यह तो हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी खाना खाना चाहिए। लेकिन आप अपने खाने को किस तरह खाते हैं, यह भी बहुत अधिक मायने रखता है। आपने अक्सर सुना होगा कि अगर हेल्दी फूड को भी गलत समय पर खाया जाए तो इससे आपकी सेहत को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, खाने के साथ-साथ आपका ईटिंग पैटर्न व टाइमिंग भी बहुत अधिक मायने रखती है।
अमूमन लोग खुद को हेल्दी व फिट रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग रखते हैं। यहां फास्टिंग का मतलब खुद को भूखा रखना नहीं है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपकी अपना ईटिंग विंडो व फास्टिंग पीरियड होता है और आपको उसी के अनुसार अपने मील्स को प्लान करना होता है। जो लोग तेजी से कम समय में वजन कम करना चाहते हैं, वे अक्सर इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं। यह वजन कम करने में बहुत अधिक मददगार है। हालांकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग से आपकी हार्ट हेल्थ पर भी काफी अच्छा असर पड़ता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग से हार्ट हेल्थ को मिलने वाले फायदों के बारे में बता रहे हैं-
ब्लड प्रेशर को करे रेग्युलेट
आपको शायद पता ना हो, लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से ब्लड प्रेशर को रेग्युलेट करने में काफी मदद मिल सकती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग उन लोगों के लिए काफी मददगार है, जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग एंडोथेलियम मतलब ब्लड वेसल्स की लाइनिंग के फंक्शन में सुधार करने, सूजन को कम करने और ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मददगार है। जिससे ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में काफी मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल लेवल को करें इंप्रूव
अगर शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल अधिक और गुड कोलेस्ट्रॉल कम हो तो इसका सीधा असर हार्ट हेल्थ पर पड़ता है। लेकिन इंटरमिटेंट फास्टिंग से बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स में कमी आती है, जबकि गुड कोलेस्ट्रॉल संभावित रूप से बढ़ सकता है। इस तरह जब लिपिड प्रोफाइल में यह बदलाव होता है तो इससे धमनियों में प्लाक बिल्डअप का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।
ब्लड शुगर लेवल होता है इंप्रूव
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति का सिर्फ वजन ही कम नहीं होता है, बल्कि इंसुलिन सेंसेटिविटी भी इंप्रूव होती है। यह ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मदद करती है। इस तरह, कहीं ना कहीं आपकी हार्ट हेल्थ को भी फायदा मिलता है। दरअसल, हाई ब्लड शुगर और इंसुलिन रेसिस्टेंस हार्ट डिसीज से जुड़े हैं। जब आप ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल में रहता है तो इससे टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क भी कम हो जाता है। टाइप 2 डायबिटीज हृदय संबंधी समस्याओं के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
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वजन कम करने में सहायक
यह तो हम सभी जानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वेट लॉस में बहुत अधिक मददगार है। इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से विसरल फैट को कम करने में काफी मदद मिलती है। यही विसरल फैट हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है। इसलिए, जब विसरल फैट कम होता है तो हृदय संबंधी समस्याओं का जोखिम भी कम हो जाता है। इतना ही नहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबॉलिज्म भी इंप्रूव होता है। इससे भी वजन कम होता है और हार्ट हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है।
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