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अगर रोक दिया PF अकाउंट में पैसा जमा करना तो क्या होगा? यहां समझें इसके फायदे और नुकसान

आपने भी पीएफ अकाउंट में बीच में पैसा डालना बंद कर दिया है, तो बता दें कि ऐसा करना कितना सही है और कितना गलत, इसके बारे में पता होना जरूरी है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पीएफ में पैसा ना डालना कितना भारी पड़ सकता है। पढ़ते हैं आगे...
Editorial
Updated:- 2025-10-15, 22:22 IST

हमारी सैलरी से हर महीने पीएफ कटता है। वह हमारी सैलरी का कुछ प्रतिशत होता है। ऐसे में यह हमारे बुढ़ापे के लिए कुछ सेविंग्स होती हैं, जो ब्याज के साथ 58 साल के बाद हमें पेंशन के रूप में मिलती है, लेकिन क्या हो कि हम लोग बीच में ही पीएफ डालना बंद कर दें तो अकाउंट कब इनएक्टिवेट हो जाता है, टैक्स कैसे लगता है और इससे जुड़ी अन्य जानकारी क्या है। इन सभी के बारे में लेख में हम आपको बता रहे हैं। जानते हैं आगे...

अगर पीएफ में पैसा ना डालें तो क्या होगा?

बता दें कि यदि आपका पीएफ कटता है, लेकिन अगर आप नौकरी छोड़ देते हैं या ऐसी नौकरी करते हैं, जहां पर पीएफ नहीं कटता तब कंट्रीब्यूशन तो बंद हो जाते हैं, लेकिन जो आपका पीएफ अकाउंट रहता है वह हमेशा एक्टिव होता है। हालांकि, अकाउंट तब निष्क्रिय होता है जब 36 महीने यानी 3 साल तक कोई भी कंट्रीब्यूशन नहीं होता है, तब इनॉपरेटिव होने लगता है।

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बता दें कि निष्क्रिय होने से पहले तक ब्याज मिलता है, लेकिन निष्क्रिय होने के बाद ब्याज मिलना बंद हो जाता है, लेकिन आपका पैसा सेफ रहता है।

अगर आपके पास दो महीने से कोई भी नौकरी नहीं है तो ऐसे में आप अपना इपीएफ बैलेंस निकाल सकते हैं। हालांकि, 5 साल लगातार पूरे होने से पहले पैसे निकालते हैं तो इस पर टैक्स लगता है।

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अगर पैसा एक्टिव अकाउंट में रहता है तो ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता है। बता दें कि जब भी हम नौकरी बदलते हैं तो उस टाइम पर पीएफ बैलेंस को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करना भी जरूरी होता है। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के माध्यम से ऐप खातों को लिंक और ट्रांसफर बेहद ही आसानी से किया जा सकता है, जिससे टैक्स के फायदे मिलते रहेंगे और लगातार बचत भी होगी।

यदि पीएफ में कंट्रीब्यूशन नहीं किया तो इसके कारण लॉन्ग टर्म वेल्थ नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है। इसके कारण ब्याज भी कटने लगता है साथ ही रिटायरमेंट फंड में भी बड़ा असर पड़ता है। इसके अलावा खाते को बाद में घोषणा भी मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर तब जब केवाईसी डीटेल्स अपडेट नहीं होती है।

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वित्तीय अनुशासन और अधिकतम रिटायरमेंट बचत के लिए, ईपीएफ (EPF) डिटेल्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहना जरूरी है। साथ ही, बेहतर प्रबंधन के लिए कई पीएफ खातों को जल्द से जल्द एक साथ मर्ज (consolidated) करें।

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