'जल ही जीवन है', हम सभी को जीवित रहने के लिए जल की जरूरत होती है। मानव शरीर का अधिकांश हिस्सा पानी से बना है और हम बिना पानी के कुछ दिनों से ज्यादा जीवित नहीं रह सकते हैं। पानी न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि दवा की तरह भी काम करता है। पानी का सही तरीके से इस्तेमाल करने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। पानी से बीमारियों का इलाज कैसे किया जा सकता है? आइए इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट चेताली राठौड़ से विस्तार में जानते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है, ''हम सभी जानते हैं कि जीवन के लिए पानी बेहद जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का समय और मात्रा हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती हैं और इसमें शरीर में मौजूद दोषों के अनुसार बदलाव किए जा सकते हैं। पानी का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जा सकता है। यहां कुछ आम तरीके बताए गए हैं कि पानी का इस्तेमाल आप कई बीमारियों को दूर करने कैसे कर सकते हैं।''
1) मटके का पानी/ ठंडा पानी
मटके में रखा पानी पीने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इससे डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है और इसमें नेचुरल कूलिंग गुण होते हैं। इसके अलावा, मिट्टी की एल्कलाइन प्रकृति शरीर के पीएच को बैलेंस करती है, एसिडिटी को कम करती है और स्वास्थ्य मे सुधार करती है। मिट्टी के बर्तन में रखे पानी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे फायदेमंद मिनरल्स होते हैं। इसका पानी ठंडा होता है, लेकिन बर्फीला नहीं होता है। इससे गले में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है। साथ ही, मिट्टी के बर्तनों में रखा पानी का स्वाद अनोखा और सुखद होता है और यह पानी में हानिकारक केमिकल्स भी नहीं छोड़ते हैं।
इस पानी को पीने से हैंगओवर, थकावट, उल्टी, थकान, चक्कर आना, बहुत ज्यादा प्यास और लू लगने के लक्षणों से राहत मिलती है। इसलिए, गर्मी के मौसम में मटके का ठंडा पानी पीना चाहिए।
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2) आधा उबला पानी/ उष्ण जल
रोजाना इस तरह का पानी पीने से डाइजेशन सही रहता है, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, मेटाबॉलिज्म मजबूत होता है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है और वेट लॉस में मदद मिलती है। इसके अलावा, शरीर को डिटॉक्स करता है और सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है। गर्म पानी त्वचा को हाइड्रेट रखता है, जिससे त्वचा में ग्लो आता है।
बढ़ते वजन, कफ, वात दोष का बढ़ना, खांसी, जुकाम, बुखार, हार्मोनल असंतुलन, पीसीओडी, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल से परेशान लोगों को आधा उबाला हुआ पानी पीना चाहिए। इस पानी को आयुर्वेद में उष्ण जल के नाम से भी जानते हैं।
3) खाने के तुरंत बाद पानी न पिएं
खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। इससे गैस, एसिडिटी, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि डाइजेशन के दौरान पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आती है। इससे डाइजेशन में लगने वाला समय भी बढ़ सकता है। यह आदत वात दोष को बढ़ाती है। इसलिए, खाना खाने के बाद 30 मिनट के बाद पानी पीना चाहिए।
4) गर्म पानी
अगर आप मोटापे, पेट की सेहत, कब्ज आदि जैसी बीमारियों को रोकना चाहती हैं, तो रोजाना सुबह 1 गिलास गर्म पानी पिएं। यह बीमारियों को रोकने के साथ कभी-कभी ठीक करने में भी करता है। साथ ही,गर्म पानी शरीर को हाइड्रेंट रखता है, तनाव को कम करता है और एनर्जी लेवल को बढ़ाता है, जिससे आपको दिन-भर तरोताजा महसूस होता है। इसके अलावा, गर्म पानी पीने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और त्वचा पर ग्लो आता है।
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अन्य जरूरी बातें
पानी पीने का सही समय: पानी पीने का सही समय सुबह उठने के बाद, भोजन करने के आधे घंटे बाद और एक्सरसाइज के बाद होता है।
पानी की क्वालिटी: पानी की क्वालिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। पानी साफ और शुद्ध होना चाहिए।
पानी पीने की आदत: पानी पीने की आदत डालना बहुत जरूरी है। नियमित रूप से पानी पीने से हम कई बीमारियों से बच सकते हैं।
इस तरह से आप भी पानी का इस्तेमाल दवा के रूप में कर सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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