आखिर कब तक एक आदमी की असफलता के पीछे हम महिलाओं को ठहराएंगे दोषी?

आप एक तरफ महिलाओं के सम्मान में बड़े आयोजन आयोजित कर रहे हैं और दूसरी तरफ किसी आदमी की असफलता के पीछे उसे दोषी ठहरा रहे हैं। ये दोगलापन और मिसॉजनी नहीं तो क्या है? सवाल सिर्फ इतना है कि गलती आदमी की हो, तो भी महिलाएं दोषी क्यों?

why women is blamed for everything

11 जून 2023 को भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल हुआ था। भारतीयों का ट्रॉफी लाने का सपना एक बार फिर टूट गया। लोगों को जैसी उम्मीदें थीं, वो पूरी नहीं हो पाईं, लेकिन आपको पता है कि ट्रोल कौन हुआ? अनुष्का शर्मा! ट्विटर पर एक बार फिर अनुष्का शर्मा ट्रेंड करने लगीं और लोगों ने उन्हें 'पनौती' तक का टैग दे दिया। क्या आपको लगता है कि एक टीम की असफलता या खराब परफॉर्मेंस का श्रेय अनुष्का को देना सही है? विराट के आउट होने पर और टीम इंडिया के हारने पर लोगों ने उन्हें विराट का ध्यान भटकाने के लिए जिम्मेदार ठहराया और धमकियां तक दे डालीं।

ऐसे मैच भी खेले गए हैं, जब टीम इंडिया की और खासतौर से विराट कोहली की जबरदस्त इनिंग्स के कारण ट्रॉफी घर आई है। क्या ऐसे में किसी ने अनुष्का को 'गुड लक' का टैग दिया था? सवाल सिर्फ अनुष्का का नहीं है। सवाल है कि एक आदमी की असफलता के लिए एक महिला कैसे जिम्मेदार हो सकती है? क्या हम सब अपने एक्शन्स के लिए खुद जिम्मेदार नहीं हैं? जिस तरह हजारों लोग स्टेडियम में भारत का मैच देखने आए थे, उसी तरह अनुष्का भी वहां मौजूद थीं।

मैच का आउटकम कैसा होगा, जब यह एक क्रिकेटर को नहीं पता, तो कैसे कहा जा सकता है कि यह उसकी फैमिली में मौजूद महिला को पता होगा? अनुष्का एक सफल एक्टर हैं और उन्होंने हर बार अपनी शानदार परफॉर्मेंस से लोगों को प्रभावित किया है, लेकिन जैसे ही वह क्रिकेट स्टेडियम में घुसती हैं, तो उन्हें क्यों उनकी डिसरिस्पेक्ट की जाती है ?

आपको बता दें कि अनुष्का के साथ ये पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई बार उन्हें टारगेट किया जा चुका है और ट्रोलर्स सिर्फ यहां नहीं रुके उन्होंने इन सब में विराट और अनुष्का की बेटी वामिका को भी घसीट लिया। आपको नहीं लगता कि किसी की आलोचना करते वक्त आप एक हद से गुजर जाते हैं और हर बार एक आदमी की गलती और उसकी असफलता का तमगा उसके परिवार की महिलाओं को पहना दिया जाता है।

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महिलाओं को टारगेट करना है आसान!

यह पहला किस्सा नहीं है, इसके अलावा भी हम ऐसा देखते आए हैं, जब महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया गया है। अभिषेक का करियर डूबने लगा, तो लोगों ने ऐश्वर्या को ट्रोल करना शुरू किया। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान पर उंगलियां उठीं, तो प्रियंका चोपड़ा के दामन को गंदा किया गया। सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया, तो लोगों ने रिया चक्रवर्ती को डायन तक कह दिया। सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं, यह हॉलीवुड में देखा गया है। ब्रैड पिट और जेनिफर एनिस्टन की शादी टूटी, लोगों ने ब्रैड की जगह एंजलिना जॉली को घर तोड़ने वाला बताया। इतना ही नहीं, जेनिफर तक को गलत अफवाहों में लपेटा गया और बताया कि उनकी शादी टूटने का कारण जेनिफर का मां न बनने का फैसला था।

जस्टिन बीबर और सेलेना गोमेज का रिलेशनशिप खत्म हुआ, तो लोगों ने बिना कुछ सोचे और समझे हेली को गालियां देनी शुरू कर दी। क्यों, आखिर क्यों महिलाओं को गलत ठहराना इतना आसान है? क्या यह इसलिए है कि हमारी सोसाइटी को लगता है कि आदमी कभी कुछ गलत नहीं कर सकता। क्या ऐसा है कि हमारा समाज यह मानने में असमर्थ है कि पुरुष असफलताओं और गलतियों की जिम्मेदारी संभालने में सक्षम हैं।

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आखिर क्यों महिलाएं को ठहराया जाता है दोषी?

सीनियर चाइल्ड एंड क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी से मैंने यही सवाल किया और जानने की कोशिश की कि आखिर किस मानसिकता के साथ महिलाओं को दोषी कहा जाता है। बच्चों की गलती पर मां की परवरिश पर सवाल होते हैं। पति की नाकामयाबी पर पत्नी को ब्लेम किया जाता है। अनुष्का शर्मा, ऐश्वर्या राय जैसी एक्ट्रेसेस को उनके पतियों की खराब परफॉर्मेंस और डूबते करियर का जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है।

डॉ. बर्मी कहती हैं , "यह बहुत आम है कि हम अपनी गलतियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराते हैं। ऐसे मामलों में ज्यादातर घर की महिलाओं पर दोष दिया जाता है। अपनी असफलताओं को या गलतियों को मानना हर किसी के लिए मुश्किल होता है और इसके लिए दूसरों को ब्लेम करना लोगों को ज्यादा आसान लगता है। पुरुष की असफलता के लिए किसी महिला को जिम्मेदार ठहराने की मानसिकता के पीछे अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना है। यह हमारे अवचेतन में पहले से ही तय हो जाता है और हम इसे सही ठहराते हैं।"

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महिलाओं को दोषी ठहराना बंद करें

ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि एक हम महिलाओं को हर चीज के लिए ब्लेम करना बंद करें। हमें अपने एक्शन की जिम्मेदारी लेना खुद सीखना होगा, तभी यह संभव हो पाएगा। साल दर साल महिलाओं के प्रति फैलता यह गुस्सा और नफरत देखी जाती है। हर व्यक्ति को यह समझने की जरूरत है कि चाहे वह विराट कोहली का मैच हारना हो या शाहरुख खान की बेवफाई, इसके लिए कोई अनुष्का और प्रियंका जिम्मेदार नहीं हैं।

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Image Credit: Freepik

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