आज के समय में अधिकतर लोग अपने बढ़े हुए वजन से काफी परेशान हैं और उसे कम करने की जद्दोजहद में लगे हैं। हालांकि, वजन कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि अपनी डाइट पर ध्यान दिया जाए। यूं तो वजन कम करने के लिए कई तरह की अलग-अलग डाइट ट्रेन्ड में हैं, जिन्हें खास तरह से फॉलो किया जाता है। लेकिन अगर आप गौर करेंगी तो यह पाएंगी कि सभी तरह की डाइट्स आपके न्यूट्रिएंट्स इनटेक और कैलोरी काउंट पर खासा ध्यान देती हैं। अगर आप कैलोरी डेफिसिट में नहीं खाती हैं तो वजन कम करना काफी मुश्किल हो जाता है।
आप भी वजन कम करने के लिए कैलोरी डेफिसिट डाइट में हैं तो यकीनन आपको खुद में बदलाव अवश्य नजर आ रहा होगा। हालांकि, ऐसे भी कई लोग होते हैं, जो कैलोरी डेफिसिट में रहने के बावजूद भी वजन कम नहीं कर पाते हैं और बहुत ज्यादा निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि शायद उनमें ही कोई गड़बड़ है, इसलिए वह अपने गोल्स को अचीव नहीं कर पा रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है। आपको यह भी समझना होगा कि असल में वज़न घटाना सिर्फ ‘कैलोरी इन बनाम कैलोरी आउट’ का खेल नहीं है। आपकी नींद, स्ट्रेस, हार्मोन्स और खाना कैसा है, यह सब भी आपकी प्रोग्रेस पर असर डालते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम ऐसे ही कुछ कारणों को जानने की कोशिश करेंगे, जिसकी वजह से कैलोरी डेफिसिट डाइट पर भी वजन कम नहीं हो पाता है-
बहुत अधिक स्ट्रेस लेने की वजह से नहीं कम होता वजन
अगर आप अपने काम को लेकर या वजन कम करने को लेकर बहुत अधिक स्ट्रेस ले रही हैं तो यह काफी हद तक संभव है कि कैलोरी डेफिसिट में भी आपका वजन कम ही ना हो। दरअसल, जब आप हर समय टेंशन में रहते हो तो शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है। ये हार्मोन भूख के साथ-साथ पेट की चर्बी बढ़ाता है। साथ ही साथ, इससे मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है और वजन आसानी से कम नहीं होता है। साइकोसोमैटिक मेडिसिन की स्टडी बताती है कि हाई कॉर्टिसोल से वजन बढ़ सकता है और फैट पेट पर जमा होता है। इसलिए स्ट्रेस को कम करने के लिए आप डीप ब्रीदिंग या योग आदि का सहारा ले सकती हैं।
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वजन नहीं, इंच कम होना
अधिकतर लोग अपनी वेट लॉस जर्नी को सिर्फ स्केल पर ही नोटिस करते हैं। लेकिन उन्हें स्केल पर वजन कम होता नहीं दिखता और वे निराश हो जाते हैं। हालांकि, कभी-कभी स्केल पर वजन नहीं घटता, लेकिन शरीर पतला हो रहा होता है। शरीर का फैट कम हो रहा होता है और मसल्स बन रहे होते हैं, खासकर अगर आप वर्कआउट कर रहे हो। ऐसे में आपका वजन कम ना होने के बावजूद आप अपनी फिगर को टोन कर रहे होते हैं। इसलिए, सिर्फ और सिर्फ स्केल पर भरोसा ना करें। 15 दिन में एक बार इंच नापो और अपनी फोटो लो। इससे आपको खुद में अंतर साफतौर पर नजर आएगा।
मेडिकल प्रोब्लम्स की वजह से नहीं कम होता वजन
कभी-कभी कैलोरी डेफिसिट में रहकर भी वजन कम ना होने के पीछे की वजह आपकी मेडिकल प्रोब्लम्स हो सकती हैं। अगर किसी को थायरॉयड, पीसीओडी या इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या है, तो ऐसे में वज़न कम करना मुश्किल हो सकता है। ऐसे लोगों को कैलोरी डेफिसिट से भी बहुत अधिक फायदा नहीं होता है। द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म की स्टडी बताती है कि थायरॉयड वाले लोगों का मेटाबॉलिज़्म स्लो होता है। इसलिए, अगर आपका वजन बहुत धीमे कम हो रहा है तो ऐसे में आप थायरॉयड, इंसुलिन और अन्य हार्मोन टेस्ट ज़रूर करवाएं।
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