एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी ने अपने फैंस को एक बड़ी खबर दी है। अदिति राव हैदरी और एक्टर सिद्धार्थ जल्द ही शादी करने जा रहे हैं। उन्होंने पिछले साल मार्च में सगाई की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया है। इतना ही नहीं एक्ट्रेस ने शादी की लोकेशन के बारे में भी जानकारी दी है।
खबर सुनने के बाद अब फैंस उन्हें उनके सोशल मीडिया पर कमेंट करके बधाई देने लगे हैं। लेकिन इसके साथ-साथ फैंस शादी की लोकेशन के बारे में भी जानना चाह रहा है। अगर आप भी इस मंदिर के बारे में जानना चाहते हैं और यहां दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा।
Aditi Rao Hydari किस मंदिर में शादी करने जा रही हैं?
दरअसल, कपल ने अपनी परंपराओं और संस्कृति को बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो अदिति और सिद्धार्थ तेलंगाना के वानापर्थी में स्थित श्रीरंगपुर मंदिर में शादी करने वाले हैं। इस शादी में परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण लोग ही शामिल होंगे। हालांकि, शादी की तारीख का अभी खुलासा नहीं हुआ है।
कहां स्थित है वानापार्थी का श्री रंगनायकस्वामी मंदिर
तेलंगाना के फेमस मंदिर का इतिहास 400 साल पुराना है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर का वातावरण शांति और सौंदर्य से भरा हुआ है। यह मंदिर तेलंगाना राज्य के वानापर्थी जिले के पेब्बेर मंडल के श्रीरंगपुर गांव में स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर में हर साल करीब 300 शादियां और मुंडन समारोह जैसे कार्य होते रहते हैं। मंदिर में शादी होना होना शुभ संकेत माना जाता है।
मंदिर का समय- सुबह 06:00 से 01:00 बजे और शाम 04:00 रात 08:00 बजे तक आम लोगों के लिए खुला रहता है।
कैसे पहुंचे श्रीरंगपुर मंदिर दर्शन करने
- अगर आप ट्रेन से जा रहे हैं, तो वानापर्थी के पास स्टेशन तक ट्रेन ले सकते हैं। इसके निकटतम रेलवे स्टेशन गढ़वाल स्टेशन है, आपको मंदिर तक पहुंचने में स्टेशन से लगभग 40 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। आप यहां से बस या टैक्सी ले सकते हैं। इसेभारत के चमत्कारी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
- अगर आप हैदराबाद से जा रहे हैं, तो वानापर्थी लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है, यहां से आप आप वहां की बस या टैक्सी आप हैदराबाद से निजी वाहन भी ले सकते हैं।
- हैदराबाद से वानापर्थी लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है और आप वहां की बस या टैक्सी का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, निजी वाहन से भी यात्रा की जा सकती है।
श्रीरंगपुर मंदिर का इतिहास?
मंदिर के बारे में किंवदंती है कि भगवान विष्णुने खुद सपने में राजा को मंदिर में स्थित मूर्ति के बारे में बताया था। , विजयनगर के शासक कृष्णदेव राय श्रीरंगम गए थे और वहां स्थित मंदिर को देखने के बाद मंदिर देखकर मंत्रमुग्ध हो गए थे। वह भी अपने राज्य में वैसा ही मंदिर बनवाना चाहते थे। फिर एक दिन भगवान विष्णु उनके सपने में आए और उन्हें मूर्ति के बारे में बताया।
भगवान ने सपने में कहा कि एक चील उन्हें उस स्थान तक ले जाएगा। अगले दिन, कृष्णदेव राय चील का पीछा करने लगे। पीछा करते-करते वह कोठाकोटा और कण्वयापल्ली पहाड़ों के बीच पहुंच गए और वहां उन्हें भगवान की मूर्ति मिली। वह मूर्ति लेकर वापस आए और रत्न पुष्करिणी झील के पास श्री रंगनायक स्वामी मंदिर बनवाया।
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image credit- freepik
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