अमेरिका का वीजा लगते ही कनाडा के लिए भी खुल जाएंगे ऑप्शन, जानें अप्लाई करने का तरीका

कनाडा ने H1B वीजा होल्डर्स के लिए एक नई स्कीम निकाली है। अब कनाडा में भारतीयों के लिए काम करना और आसान हो गया है। जानिए इन नए वर्क परमिट के बारे में। 

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कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर शॉन फ्रेसर ने एक नए वर्क परमिट का जिक्र किया है। उन्होंने बताया है कि 10 हजार अमेरिकी H1B वीजा होल्डर्स के पास कनाडा में जॉब अप्लाई करने की सुविधा रहेगी। कनाडा की इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और सिटिजनशिप मिनिस्ट्री द्वारा रिलीज किए गए स्टेटमेंट में बताया गया है कि H1B वीजा होल्डर्स के परिवार वालों को भी पढ़ने और काम करने की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा 16 जुलाई, 2023 से लागू हो जाएगी।

H1B वीजा होल्डर्स के पास अमेरिका में हाईटेक फील्ड्स में काम करने की सुविधा है। ऐसे में कनाडा में भी अब वो अपनी इमिडिएट फैमिली के साथ शिफ्ट हो सकते हैं।

कितने समय के लिए मिलेगा कनाडा का वीजा?

इस प्रोग्राम में कनाडा में शिफ्ट होने की अवधि 3 साल की रहेगी। वीजा होल्डर्स को कनाडा में किसी भी कंपनी में जॉब करने की सुविधा होगी। परिवार वालों को टेम्परेरी रेजिडेंट वीजा दिया जाएगा। हालांकि, अभी तक इसकी जानकारी नहीं आई है कि किस तरह के H1B वीजा होल्डर्स को इस प्रोग्राम के लिए एलिजिबल समझा जाएगा। हालांकि, यह जाहिर है कि कनाडा अब दुनिया भर के स्किल्ड वर्कर्स को बुला रहा है।

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क्या है अमेरिका का H1B वीजा?

इस वीजा के जरिए विदेशी नागरिक अस्थाई तौर पर अमेरिका में काम कर सकते हैं। इसमें खासतौर पर स्पेशलाइज्ड सेक्टर के लोग शामिल हैं। अमूमन IT और साइंस से जुड़े लोग इस वीजा का सहारा लेते हैं। टेक कंपनियां अब दुनिया भर में लेऑफ कर रही हैं और इसका असर अमेरिका में भी पड़ा है। ऐसे में कई H1B वीजा होल्डर्स ऐसे हैं जिनके पास वीजा तो है, लेकिन जॉब नहीं है।

क्या है एक्सपर्ट की राय?

हमने इसके बारे में जानने के लिए इंटरग्लोब पेपर प्लेन्स कंसल्टिंग (IPPC Visas) के वीजा एक्सपर्ट माजदियर पटेल से बात की। उन्होंने कहा, "कनाडाई सरकार ट्रेन्ड ICT प्रोफेशनल्स को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। भारतीयों के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि अमेरिका के H1B वीजा होल्डर्स में से 60% भारतीय ही हैं। अमेरिका में H1B वीजा मिलने से लेकर ग्रीन कार्ड तक का प्रोसेस टाइम बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से कई भारतीय सिटीजन इस तरह का ऑप्शन ले सकते हैं। ऐसे में उनके लिए कनाडा में सेटल होना और काम करना ज्यादा आसान हो जाएगा।"

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माजदियर का भी यही कहना है कि अमेरिका में जिस तरह से आर्थिक तंगी चल रही है उससे H1B वीजा होल्डर्स की नौकरियों पर फर्क पड़ा है। ऐसे में कनाडा का वर्क परमिट एक सुरक्षित ऑप्शन साबित हो सकता है। जो लोग विदेश में ही सेटल होना चाहते हैं उनके लिए यह ऑप्शन काफी सुविधाजनक होगा।

कनाडा में अभी तक ओपन वर्क परमिट सिर्फ डिपेंडेंट्स तक ही सीमित था (पति-पत्नी या माता-पिता और बच्चे) पर अब नया वर्क परमिट नई सुविधाएं खोलेगा।

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कनाडा में परमानेंट रेजीडेंसी की सुविधा

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माजदियर के मुताबिक, कनाडा में अमेरिका की तुलना में परमानेंट रेजीडेंसी की सुविधा ज्यादा है और इसलिए कई लोग इस वीजा से फायदा उठा सकते हैं। खासतौर पर ऐसे लोग जिनके सेक्टर की कंपनियां अमेरिका और कनाडा दोनों में हैं। ऐसे में कर्मचारी को निकालने से बेहतर होगा कि उसे अमेरिका की जगह कनाडा में ट्रांसफर कर दिया जाए। माजदियर के मुताबिक, उनके पास कई ऐसे क्लाइंट्स हैं जो अमेरिका में ग्रीन कार्ड की सुविधा नहीं ले पा रहे हैं और अब कनाडा के लिए ट्राई कर रहे हैं। ऐसे में उनके पास कई ऑप्शन खुल जाएंगे।

फिलहाल इस प्रोग्राम के आधिकारिक रूप से लॉन्च होने का इंतजार किया जा रहा है।

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