
बिहार चुनाव 2025 में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाली सीट छपरा रही। यहां वोटों की गिनती शुरू होते ही मुकाबला रोलर-कोस्टर जैसा बन गया। कभी आंकड़े बीजेपी उम्मीदवार छोटी कुमारी के पक्ष में जाते, तो कुछ ही देर में खेसारी लाल यादव उनसे बढ़त छीन लेते। पूरे दिन उठापटक का दौर जारी रहा।
खेसारी लाल यादव की लोकप्रियता, सेलिब्रिटी छवि और जनता पर व्यापक प्रभाव ने इस सीट को पहले ही बेहद हाई-वोल्टेज बना दिया था, लेकिन कहानी का दूसरा पहलू और भी दिलचस्प था। छोटी कुमारी, जो इतनी बड़ी पहचान न होने के बावजूद, अपनी मजबूत लोकल कनेक्ट, लगातार क्षेत्र में उपस्थिति और लोगों में बनी भरोसेमंद छवि के कारण दमदार चुनौती पेश कर रही थीं।
उनकी यही जमीनी पकड़ चुनावी मुकाबले को लगातार अप्रत्याशित मोड़ देती रही और इसी कारण से छपरा सीट न केवल पूरे बिहार में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का केंद्र बन गई।

छोटी कुमारी 35 वर्ष की उभरती हुई युवा नेता हैं, जो पहली बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतरीं। भले ही वह राज्य की बड़े चेहरे वाली नेता न हों, लेकिन उनकी जमीनी पकड़, जनता के बीच लंबे समय से सक्रिय उपस्थिति और स्थानीय मुद्दों पर काम ने उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बना दिया।
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छोटी कुमारी 12th पास हैं। वह ML College, Marar Dighra Parsa से वर्ष 2009 में इंटरमीडिएट कर चुकी हैं। कम औपचारिक शिक्षा के बावजूद, लोगों के साथ सीधा जुड़ाव, सार्वजनिक संवाद की क्षमता और स्थानीय मुद्दों की गहरी समझ जैसे गुणों के कारण उन्हें 'जमीनी नेता' माना जाता है।
Myneta.info की जानकारी के अनुसार, छोटी कुमारी की कुल घोषित संपत्ति ₹1.4 करोड़ है। इसमें उनकी सभी चल एवं अचल संपत्तियों का संयुक्त मूल्य शामिल है।
छोटी कुमारी ने अपना राजनीतिक सफर सामाजिक सेवा से शुरू किया। लोगों की समस्याओं को बिना किसी राजनीतिक पद के लगातार सुनने और समाधान कराने की शैली ने उन्हें धीरे-धीरे जन-नेता के रूप में स्थापित किया। वह जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं, जहां उनके नेतृत्व और कार्यकुशलता की काफी प्रशंसा हुई।
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उनकी लोकप्रियता और संगठन में सक्रियता देखते हुए बीजेपी ने छपरा सीट पर बड़ा निर्णय लेते हुए मौजूदा विधायक डॉक्टर सी.एन. गुप्ता की जगह उन्हें टिकट देकर चुनाव में उतारा। यह फैसला उनके बढ़ते कद और पार्टी के भरोसे को दर्शाता है।
छोटी कुमारी एक साधारण, संस्कारी और समाजसेवी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनका परिवार हमेशा से सामाजिक गतिविधियों और सामुदायिक कार्यों में सक्रिय रहा है। बचपन से ही उन्होंने घर के माहौल में ईमानदारी, दूसरों की मदद करने की भावना और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्यों को महसूस किया और यही आदर्श उनके व्यक्तित्व का आधार बने।
उनके परिवार की स्थानीय समाज में अच्छी प्रतिष्ठा और भरोसेमंद छवि है। लोग उन्हें एक ऐसे परिवार का हिस्सा मानते हैं, जो वर्षों से समाज के सुख-दुख में साथ खड़ा रहा है। यही पारिवारिक पहचान चुनावी राजनीति में भी उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित हुई।
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