Holi 2024: रंगों से ही क्यों खेली जाती है होली?

होली का पर्व हिन्दू धर्म में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। जहां एक ओर फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन धुलेंडी होती है वहीं, एक रात पहले होलिका दहन किये जाने की परंपरा है। 

why we can play holi only with colours

Kya Sirf Rango Se Hi Khel Sakte Hain Holi: होली को रंगों का त्यौहार माना जाता है। हर साल इस त्योहार को फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। जहां एक ओर पूर्णिमा तिथि से एक दिन पहले होलिका दाना किया जाता है वहीं, दूसरी ओर अगले दिन धुलेंडी खेली जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सिर्फ रंगों से ही क्यों खेली जाती होली। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।

रंगों से ही क्यों खेलते हैं होली?

rango se hi kyu kheli jati hai holi

यूं तो होली को लेकर ऐसा कहा जाता है कि हिरण्यकश्यप की बहन होलिका की मृत्यु के उपलक्ष में होली पर्व की शुरुआत हुई थी लेकिन इस पर्व की एक कड़ी श्री कृष्ण और ब्रज मंडल से भी जुड़ी हुई है।

पौराणिक कथा का अनुसार, एक बार बाल कृष्ण माता यशोदा से बार-बार यह पूछ रहे थे कि आखिर श्री राधा रानी का रंग गोरा क्यों हैं और वो काले क्यों हैं। माता यशोदा ने पहले तो कान्हा को टाला।

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मगर फिर बाद में जब कान्हा माता यशोदा के पीछे पड़ गए तब उन्होंने कहा कि जा जाकर राधा को रंग लगा दे तो उसका रंग भी तेरे जैसा हो जाएगा। तब बाल कृष्ण ने राधा रानी को नीला रंग लगा दिया।

rango se hi kyu khelni chahiye holi

इसके बाद कान्हा को देख अन्य ग्वाल-बाल भी गोपियों को रंग लगाने लगे और ऐसे करते-करते पूरा ब्रज रंगमाय हो गया। जिस दिन श्री कृष्ण ने राधा रानी को पहली बार रंग लगाया था उस दिन होली का पर्व था।

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इसी के बाद से होली में रंगों का महत्व बढ़ गया और इसे रंगों का पर्व माना जाने लगा। हालांकि रंगों के अलावा और भी कई प्रकार की होली खेली जाती है जैसे कि फूलों की होली, लट्ठमार होली, लड्डू होली आदि।

हां, मगर होली कोई भी क्यों न खेली जाए उसमें गुलाल या रंग का अपना एक स्थान मौजूद है जिसे कभी भी डिगाया नहीं जा सकता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर रंगों-गुलाल से ही क्यों खेली जाती है होली और क्या है इसके पीछे का कारण एवं महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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