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hindu ritual of playing utensil on baby birth

Hindu Beliefs: बच्चे के होने पर क्यों बजाए जाते हैं बर्तन? जानें कारण

लोक मान्यताओं में कई ऐसी परम्पराएं हैं जिन्हें बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निभाया जाता है। इन्हीं में से एक है बच्चे के जन्म पर बर्तन बजाने की। आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण।&nbsp; &nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-06-05, 11:13 IST

Bachche Ke Janm Par Bartan Kyu Bajate Hein: हिन्दू लोक मान्यताओं में कई परंपराओं का पालन हर्षोल्लास और आस्था के साथ निभाया जाता है।

इन्हीं परंपराओं में से एक है बच्चे के जन्म पर बर्तन बजाना या थाली-चम्मच पीटना। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इसका कारण।

  • सनातन परंपरा में ऐसा माना जाता है कि बच्चे का जन्म एक दिव्य घटना होती है। किसी भी बच्चे का जन्म भगवान के जन्म लेने के रूप में ही मनाया जाता है।
  • ऐसे में शंखनाद करने और घंटी बजाने को बहुत ही शुभ माना जाता है। पहले के समय में बच्चे के जन्म पर शंखनाद कर उसका स्वागत किया जाता था।

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  • उस समय में पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों को अधिकतर घरों में निभाया जाता था इसलिए शंखनाद करना पुजारियों के अलावा आम लोगों को भी आता था।
  • हालांकि बाद में शंखनाद का स्थान थाली-चम्मच पीटने ने ले लिया। अब बच्चे के जन्म पर चम्मच से थाली (थाली में झूठा क्यों नहीं छोड़ना चाहिए) बजाकर घर वाले अपनी खुशी प्रकट करते हैं।

reason behind playing utensil on baby birth

  • अब आते हैं इस बात पर कि आखिरकार बच्चे के जन्म पर पहले के समय में शंखनाद और अब के समय में बर्तन बजाने की यह परंपरा क्यों निभाई जाती है।
  • छोटे बच्चे और खासतौर पर नवजात को नकारात्मक ऊर्जा जल्दी घेर लेती है। ऐसे में पवित्र ध्वनि उत्पन्न कर उस नकारात्मकता को बच्चे से दूर रखा जाता है।
  • ऐसा माना जाता है कि नवजात बच्चों का दिमाग बहुत तेज होता है। जो भी ध्वनि उनके कानों में सबसे पहले पड़ती है उसका असर उनके दिमाग पर होता है।

playing utensil on baby birth in hindu dharma

  • इसलिए शंखनाद (घर पर शंख रखने के लाभ) कर या बर्तन बजाकर उन्हें पवित्र ध्वनि सुनाई जाती है ताकि उनका चित्त शांत हो और दिमाग में सकारात्मकता संचारित हो सके।
  • इसके अलावा, मां के लिए भी यह ध्वनि बहुत मायने रखती है। मान्यता है कि एक मां की इस स्थिति में मानसिकता बहुत प्रभावित होती है।
  • बच्चे को गर्भ में धारण करने के बाद एक मां में कई तरह के बदलाव होते हैं जो अधिकतर नेगेटिव विचारों को ज्यादा बढ़ावा देते हैं।

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  • शंखनाद या बर्तन बजाना इसी नकारात्मकता को मां से भी दूर करता है और एक मां के मन में सकारात्मक भाव उत्पन्न करता है।
  • यहां तक कि ऐसा भी माना जाता है कि बर्तन बजाने से बच्चे और मां को बुरी नजर नहीं लगती और लगी हुई नजर भी उतर जाती है।

तो इस कारण से बजाए जाते हैं बच्चे के जन्म पर बर्तन। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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