आखिर कोर्ट में जजों को क्यों कहा जाता है माई लॉर्ड? जान लें जवाब

कोर्ट रुम में अक्सर आपने देखा होगा कि वकील जज को माई लॉर्ड कहकर पुकारते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में यह शब्द प्रचलन में कैसे आए थे? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।

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कोर्ट में अक्सर जजों को माई लॉर्ड कहते हुए आपने जरूर सुना होगा। ये भले ही हो सकता है कि आपको कभी रिएलिटी में कोर्ट-कचहरी की दौड़ नहीं लगानी पड़ी होगी, लेकिन आपने खबरों, फिल्मों और अलग-अलग मौकों पर जरुर नोटिस किया होगा कि कोर्ट में जज को माई लॉर्ड कहा जाता है। वकील से लेकर अधिकारी तक सभी जजों को माइ लॉर्ड कहकर ही संबोधित करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई और यह क्यों इतना प्रचलित हो गया है। अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

भारतीय जजों को माइ लॉर्ड कहने से ऐतराज क्यों?

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कोर्ट में जज को वकील समेत सभी अधिकारी माइ लॉर्ड कहकर पुकारते हैं। हालांकि, कई जजों ने माई लॉर्ड या लॉर्डशिप कहने पर ऐतराज जता चुके हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने भी एकबार माई लॉर्ड के बजाय ‘सर’ शब्द इस्तेमाल करने पर हामी भरी थी। इससे पहले भी कई भारतीय जजों ने माई लॉर्ड या फिर योर ऑनर आदि कहने पर ऐतराज जता चुके हैं। उनका कहना है कि यह औपनिवेशिक काल का चलन है, जिसे आज भी भारतीय लोग बोलने में इस्तेमाल कर रहे हैं।

माई लॉर्ड शब्द कैसे आया

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जजों के लिए माई लॉर्ड शब्द का इस्तेमाल ब्रिटिश काल से ही होता आ रहा है। यूके कोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, हाईकोर्ट के जज को माई लॉर्ड, सर्किट जजों को योर ऑनर और मजिस्ट्रेट जजों को योर वर्कशीप कहकर संबोधित किया जाता है। भारत में ब्रिटिशों का शासन था। यहां जब ब्रिटिश काल आया था, उस वक्त देश में ब्रिटेन का ही सिस्टम लागू हुआ था। आपको बता दें, ब्रिटेन में हाउस ऑफ लॉर्ड होता है। तो भारत में लॉर्ड शब्द वहीं से आया था।

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हालांकि, अंग्रेजों का शासन तो समाप्त हो गया, पर उनके जाने के बाद भी बहुत सारा ऐसा कल्चर है, जो भारत में आज भी बरकरार है। इसी तरह, कोर्ट रूम में जज को माइ लॉर्ड कहने का सिस्टम भी उन्हीं में से एक है। जानकारी के लिए बता दें, साल 2006 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने ऐसे शब्दों पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया था, लेकिन इसके बावजूद कोर्ट कल्चर में इस शब्द ने अपनी जगह इस कदर बना ली है कि आज भी इनका इस्तेमाल भारत कोर्ट में उसी तरीके से किया जा रहा है।

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Image Credit- Herzindagi

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