herzindagi
Oldest company in the world

दुनिया की सबसे पुरानी कंपनी का क्या है इतिहास? 41वीं पीढ़ी चला रही कारोबार, पढ़ ली होंगी ढेरों किताबें फिर भी नहीं पता होगा नाम

दुनिया में अलग-अलग तरह की तमाम कंपनियां है। इसमें से कुछ कंपनियां विश्वभर में मशहूर है, जिसका नाम बच्चों-बच्चों को रटें। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे पुरानी कंपनी कौन सी है?
Editorial
Updated:- 2025-12-18, 18:25 IST

World's Oldest Company: हम इतिहास की बात करते हैं, तो अक्सर राजाओं और साम्राज्यों के उत्थान और पतन की कहानियां पढ़ते हैं। इसके अलावा कई कंपनियां ऐसी हैं, जो विश्वभर में मशहूर हैं। इसमें से कई ऐसी कंपनियां है, जिसका नाम बच्चों-बच्चों की जुबान है, लेकिन क्या आपको दुनिया की ओल्डेस्ट कंपनी का नाम पता है? अगर नहीं, तो इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी कंपनी कौन सी है। खास बात यह है कि यह कंपनी आज भी चल रही है।

दुनिया की सबसे पुरानी कौन सी है?

Oldest company in the world

अगर आपको नहीं पता है कि दुनिया की सबसे पुरानी कंपनी सी है, तो बता दें कि उस कंपनी का नाम कोंगो गुमी है, जो सन 578 में एक जापानी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने शुरू की थी। बता दें कि यह बौद्ध मंदिरों को बनाने और उन्हें ठीक करने में माहिर रही है। हालांकि अब यह एक सब्सिडियरी के तौर पर काम करती है।

इसे भी पढ़ें- क्या आपको पता है चौराहे पर लगे घोड़े के 1 या 2 पैर हवा में होने का मतलब?

किसने की थी कोंगो गुमी कंपनी की शुरूआत?

साल 578 में शिगेमित्सु कोंगो ने कोंगो गुमी कंपनी की शुरुआत की थी। वे एक कोरियाई इमिग्रेंट थे और उन्हें ओसाका में जापान का पहला बौद्ध मंदिर, शितेनो-जी बनाने का काम सौंपा गया था।

मंदिरों के अलावा ये कंपनी महल जैसे दूसरे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में भी काम करने लगी। कई सदियों तक कोंगो के वंशजों ने इस कंपनी को चलाया। हालांकि वर्तमान में यह परिवार इस कंपनी को नहीं चलाता है क्योंकि सन 2006 में कोंगो गुमी दिवालिया हो गई। इसके बाद ताकामात्सु कंस्ट्रक्शन ग्रुप ने खरीद लिया था और इसी ग्रुप का अलग सेक्शन कोंगो गुमी डिवीजन अपना काम जारी रखे हुए है।

कितने लोगों के साथ शुरू हुई थी कोंगो गुमी कंपनी?

Japanese construction company

कोंगो गुमी कंपनी जब साल 578 में शुरू की थी गई थी, जब जापान के राजकुमार शोटोकू बौद्ध धर्म का प्रचार करना चाहते थे। उस समय जापान में बौद्ध मंदिर बनाने वाले कुशल कारीगर नहीं थे। इसलिए राजकुमार ने कोरिया के बेकजे साम्राज्य से 3 विशेष कारीगरों को आमंत्रित किया।

इसे भी पढ़ें- क्या आपको पता है कि सड़क और मार्ग के बीच का अंतर? क्यों होते हैं ये एक-दूसरे से अलग

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ

Image Credit-Freepik, Shutterstock


यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।