अगर आप पीसीओडी की समस्या से जूझ रही हैं तो ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि आप अपने खान-पान का खास ख्याल रखें। अगर डाइट पर समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो पीसीओडी के लक्षण बद से बदतर होते चले जाते हैं। कुछ महिलाओं की यह शिकायत होती है कि वे हेल्दी खाना खाती हैं, लेकिन फिर भी उनके हार्मोन बैलेंस नहीं हो पाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें मूड स्विंग्स से लेकर वजन बढ़ना, बाल झड़ने, पीरियड्स रेग्युलर ना होने यहां तक कि कंसीव करने में परेशानी होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
हो सकता है कि आप भी ऐसी ही किसी स्थिति से जूझ रही हों, तो यह बेहद जरूरी है कि अब आप अपने खाने के साथ-साथ खाना पकाने वाले तेल की तरफ भी जरा नजर घुमाकर देखें। आपको यह पता ना हो, लेकिन यही तेल अंदर से आपके हार्मोन का संतुलन बिगाड़ सकता है। जी हां, पीसीओडी का सबसे बड़ा कारण होता है हार्मोन का गड़बड़ होना और शरीर में इंफ्लेमेशन होना। कुछ ऐसे तेल होते हैं जो इन दोनों परेशानियों को और ज़्यादा बढ़ा देते हैं। जिससे आपकी समस्या बढ़ती चली जाती है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको कुछ ऐसे ही कुकिंग ऑयल्स के बारे में बता रही हैं, जिन्हें आपको पीसीओडी में लेने से बचना चाहिए-
सोयाबीन ऑयल
अक्सर भारतीय घरों में सबसे ज्यादा सोयाबीन कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आपको पीसीओडी है तो आपको सोयाबीन कुकिंग ऑयल से बचना चाहिए। दरअसल, इसमें फाइटोईस्ट्रोजन पाए जाते है, जो शरीर में एस्ट्रोजन जैसे बिहेव करते हैं। ऐसे में यह नकली एस्ट्रोजन शरीर में हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिसकी वजह से आपको ब्रेकआउट्स, मूड स्विंग्स, और अनियमित पीरियड्स ज़्यादा दिखने लगते हैं।
कैनोला ऑयल
पीसीओडी में कैनोला ऑयल को भी खाने का हिस्सा बनाने से बचना चाहिए। दरअसल, कैनोला ऑयल को ज़्यादातर जेनेटिकली मॉडिफाई किया जाता है। ऐसे में इसे रिफाइन करते वक़्त इसमें ट्रांस फैट बन सकते हैं। यही ट्रांस फैट ना केवल वज़न बढ़ाते हैं, बल्कि इंसुलिन रेसिस्टेंस भी बढ़ाते हैं। जिसकी वजह से पीसीओडी में आपकी समस्या और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है।
रिफाइन्ड वेजिटेबल ऑयल्स
रिफाइन्ड वेजिटेबल ऑयल्स किसी भी लिहाज से सेहत के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। खासतौर से पीसीओडी में तो इन्हें बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए। दरअसल, इन तेलों को ज्यादा प्रोसेस किया जाता है। प्रोसेसिंग के दौरान ये तेज़ तापमान और केमिकल्स से गुज़रते हैं, जिसकी वजह से इनका सारा नेचुरल पोषण खत्म हो जाता है। साथ ही साथ, इससे आपको शरीर में हार्मोनल गड़बड़ी का सामना भी करना पड़ता है।
एक्सपर्ट की राय
इन हेल्दी ऑप्शन्स को अपनाएं
पीसीओडी में अपनी सेहत का ख्याल रखने के लिए आप कोल्ड-प्रेस्ड नारियल तेल, देसी घी, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, कोल्ड-प्रेस्ड सरसों का तेल और एवोकाडो ऑयल को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
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