आखिर रात के समय पेड़-पौधों की पत्तियों को तोड़ने से क्यों किया जाता है मना

बड़े-बुजुर्ग के मुंह से हम सभी ने यह कहते हुए सुना है कि रात के समय पेड़-पौधों की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी इसके पीछे के कारण के बारे में जानने की कोशिश की। इस लेख में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि ऐसा क्यों है-
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Why We Should Not Pluck Leaves At Night: हिंदू धर्म में हर एक कार्य को करने के लिए कई नियम तय किए गए है, जिसके अंतर्गत उन कार्य को किया जाता है। फिर चाहे वह जीवन शैली हो, पूजा-पाठ हो या प्रकृति कार्य। सदियों से बनी कई परंपरा और नियम जो आज भी समाज में निर्वहन किए जा रहे है। हिंदू धर्म के ग्रंथ-शास्त्रों में पूजा-पाठ, उठना-बैठना, भोजन और स्नान करने को लेकर नियमों को बताया गया है। इन्हीं में से एक है सर्यास्त के बाद पेड़-पौधों से पत्ती या फूल का विखंडन नहीं करना चाहिए। ऐसे कई परंपरा हैं, तो जिन्हें जानने के मन में सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। उसी में यह भी एक प्रश्न है, कि रात के वक्त पेड़ों से पत्तियों को तोड़ने से क्यों मना किया जाता है। इस बारे में आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है।

धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं

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इस बारे में जब हमने आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी से पूछा तो उन्होंने बताया कि इसके पीछे धार्मिक और प्राकृतिक संतुलन दोनों कारण है। पहले जानते हैं कि धार्मिक कारण बता दें कि हिन्दू धर्म में पौधों और पेड़ों को देवता के सामान्य माना जाता है। खासकर बरगद, पीपल, आंवला और तुलसी पौधा जैसे पेड़ों को पूजा जाता है। अब ऐसे में रात के समय इन पेड़ों की पत्तियां तोड़ना अपशकुन माना जाता है, क्योंकि इसे शांति और देवताओं का अपमान करने के रूप में देखा जाता है। रात का समय पेड़-पौधों के लिए शांति और विश्राम का होता है।

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में रात के समय पेड़-पौधों की पत्तियां तोड़ने को नकारात्मक माना जाता है। माना जाता है कि यह कार्य घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है और जीवन में परेशानियां उत्पन्न कर सकता है।

प्राकृतिक संतुलन

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रात के समय, पौधे अपनी कोशिकाओं में ऊर्जा एकत्र करते हैं और श्वसन प्रक्रिया में संलग्न होते हैं। यदि इस समय उनकी पत्तियां तोड़ी जाती हैं, तो यह पौधों की फिजिकल प्रोसेस में विघ्न डाल सकता है। इसके परिणामस्वरूप उनका जीवन चक्र प्रभावित हो सकता है। पौधों के लिए यह समय विश्राम का होता है और उन्हें नुकसान पहुंचाने से उनकी वृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा सूरज ढलने के साथ ही सभी पक्षी पेड़ों पर विश्राम करने चले जाते हैं। वहीं छोटे पौधों में कीट-पतंगों बरेसा करते हैं। अब ऐसे में पौधों पर होने वाली छेड़छाड़ उनके विश्राम में बाधा डाल सकती हैं।

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Image credit- Freepik

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