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आज के समय में ज्यादातर कंपनियां काम करने के लिए लैपटॉप प्रोवाइड करवाती हैं। जिस तरह माेबाइल फोन हमारी लाइफ का अहम हिस्सा है, उसी तरह ऑफिस का लैपटॉप भी जरूरी हो गया है। कई बार हम गलती कर बैठते हैं कि ऑफिस के लैपटॉप को अपने पर्सनल कामों के लिए इस्तेमाल करने लगते हैं, लेकिन ये याद रखना जरूरी है कि ये कंपनी की प्रॉपर्टी होती है, न कि आपका पर्सनल डिवाइस।
हाल ही में यूरोप से एक मामला सामने आया था कि एक कंपनी ने अपने सबसे अच्छे कर्मचारी को ऑफिस लैपटॉप में नेटफ्लिक्स देखने के लिए नौकरी से निकाल दिया था। बताया जा रहा था कि कर्मचारी ने नेटफ्लिक्स देखने के लिए VPN का इस्तेमाल किया था। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि आपको ऑफिस के लैपटॉप में क्या नहीं करना चाहिए, जिससे आपकी नौकरी बची रहे। आइए जानते हैं-

लोगों को लगता है कि ऑफिस लैपटॉप पर वेब सीरीज या फिल्में देखना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन ज्यादातर कंपनियां इसे गलत मानती हैं। स्ट्रीमिंग वेबसाइट्स ज्यादा इंटरनेट और सिस्टम रिसोर्स इस्तेमाल करती हैं। इससे लैपटॉप स्लो हो सकता है और कंपनी के नेटवर्क पर असर पड़ता है। कंपनियां इस तरह की एक्टिविटी को ट्रैक करती रहती हैं। ऐसे में आपको इसका इस्तेमाल करने से पहले सोच लेना चाहिए, वरना आपकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है।\
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अगर आपको किसी भी सॉफ्टवेयर की जरूरत है, तो आप कंपनी की आइटी टीम से बात करके ही इंस्टॉल करें। ऑफिस लैपटॉप में कोई भी सॉफ्टवेयर अपनी मर्जी से इंस्टॉल करना आपके लिए बड़ा खतरा बन सकता है। दरअसल, ज्यादातर सॉफ्टवेयर में वायरस या मालवेयर छिपे होते हैं, जो कंपनी के डेटा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऑफिस लैपटॉप पर बार-बार इंस्टाग्राम, फेसबुक या यूट्यूब चलाने से भी आपकी जॉब के लिए खतरा बन सकता है। कंपनियां सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल को ध्यान भटकाने वाला मानती हैं। वहीं अलावा सोशल मीडिया साइट्स से डेटा लीक होने का भी खतरा रहता है।
कई वेबसाइट्स देखने में भले नॉर्मल लगती हैं, लेकिन वो सेफ नहीं हारेती हैं। अगर आप ऐसे वेबसाइट्स पर जाती हैं तो लैपटॉप में वायरस आ सकता है या आपकी लॉगिन डिटेल्स लीक हो सकती हैं। कई बार तो पूरा का पूरा सिटस्म भी खतरे में आ सकता है।
फिल्म, सॉफ्टवेयर, गेम या म्यूजिक का पायरेटेड कंटेंट डाउनलोड करना भी कंपनियां गलत मानती हैं। ऐसा करने से कंपनी को कानूनी रूप से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। कई कंपनियों की पॉलिसी में साफ लिखा होता है कि पायरेटेड कंटेंट डाउनलोड करने पर सख्त कार्रवाई होगी। इससे आपकी नौकरी भी जा सकती है।
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ऑफिस लैपटॉप में पहले से एंटीवायरस, फायरवॉल और सिक्योरिटी लॉक लगे होते हैं। इसके लिए आपको अपनी तरफ से कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से सिस्टम हैक हो सकता है और कंपनी का जरूरी डेटा लीक हो सकता है।
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ताे अगर आप भी ऑफिस के लैपटॉप में ये सब काम करती हैं, तो अभी भी वक्त है कि आप संभल जाएं, वरना आपकी नौकरी पर बात आ सकती है। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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