
आज के समय में लोग इतना बिजी रहने लगे हैं कि उनके पास टाइम ही नहीं होता। अपनी हेल्थ पर ध्यान दिया जाए और कुछ ऐसी एक्सरसाइज पर ध्यान दिया जाए। रोजाना योग और मेडिटेशन करने के अनेक फायदे हैं। कोशिश करें गत्यात्मक वक्रासन को अपनी एक्सरसाइज रूटीन में शामिल करें।
गत्यात्मक मेरु वक्रासन जैसे कई ऐसे योगासन हैं, जिनका रोजाना कुछ मिनटों का अभ्यास ही आपको हेल्दी रखने में सहायक हो सकता है। गत्यात्मक मेरु वक्रासन, जिसे डायनामिक स्पाइनल ट्विस्ट भी कहा जाता है, एक ऐसा योगासन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
यह आसन तंत्रिका तंत्र को स्टिमुलेट करता है और शारीरिक लचीलेपन को बढ़ावा देता है। इस लेख में योग शिक्षक रजनीश शर्मा गत्यात्मक मेरु वक्रासन यानी डायनामिक स्पाइनल ट्विस्ट के फायदे बता रहे हैं।

गत्यात्मक मेरु वक्रासन को योग के उन आसनों में गिना जाता है, जो रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं। यह आसन धीरे-धीरे शरीर को मोड़ने और उसकी गति को नियंत्रित करने की प्रक्रिया पर केंद्रित है।
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मेरु वक्रासन का डायनामिक वर्जन होने के कारण इसे शरीर को धीरे-धीरे घुमाते हुए किया जाता है, जिससे आसन की प्रभावशीलता और बढ़ जाती है। इस आसन का अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन को भी सुधारना है।
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गत्यात्मक मेरु वक्रासन का मुख्य उद्देश्य रीढ़ की हड्डी को लचीला और स्वस्थ बनाना है। यह आसान रीढ़ की हड्डी के सभी हिस्सों को गतिशीलता प्रदान करता है, जिससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
इससे रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियां और जोड़ों में ब्लड सर्कुलेशन को भी सुधरता है, जो पीठ के दर्द और जकड़न को कम करता है।

जिन लोगों को पीठ या कमर दर्द की समस्या होती है, उनके लिए यह आसन बेहद लाभकारी है। शरीर को मोड़ने और उसकी गति को नियंत्रित करने से पीठ की मांसपेशियों में आराम मिलता है। यह आसन कमर के निचले हिस्से की जकड़न को दूर करने और स्पाइन को मजबूत करने में सहायक है।
इस आसन का एक और बड़ा लाभ यह है कि यह डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए फायदेमंद है। जब आप अपने पेट और पेट के आसपास के हिस्से को घुमाते हैं, तो इससे आंतों और पेट पर दबाव पड़ता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। गत्यात्मक मेरु वक्रासन पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
इस आसन का अभ्यास करते समय श्वास और गति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिससे दिमाग संतुलन और ध्यान क्षमता में सुधार होता है।
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नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। यह आसन मानसिक शांति और स्थिरता को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति अधिक एकाग्र और शांत महसूस करता है।
गत्यात्मक मेरु वक्रासन से शरीर की मुख्य मांसपेशियों, खासकर पेट, पीठ और कमर की मांसपेशियों में मजबूती आती है। यह आसन शरीर को टोन करने और मांसपेशियों में खिंचाव लाने में मदद करता है, जिससे शरीर की फिटनेस में सुधार होता है।
यह आसन गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को भी गतिशील बनाता है। इससे इन क्षेत्रों में तनाव कम होता है और गर्दन के दर्द को दूर करने में मदद मिलती है। कंधों और गर्दन के लचीलेपन से पूरे ऊपरी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
नोट- अगर आपको कोई बीमारी है, तो इस आसान को करने से बचें और एक्सपर्ट की सलाह लें।
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