तेलंगाना के इन शिव मंदिरों को क्यों माना जाता है शक्तिशाली, यात्रा करने से पहले पढ़ लें यह आर्टिकल

अभी तक आपने भोलेनाथ के महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, पशुपतिनाथ महादेव, भोजेश्वर, बटेश्वरा और जागेश्वर नाथ मंदिर के बारे में बहुत सुना होगा। लेकिन तेलंगाना में स्थित इन मंदिरों को भी देश के सबसे खास शिव मंदिरों में गिना जाता है। 

 

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देश के कई राज्यों में स्थित कुछ शिव मंदिर बहुत शक्तिशाली माने जाते हैं। इन मंदिरों को देश के सबसे खास मंदिरों में से एक माना जाता है। इनमें से कुछ स्वयंभू मंदिर हैं, जबकि अन्य सदियों पहले राजाओं द्वारा बनवाए गए थे। इसी तरह तेलंगाना राज्य में स्थित कुछ शिव मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

आज के इस आर्टिकल में हम आपको तेलंगाना में स्थित कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे, जिसका इतिहास सदियों पुराना बताया जाता है।

रामप्पा मंदिर

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यह शिव मंदिर तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले में स्थित है। अगर आप हैदराबाद से यात्रा करने जा रहे हैं, तो आपको लगभग 210 किमी दूरी तय करनी होगी। इस मंदिर का नाम एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की लिस्ट में भी शामिल है। पालमपेट गांव में स्थित इस मंदिर का इतिहास 1213 ईस्वी पूराना बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि इसे बनाने में 40 साल का समय लगा था। इसे बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट, डोलेराइट और चूने के इस्तेमाल

  • समय- मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
  • लोकेशन- वारंगल के मुख्य शहर से लगभग 70 किमी दूर स्थित है।

श्रीशैलम मल्लान्ना

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यह मंदिर आंध्र प्रदेश राज्य के कर्नूल जिले में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थल हैदराबाद से पालमुरु जिले से 229 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण विजयनगर के राजाओं ने करवाया था। कई भक्तों का मानना है कि अगर वे नल्लामाला जंगल की पहाड़ियों के बीच स्थित इस शिव मंदिर के दर्शन करेंगे तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। यह मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसे भारत के चमत्कारी शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

  • कैसे पहुंचे- मरकपुर या तारलुपडु में से किसी एक रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
  • समय- सुबह 6:00 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक, शाम 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक।

नवब्रह्मा मंदिर

navbhramaतेलंगाना राज्य के गुलम्बा-गडवाला जिले में स्थित नवब्रह्मा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह कुरनूल और गडवाला के जिले में तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है। यह हैदराबाद से लगभग 215 किमी दूर है। यह मंदिर सबसे सुंदर और सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को ब्रह्मा के नौ नाम हैं, कुमार, अर्क, वीर, बाला, स्वर्ग, गरुड़, विश्व, पद्म और तारक के नाम से भी पूजा जा जाता है।

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image credit- freepik

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