Nipple Piercing: पियर्सिंग का यह नया चलन है सबसे खतरनाक, कराने से पहले जान लें ये बातें

देखा जाए तो जब बात स्टाइल की हो तो किसी भी चलन को गलत या सही नहीं कह सकते हैं, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला होता है। पर वहीं कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना भी जरूरी है ताकि पियर्सिंग का यह नया चलन किसी के लिए परेशानी का सबब न बन जाए।

nipple piercing side effects

पियर्सिंग का ट्रेंड इन दिनों जोरो पर है, खासकर स्टाइल स्टेटमेंट के तौर पर युवाओं के बीच यह काफी प्रचलित है। नाक और कान के बाद होठ, नाभि, माथे पर पियर्सिंग कराने का ट्रेंड जहां पहले से ही चलन में था, वहीं अब निप्पल पियर्सिंग (Nipple Piercing) का ट्रेंड भी सुर्खियों में आ चुका है। जी हां, हो सकता है आपने अभी तक इसके बारे में नहीं सुना हो, पर वास्तव में पियर्सिंग का यह नया ट्रेंड चलन में है। ऐसे में इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी काफी बातें हो रहे हैं और इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपको निप्पल पियर्सिंग के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

वैसे देखा जाए तो जब बात स्टाइल की हो तो किसी भी चलन को गलत या सही नहीं कह सकते हैं, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला होता है। यहां भी हम आपको निप्पल पियर्सिंग से होने वाले नुकसान (Nipple piercing health risks) के साथ ही इनसे बचने के लिए ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में भी बता रहे हैं। ताकि पियर्सिंग का यह नया चलन किसी के लिए परेशानी का सबब न बन जाए।

जोखिम भरा है निप्पल पियर्सिंग का चलन

शरीर के बाहरी या सामान्य अंगों पर होने वाली पियर्सिंग की तुलना में निप्पल पियर्सिंग करना अपने आप में जोखिम भरी प्रकिया है। क्योंकि इसमें ब्रेस्ट और निप्पल जैसे बेहद संवेनशील अंग प्रभावित होते हैं। इसमें निप्पल के डेंस टिश्यूज को प्रिक किया जाता है, जोकि ब्रेस्ट के डक्ट सिस्टम यानी कि भीतरी नलिकाओं से सीधा जुड़ा होता है। ऐसे में जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है, जैसे कि अगर महिला ब्रेस्ट फीडिंग करा रही है तो इससे कई सारी दिक्कतें पेश आ सकती हैं। निप्पल पियर्सिंग के चलते दूध की आपूर्ति में कमी आ सकती है, इसके अलावा निप्पल पियर्सिंग की ज्वेलरी ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकती है।

how safe is nipple piercing

निप्पल पियर्सिंग में इन बातों का रखें ध्यान

सामान्य परिस्थितियों में भी निप्पल पियर्सिंग, संक्रमण के कारण महिलाओं और लड़कियों के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इस एरिया में होने वाला किसी भी तरह के संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा होता है। इसलिए इस तरह की पियर्सिंग के बारे कराने से पहले कुछ सावधानियों को जरूर ध्यान रखना चाहिए।

प्रशिक्षित व्यक्ति से ही कराएं यह पियर्सिंग

सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि यह कोई आर्ट या मेकअप टूल नहीं है, इसलिए इसे पार्लर या किसी भी शॉप में कराने के बजाय पेशेवर व्यक्ति से ही कराएं। आप जिस संस्थान में पियर्सिंग कराने की सोच रहे हैं उसकी सर्विस के बारे में पूरी जानकारी लें, इसमें कस्टमर के रिव्यू आपके लिए मददगार होंगे। जब आप यह सुनिश्चित कर लें कि वह संस्थान क्वालिटी सर्विस देता है, तभी पियर्सिंग की प्रकिया शुरू करें।

ज्वेलरी का चुनाव सावधानी से करें

पियर्सिंग के लिए ज्वेलरी का चुनाव बेहद सावधानी से करें, खासकर इसकी धातु का ध्यान रखें। असल में, कुछ धातुएं स्किन के लिए बेहद एलर्जिक हो सकती हैं, वहीं निप्पल जैस सेंसटिव एरिया में किसी तरह के धातु की एलर्जी काफी खतरनाक हो सकती है। इसके लिए येलो या रोज गोल्ड, सर्जिकल स्टील या टाइटेनियम के ज्वेलरी ही सुरक्षित होती है, जिनसे स्किन या दूसरी किसी भी तरह की एलर्जी का जोखिम कम होता है।

पियर्सिंग में हो सकता है तेज दर्द

पियर्सिंग की पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट की होती है, जिसमें ज्वेलरी प्लेसमेंट में महज कुछ सेकेंड्स लगते हैं। लेकिन यह कुछ सेकेंड्स दर्दनाक हो सकते हैं और इसके लिए आपको पहले से ही मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। बेहतर होगा कि आप पियर्सिंग के वक्त अपने साथ किसी महिला दोस्त या परिजन को जरूर लें जाएं, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति में वो आपका साथ दे सकें।

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पियर्सिंग के बाद करें उचित रख-रखाव

निप्पल पियर्सिंग, आम पियर्सिंग से कितनी अलग यह तो आप समझ ही गई हैं। ऐसे में आपको यह भी समझने की जरूरत है कि किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए इसमें विशेष रख-रखाव की जरूरत होती है। जैसे कि निप्पल पियर्सिंग के बाद आपको अपने लिए ब्रा और कपड़ों का चुनाव करते वक्त भी ध्यान रखना होगा। अधिक टाइट कपड़े, निप्पल पियर्सिंग पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे किसी तरह की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही नहाने के वक्त इस एरिया में किसी भी तरह के हार्श केमिकल्स वाले साबुन या लोशन के प्रयोग से बचें।

संक्रमण के लक्षणों की पहचान है जरूरी

निप्पल पियर्सिंग से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए इसके लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है। तो बता दें कि अगर पियर्सिंग के बाद निप्पल से किसी तरह का डिस्चार्ज हो तो इसे हल्के में न लें। विशेष तौर पर अगर यह डिस्चार्ज पीले या हरे रंग का हो तो इसके लिए तुरंत किसी त्वचा विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें। वहीं संक्रमण की स्थिति में आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह भी जरूर लेनी चाहिए।

ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान रहें सर्तक

निप्पल पियर्सिंग कराने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत होती है। जैसे कि ब्रेस्ट फीडिंग के वक्त आप अपनी ज्वेलरी निकाल दें ताकि बच्चे को होने वाले नुकसान से बचाव हो सके। दरअसल, इस तरह की ज्वेलरी बच्चे के मुंह में आने से उसके दम घुटने का खतरा बना रहता है। इसलिए अगर आप ज्वेलरी निकाल देंगी तो इसका जोखिम खत्म हो जाएगा।

इसके अलावा आपको पियर्सिंग के बाद उचित साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि पियर्सिंग वाले एरिया और ज्वेलरी को बार-बार न छुएं, क्योंकि इससे बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। इस एरिया की सफाई के लिए प्योर सैलाइन सल्यूशन का इस्तेमाल करें, जोकि पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। अगर आप इस तरह की सावधानियां बरत सकती हैं तो फिर आप निप्पल पियर्सिंग के ट्रेंड को आजमा सकती हैं।

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Image Credit:Freepik

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