आखिर क्यों टॉक्सिक रिलेशनशिप में भी लड़कियां नहीं कर पाती हैं ब्रेकअप

टॉक्सिक रिलेशनशिप से निकलने में लड़कियों को बहुत ज्यादा समय लगता है। आखिर ऐसा क्यों होता है इसका कारण जान लीजिए। 

Why do women stay in toxic relationshi

इमोशनल एब्यूज के बारे में शायद इस जनरेशन का हर व्यक्ति जानता है। लड़का हो या लड़की हर किसी को अपनी लाइफ में किसी ना किसी तरह का इमोशनल एब्यूज झेलता ही है। आजकल जिस तरह की लाइफस्टाइल हम जी रहे हैं ये बहुत ही दुखद है कि लोग अलग-अलग तरह का इमोशनल बैगेज लिए चल रहे हैं। पर एक बात जो कॉमन देखी जाती है वो ये कि भले ही लड़कियों को अलग तरह का ट्रॉमा और एब्यूज किसी रिश्ते में झेलना पड़े वो आगे बढ़ने से कतराती हैं।

किसी ऐसे रिश्ते में बंधकर रहना जिसमें आपको सिर्फ दुख ही मिल रहा है वो बहुत ही खराब स्थिति हो सकती है। कई मामलों में तो डोमेस्टिक वॉयलेंस तक होती है, लेकिन इमोशनल ट्रॉमा झेलने के बाद भी लड़कियां रिलेशनशिप को तोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पातीं। यहां 'मेरा पति मेरा देवता है' वाला हाल नहीं है। गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड भी टॉक्सिक रिलेशन में रह सकते हैं, लेकिन अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को खराब करके आखिर क्यों लोग इस तरह की रिलेशनशिप में रहते हैं?

इसके कुछ कारण हो सकते हैं जो लड़कियों को अपनी टॉक्सिक रिलेशनशिप को तोड़ने नहीं देते।

1. अकेलेपन का डर

सबसे पहला कारण जिस वजह से लड़कियां अपनी टॉक्सिक रिलेशनशिप को तोड़ने में असफल होती हैं वो है अकेलेपन का डर। ह्यूमन कनेक्शन एक बहुत ही ताकतवर हथियार होता है और ऐसे में उसे खोने का डर ही है जो किसी टॉक्सिक रिलेशनशिप को तोड़ने से रोक देता है। हम जैसी कई लड़कियां हैं जो 'ठीक तो है' के लालच में अपनी ऐसी रिलेशनशिप को तोड़ती नहीं हैं। कई बार ऐसी फीलिंग आती है कि जो हमारे साथ है अगर उसे छोड़ दिया तो शायद जिंदगी में कभी प्यार नहीं मिलेगा।

toxic relationship issues with women

खुद को उस अकेलेपन की हालत में रखना और सही इंसान का इंतज़ार करना बहुत ही बुरा हो सकता है। भले ही हमारा पार्टनर कितना ही बुरा क्यों ना हो, लेकिन हमें अकेलेपन का डर उस टॉक्सिक रिश्ते को तोड़ने नहीं देता।

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2. अपनी सेल्फ एस्टीम के बारे में नहीं सोचना

इस मामले में की गई एक रिसर्च बताती है कि अगर कोई इंसान टॉक्सिक रिलेशनशिप में है तो उसे खुद के बारे में अच्छा महसूस नहीं होगा। उसकी सेल्फ एस्टीम कम हो जाएगी और वो खुद में ही हीन भावना से ग्रसित हो जाएगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम हर मामले में टॉक्सिक रिलेशनशिप के बारे में सोचते रहते हैं और ये महसूस करने लगते हैं कि पार्टनर जो कह रहा है उसमें कहीं ना कहीं तो सच्चाई है। आपको ये पता है कि आप इससे ज्यादा डिजर्व करती हैं, लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं आपका मन नहीं मानता।

आपको ये लगने लगता है कि आप प्यार के लायक नहीं हैं। आपको ऐसा लगने लगता है कि आप इस रिलेशनशिप के लिए ही हैं और ये आपकी जिंदगी है।

3. रूटीन को तोड़ना मुश्किल होता है

ये सिर्फ लड़कियों की दिक्कत नहीं बल्कि लगभग सभी इंसानों की दिक्कत है। पैटर्न हमारी जिंदगी में बहुत ही बड़ा रोल अदा करते हैं और हम अगर अपनी डेली लाइफ के रूटीन को तोड़ने की कोशिश करें तो हमें दिक्कत महसूस होने लगती है। उदाहरण के तौर पर अगर आपको रोजाना रात का खाना किसी के साथ खाने की आदत है तो आप अगर किसी एक रात को वो नहीं करेंगी तो बुरा महसूस होगा। इस तरह के कई पैटर्न बन जाते हैं जब हम किसी रिलेशनशिप में रहते हैं।

women and toxic relationship

रिलेशनशिप के इन पैटर्न को तोड़ना बहुत ही मुश्किल होता है। शाहरुख खान और आलिया की फिल्म 'डियर जिंदगी' का एक डायलॉग भी है जिसमें साइकोलॉजिस्ट मरीज़ से कहता है कि 'जिंदगी में जब भी कोई पैटर्न बनता दिखे तो उसे तोड़ देना चाहिए।'

4. पार्टनर की बात को सच मान लेना

जब आप एक लंबे समय तक किसी ऐसी रिलेशनशिप में रहती हैं जो एब्यूसिव है तो अपने आप ही आप पार्टनर की बातों को सच मान लेती हैं और खुद को ब्लेम करना शुरू कर देती हैं। टॉक्सिक रिलेशनशिप में पार्टनर अधिकतर यही समझाने की कोशिश करता है कि रिलेशनशिप में जो भी समस्याएं हैं वो आपकी वजह से हैं। जितनी लड़ाई हो रही है वो आपकी गलती है, अगर आप पार्टनर पर शक कर रही हैं तो ये आपकी गलती है, अगर आप पार्टनर की खुशी का ध्यान नहीं रखतीं तो आपकी गलती है, आपको ऑफिस में लेट हो जाता है तो ये आपकी गलती है।

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5. ये रिश्ता सबसे बेहतर है

एब्यूसिव रिलेशनशिप वाली महिलाओं के साथ अधिकतर ये समस्या होती है कि उन्हें ये लगने लगता है कि उनका रिश्ता सबसे बेहतर है। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनका जो बॉन्ड है उससे अलग कुछ भी नहीं है और उस तरह का पैशन उनके साथ ही रहने वाला है। उन्हें ऐसा लगता है कि उनके रिश्ते को तोड़कर वो गलती कर देंगी। मैं आपको बता दूं कि ऐसा कुछ भी नहीं होता है। हर कोई जिस रिलेशनशिप में रहता है उसे वो रिलेशनशिप ही बेस्ट लगती है।

ये 'जिएंगे तो साथ मरेंगे तो साथ' वाली फिलॉसफी आपकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए बहुत खराब हो सकती है।

देखिए आपके रिश्ते में किस तरह की स्थिति है वो तो आपको ही पता होगा, लेकिन अगर किसी रिश्ते में आप खुश होने से ज्यादा दुखी हो रही हैं तो आपको बहुत समझदारी से काम लेने की जरूरत है। आपका इसके बारे में क्या ख्याल है ये हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Freepik

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