पहले के समय में लोग फर्श पर बैठकर खाना पसंद करते थे। अब भी कई देशों में नीचे बैठकर खाने की परंपरा है। इतना ही नहीं, कई सारे काम भी लोग फर्श पर आराम से बैठकर करते हैं। आपने क्या कभी नोटिस किया है कि आप कितने भी थके हुए हों नीचे बैठते ही कितना आराम मिलता है। सारी थकान कहीं गुम हो जाती है। दरअसल नीचे बैठने के कई सारे फायदे होते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट वारा Yanamandra अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर इसके के बारे में बात करती हैं, वह पोस्ट में शेयर करती हैं, 'फर्श पर बैठने से पोश्चर में भी सुधार होता है और लचीलापन में वृद्धि होती है।' कई अध्ययनों में भी फर्श पर बैठने के फायदों पर बात की गई है। इस आर्टिकल में चलिए डॉ. वारा से ही इसके फायदों के बारे में विस्तार से जानें।
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रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य में सहायक
बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं लेकिन वास्तव में हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी नहीं होती है। यह 'S' आकार की संरचना है जिसमें हमारी गर्दन, वक्ष और काठ क्षेत्रों में तीन प्राकृतिक वक्रताएं होती हैं। अक्सर लोगों को स्पाइन में दर्द की दिक्कत रहती है। यह गलत बैठने के कारण होता है। अगर आप चाहती हैं कि आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम स्वस्थ रहे तो आपको फर्श पर बैठने की आदत को जरूर अपनाना चाहिए। खराब आसन, झुकना या आगे की ओर झुककर बैठने और चलने से आपकी स्पाइन पर दबाव पड़ता है।
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कोर को एंगेज करता है
फर्श पर बैठने से हमारी सेहत को कई तरह के फायदे होते हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह आपके कोर को जोड़ता है और रीढ़ की हड्डी में स्थिरता लाता है। यह आपके बैलेंस को बेहतर बनाता है और स्टेबिलिटी के लिए अच्छा है। इससे आपके पूरे शरीर में स्ट्रेंथ मिलती है।
कूल्हे की मांसपेशियों को मजबूत करता है
हिप फ्लेक्सर्स मांसपेशियां हैं जो हमारे कूल्हों को जांघ, पीठ के निचले हिस्से (पीठ दर्द के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज) और पेल्विस से जोड़ती हैं। कमजोर हिप फ्लेक्सर आपके चलने, स्थिरता और संतुलन को भी प्रभावित कर सकते हैं। फर्श पर बैठने से कूल्हे की इन मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिलती है।
मुद्रा में होता है सुधार
जब आप फर्श पर बैठते हैं तो शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को अधिक सक्रिय होना पड़ता है। इसके अलावा जब आप फर्श पर बैठते हैं तो आपके झुककर बैठने की संभावना भी कम होती है।
लॉन्गेटिविटी होती है बेहतर
प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी जर्नल के अध्ययन के अनुसार, 'बिना सहारे के फर्श से उठने और बैठने' की क्षमता लॉन्गेटिविटी को बेहतर करती है। यह आपके ओवरऑल मूवमेंट और स्पाइन को स्ट्रॉन्ग (रीढ़ को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए योगासन), लचीला और स्टेबल करने में मदद करता है।
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फर्श पर बैठने से पहले इन बातों का रखें ध्यान-
आपको कुछ मिनट के लिए फर्श पर जरूर बैठना चाहिए। अगर आप ऊपर बताए गए फायदे चाहती हैं तो इसे अपनी आदत में शामिल करें। हां, फर्श में बैठने से पहले आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए।
- आप क्रॉस लेग्ड या लॉन्ग लेग्ड या साधारण सुखासन में बैठ सकते हैं। इसके साथ ही झुककर न बैठें। अपनी स्पाइन को सीधा करके बैठें।
- रीढ़ की हड्डी में तनाव महसूस करते हैं तो अपने कूल्हों के नीचे एक तकिया या तौलिया जरूर रखें।
- अगर आप फर्श पर बैठकर बहुत समय बिता रहे हैं तो अपनी स्थिति बदलने का प्रयास करें। अपने पैरों को स्ट्रेच करें, पैरों के लिए कुछ प्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
- अब आप भी कुछ मिनट के लिए फर्श पर बैठकर जरूर देखें। इससे आपको फायदा जरूर पहुंचेगा। अगर आपको जॉइंट्स आदि की परेशानी है तो पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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Image Credit: Freepik
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