Who Appoints the Governor: भारतीय राजनीति में राज्यपाल के पद की चर्चा कम सुनाई पड़ती है। सीधे शब्दों में कहे, तो यह पद आम जनता की नजरों से दूर होता है। लेकिन इसका महत्व किसी भी राज्य की राजनीति में बेहद ही खास महत्व रखता है। अब ऐसे में क्या आपको पता है कि राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है। क्या इनका चयन जनता के मत द्वारा नहीं किया जाता है। क्या राजनीति में कार्यरत विधायक या अन्य सदस्यों द्वारा इनकी नियुक्ति की जाती है। अगर आपको इन तमाम सवालों के जवाब के बारे में नहीं पता है और आप इसके विषय पूरी जानकारी चाहते हैं, तो इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, देश को चलाने वाली राजनीति के इस बड़े ओहदे पर बैठने वाले इंसान का चयन कैसे होता है? और अन्य प्रश्नों का उत्तर-
कौन करता है राज्यपाल की नियुक्ति?
अगर मैं से आपसे कहूं कि राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति के एक हस्ताक्षर से तय होता है, तो शायद आपको लग सकता है कि केवल हस्ताक्षर। बता दें कि जी हां राज्यपाल की नियुक्ति का आखिरी फैसला राष्ट्रपति के एक दस्तखत से तय होता है। यह एक ऐसा पद है, जो केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिलर का काम करता है।
संविधान के अनुच्छेद 155 के अनुसार, राज्यपाल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। हालांकि यह फैसला राष्ट्रपति अकेले नहीं लेते। इसके पीछे केंद्र सरकार की अहम भूमिका होती है। प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट, राजनीतिक समीकरण, राज्य की जरूरत और कई बार पार्टी के भीतर की रणनीतियां भी इस चयन में बड़ा रोल निभाती हैं।
राज्यपाल का कार्य क्या होता है?
राज्यपाल का काम किसी भी राज्य में संवैधानिक व्यवस्था बनाए रखना है। जब कभी राज्य में राजनीतिक अस्थिरता हो या राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़े, तब राज्यपाल ही केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में फैसले लेते हैं। इसलिए ये पद केवल नाम का नहीं बल्कि गंभीर जिम्मेदारियों से भरा हुआ होता है। नियुक्ति के लिए न किसी प्रकार की लिखित परीक्षा होती है, न कोई इंटरव्यू, बल्कि ये पूरा प्रोसेस संविधान के दायरे में रहते हुए राजनीतिक अनुभव, विश्वसनीयता और कई बार पार्टी निष्ठा के आधार पर तय किया जाता है।
राज्यपाल बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए
भारतीय संविधान के अनुसार, राज्यपाल किसी भी राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है। इस पद के लिए कुछ विशेष योग्यता तय की गई हैं, जो निम्न है-
- इस पद के लिए उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
- राज्यपाल पद के लिए उम्मीदवार की उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए। यह एक संवैधानिक शर्त है।
- राज्यपाल बनने वाला व्यक्ति उस समय भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर कार्यरत नहीं होना चाहिए।
- इस पद के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को चुना जाता है, जिसे राजनीति, प्रशासन या समाज सेवा का अच्छा अनुभव हो।
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Image credit-Herzindagi
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