई महिला कंसीव करती है, उस वक्त वह आने वाले कल के कई सारे खूबसूरत सपने सजाने लगती हैं। लेकिन, मिसकैरेज इन सारे सपनों को अचानक से चकनाचूर कर देता है। 20वें सप्ताह से पहले प्रेग्नेंसी के समाप्त हो जाने को मिसकैरेज कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार कुछ महिलाओं के लिए कंसीव करना आसान नहीं होता है। वहीं, कई बार कंसीव करने के बाद, बार-बार मिसकैरेज हो जाता है। इसका असर महिलाओं की इमोशनल और फिजिकल हेल्थ पर होता है। फर्टिलिटी में सुधार के लिए, आपको डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ हेल्दी आदतों को शामिल करना चाहिए। शरीर में एक हार्मोन, बार-बार मिसकैरेज की वजह बन सकता है। यह कौन-सा हार्मोन है, किस तरह यह फर्टिलिटी पर असर डालता है और इसका सही बैलेंस बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत कौर दे रही है। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

बार-बार मिसकैरेज होने का कारण

hormonal imbalance and miscarriage
एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल कम होना बार-बार मिसकैरेज होने का कारण हो सकता है। एम्ब्रियो को यूट्राइन लाइनिंग में इंप्लाट करने के लिए, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की जरूरत होती है। इस हार्मोन का लेवल कम होने पर मिसकैरेज के चांसेज बढ़ जाते हैं।

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फर्टिलिटी सुधारने के लिए इन टिप्स की लें मदद

how to improve fertility easily

  • एक्सपर्ट का कहना है कि शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल सही करने के लिए, चेस्टबेरी टी को डाइट में शामिल करें।
  • फर्टिलिटी में सुधार के लिए, रोज सुबह 15 मिनट सूरज की रोशनी जरूर लें। इससे एग क्वालिटी में सुधार होता है और तनाव भी कम होता है।
  • कैफीन इनटेक को कम करें। ज्यादा कैफीन लेना भी शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की वजह बन सकता है।
  • प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन के लेवल को बैलेंस करने के लिए, सूरजमुखी और तिल के बीजों को डाइट का हिस्सा बनाएं। इससे प्रोजेस्टेरोन फंक्शन में सुधार होता है और एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल भी सही होता है।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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