लिपस्टिक के बारे में आपका क्या ख्याल है? अरे वही लिपस्टिक होंठों पर लगाई जाती है और उनकी खूबसूरती को चार चांद लगाती है। क्या आपको पता है कि इसका इतिहास 5000 साल पुराना है? एक लड़की के पास अमूमन 5 लिपस्टिक तो होती ही हैं, लेकिन अगर उससे ये पूछा जाए कि इसके बारे में वो पांच फैक्ट्स बता दे तो शायद उसके लिए थोड़ी मुश्किल हो जाए। लिपस्टिक का इस्तेमाल शायद आपको भी पसंद होगा और इसके अलग-अलग शेड्स आपको भी लुभाते होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे लिपस्टिक ही क्यों कहा जाता है?
आज हम आपको लिपस्टिक से जुड़ी ऐसी ही दिलचस्प बातें बताने जा रहे हैं जो आपको पसंद भी आ सकती हैं और साथ ही साथ आपका जनरल नॉलेज भी बढ़ाएंगी। तो चलिए जानते हैं होंठों पर लगाई जाने वाली इस लिपस्टिक के बारे में बातें।
लिपस्टिक को लिपस्टिक ही क्यों कहते हैं?
दरअसल, ये नाम तब सामने आया जब दुनिया इसे कई हजार साल तक इस्तेमाल कर चुकी थी। 1880 के समकालीन इस शब्द का उपयोग दिखता है। ये वो समय है जब पहली कमर्शियल लिपस्टिक बनाई गई थी। उस समय से पहले होम मेड प्रोडक्ट्स से ही लिपस्टिक का काम लिया जाता था। उस दौर में फारस के कॉस्मेटिक्स बेचने वाले अपने कस्टमर्स को लिपस्टिक जैसे कुछ प्रोडक्ट्स बेचा करते थे। उस समय लिप और चीक रूज जैसी चीजें मार्केट में प्रचलित थीं।
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लिप कलर टर्म तो तब तक यूज होने लगी थी, लेकिन असल मायने में लिपस्टिक टर्म तब सामने आई जब ट्यूब में लिप कलर को रखने का आविष्कार किया गया। इस घटना का क्रेडिट भी एक नहीं बल्कि दो लोगों को दिया जाता है। इसके पहले सिल्क पेपर, पेपर ट्यूब्स, टिंटेड पेपर या फिर छोटे पॉट्स में लिप कलर को बेचा जाता था।
1915 के दशक में Scovil Manufacturing Company में काम करने वाले मॉरिस लेवी ने एक ट्यूब कंटेनर को लॉन्च किया जिसके साइड में एक छोटा सा लीवर हुआ करता था जो लिप कलर को ऊपर और नीचे करता था। उस समय भी इसे लेवी ट्यूब कहा गया क्योंकि इसे लेवी ने इजात किया था। 1923 में इसी ट्यूब का मॉर्डन वर्जन आया जब जेम्स ब्रूस मेसन जूनियर ने अमेरिका में ट्यूब को घुमने वाला बनाया।
इसके बाद टर्म लिपस्टिक बहुत ही फेमस हो गई। ये एक ट्यूब में रखे हुए पदार्थ के बारे में थी जिससे होंठों को रंगते थे। ये किसी छोटी लकड़ी के शेप में थी जिसे पर्स में महिलाएं कैरी कर सकती थीं। यही कारण है कि लिपस्टिक टर्म प्रचलित हो गई।
हालांकि, इस टर्म को किसने सबसे पहले कहा और छापा उसे लेकर तो डाउट है, लेकिन ट्यूब लिपस्टिक के आविष्कार के बाद ही ये टर्म ज्यादा फेमस हुई।
लिपस्टिक का अर्थ
वैसे तो इसका अर्थ आपको पता ही होगा, लेकिन टर्मिनोलॉजी की बात चल रही है तो इसका शाब्दिक अर्थ निकलता है एक ऐसी स्टिक जिसके जरिए हम कुछ अपने होंठों पर लगाते हैं। यही कारण है कि इसे लिपस्टिक कहा जाता है।
क्या लिपस्टिक के हैं कोई अन्य नाम?
जी हां, बिल्कुल। लिपस्टिक के कई अन्य नाम हैं जैसे लिप रूज, लिप प्लम्पर, लिप स्टेन आदि। अब लिपस्टिक अगर स्टिक के शेप में नहीं होगी और उसे किसी और प्रोडक्ट की तरह बेचा जाएगा तो भी इसका काम वही होगा।
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कब फेमस हुई लिपस्टिक?
वैसे तो आमतौर पर होंठों को रंगने की कई चीजें पहले से ही फेमस थीं, लेकिन ग्रीटा गार्बो नामक स्विडिश एक्ट्रेस ने वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान लिपस्टिक को लोकप्रिय बनाया था। उन्होंने कमर्शियल लिपस्टिक की शक्ल ही बदल दी थी। तब तक हेजल बिशप ने पहली लॉन्ग स्टे लिपस्टिक इजात कर दी थी। हेजल खुद एक डर्मेटोलॉजिस्ट थीं जिन्होंने वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान इसका आविष्कार किया था।
तो कैसी लगी आपकी पसंदीदा लिपस्टिक के बारे में ये जानकारी? हमें अपनी राय आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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