PCOD यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरी डिजीज महिलाओं में आज काफी आम हो गई है। इस हेल्थ कंडीशन के कारण महिलाओं की बच्चेदानी (ओवरी) में छोटी-छोटी सिस्ट हो जाती हैं। अक्सर महिलाएं इस हेल्थ कंडीशन पर ध्यान नहीं देती हैं या कई बार इसे नॉर्मल समझकर नजरअंदाज करती रहती हैं। लेकिन, असल में इन सिस्ट की वजह से होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस का असर, महिलाओं के पूरे शरीर पर होता है। इसकी वजह से महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है और डाइजेशन पर भी असर होता है। इतना ही नहीं, इसकी वजह से महिलाओं का मूड और मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है। इस कंडीशन के लक्षणों को रिवर्स करने या अगर आप इससे बचना चाहती हैं, तो भी रूटीन में कुछ योगासनों को शामिल करना चाहिए। कई योगासन शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस को दूर करने के साथ, फर्टिलिटी सुधारने में भी मदद करते हैं। यहां हम आपको 2 ऐसे ही योगासनों के बारे में बता रहे हैं, जो पीसीओडी से परेशान महिलाओं को जरूर करने चाहिए। इस बारे में योगा एक्सपर्ट नताशा कपूर जानकारी दे रही हैं। वह सर्टिफाइड योगा टीचर हैं।
विपरीत करणी योगासन
- सबसे पहले किसी शांत जगह पर योगा मैट बिछाएं।
- आपको ऐसा दीवार के पास करना है।
- पीठ के बल लेट जाएं।
- पैरो को दीवार की ओर फैलाएं।
- अब हाथों को बगल में रखें।
- आप हाथों को सिर के ऊपर भी रख सकती हैं।
- अपने पैरों को दीवार के सहारे ऊपर की ओर उठाएं।
- कमर को सहारा देते हुए आपको कूल्हों को ऊपर की ओर उठाना है।
- टांगों को ऊपर उठाते हुए इसे बिल्कुल सीधा करें।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए इस पोजिशन को होल्ड करें।
- अब हाथों से कमर को सहारा देते हुए पैरों को नीचे लाएं।
- इस आसन से दिमाग शांत होता है और स्ट्रेस हार्मोन कम होता है।
- यह आसन मेटाबॉलिज्म को मजबूत करता है।
- इससे फर्टिलिटी में सुधार होता है।
- शरीर में हार्मोनल बैलेंस बना रहता है और पीरियड से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं।
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चक्रासन
- सबसे पहले योगा मैट पर लेट जाएं।
- आपको कमर के बल लेटना है।
- अब पंजों को मैट पर रखें।
- अपने घुटनों को अंदर की ओर मोड़ें।
- पैरों को हिप्स से बराबर की दूरी पर रखें।
- अपने हाथों को कानों के पास ले जाएं।
- आपको हथेलियों को जमीन पर टिकाना है।
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए पैर और सिर का सहारा लेकर, कमर के हिस्से को ऊपर उठाएं।
- अब हाथों पर प्रेशर दें और सिर को भी ऊपर उठाएं।
- इस समय पर आपके शरीर का पूरा वेट आपको अपनी हथेलियों और पंजों पर रखना है।
- कुछ सेकेंड के लिए इस पोजिशन को होल्ड करें।
- अब ओरिजनल पोजिशन में लौट आएं।
- यह आसन पेल्विक एरिया की मसल्स को फायदा पहुंचाता है।
- यूट्रस की हेल्थ के लिए भी यह फायदेमंद है।
- इससे बेली फैट भी कम होता है।
पीसीओडी के लक्षणों को मैनेज करने के लिए, सही डाइट और लाइफस्टाइल बहुत जरूरी है। साथ ही, तनाव से दूर रहने की भी कोशिश करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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