जब प्यार किया तो डरना क्या चुप चुप आहें भरना क्या....इस लिरिक्स की गहराई शायद ही कोई समझ पाए, क्योंकि यह सिर्फ एक गाना नहीं है बल्कि इतिहास में बिखरी हुई सलीम और अनारकली की अमर प्रेम गाथा को बयान करने का एक काल्पनिक प्रतीक भी है। जी हां, यह गाना मुगल-ए-आजम फिल्म का है, जिसमें सलीम और अनारकली की कहानी को दर्शाया गया है।
यह एक ऐसी कहानी है जिसे अलग-अलग तरीके से इतिहास में रेखांकित किया गया है। कोई कहता है कि एक सत्य अमर प्रेम कहानी है, तो कोई कहता है कि यह सिर्फ एक काल्पनिक रचना है। अनारकाली जिसकी जिंदगी एक तिलिस्म की तरह थी। इसकी जिंदगी कहां शुरू हुई और कब खत्म हो गई ....कोई नहीं जानता।
यही वजह है कि इतिहासकारों ने अनारकली को अपने मन से खंगाला और सस्पेंस, थ्रिलर और जुनून जैसे शब्द से कहानी को रेखांकित किया। किस तरह सलीम को अनारकली से प्रेम हुआ और कैसे बादशाह से एक कनीज के लिए बगावत की? इस पर हर तरह से रिसर्च की गई है, हर एंगल खंगाला गया, कई कहानियां लिखी गईं और कई तरह के सवाल भी खड़े किए गए।
कमाल तो तब हुआ जब अनारकली को अकबर की बेगम बताया गया। क्या सच में मुगल बादशाह अकबर खुद ही अनारकली से प्रेम कर बैठा था? आइए इतिहास को थोड़ा खंगालते हैं।
अनारकली के बारे में जान लें
सैयद अब्दुल लतीफ की किताब तारीख-ए-लाहौर में उल्लेख मिलता है कि अनारकली का नाम नादिरा बेगम था, लेकिन उन्हें शर्फुन्निसा नाम से भी पुकारा जाता था। कहा जाता है कि वह ईरान से आई थीं यह इतनी खूबसूरती थी कि उन्हें जो भी देखता था, तो उनकी खूबसूरती का कायल हो जाता था। इसी तरह सलीम भी नादिरा के दीवाने हो गए थे और इसलिए उन्हें अनारकली नाम से पुकारा गया।
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बादशाह अकबर के बारे में जानें
अकबर मुगल साम्राज्य का सबसे महान बादशाह था, जिसका जन्म 15 अक्टूबर 1542 को सिंध के राजपूत किले यानी अमरकोट में हुआ था। बताया जाता है कि अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था।
अकबर मुगल साम्राज्य का तीसरा बादशाह था, जिसने अपने शासनकाल में कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कार्य करवाए थे। हालांकि, अकबर का जोधा बेगम से जोड़ा जाता है, लेकिन इस पर भी कई तरह के ऐतिहासिक मतभेद हैं।
अकबर और अनारकली का रिश्ता?
अकबर और अनारकली के रिश्ते पर भी काफी कुछ लिखा गया। न सिर्फ भारतीय इतिहास में बल्कि पाकिस्तान के इतिहासकारों ने भी लिखा। ब्रिटिश टूरिस्ट विलियम फिंच 1608 से 1611 लाहौर में थे, जिसे पाकिस्तानी डॉन अखबार में रेखांकित किया गया है।
फिंच के मुताबिक अनारकली अकबर की कई पत्नियों में से एक पत्नी थीं। इन दोनों का एक बेटा भी था, जिसका नाम दानियाल शाह था। इसके बाद ही अनारकली और सलीम के इश्क की अफवाह उड़ी और जब अकबर को इस बात का पता लगा, तो खफा होकर अनारकली को दीवारों में चुनवा दिया गया।
हरम की खास सदस्य थीं अनारकली
वहीं, नूर अहमद चिश्ती ने अपनी पुस्तक 'तहकीकात-ए-चिश्तिया' में अनारकली के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस पुस्तक में लेखक लिखते हैं अनारकली अकबर की पसंदीदा रखैल थी और उसका असली नाम नादिरा बेगम था।
अनारकली बादशाह अकबर के हरम की सबसे खास सदस्य थीं। कहा जाता है कि अनारकली अक्सर महल में नाचा करती थीं। मगर जब बादशाह को पता चला की उनका बेटा अनारकली के दीवाने हो गए थे, जो बादशाह को बिल्कुल भी पसंद नहीं था।
क्या हुआ अंजाम?
यही वजह है कि सलीम और अनारकली की मोहब्बत पिता शहंशाह अकबर को तनिक भी रास नहीं आई और उन्होंने अनारकली को दीवारों (जहां अब मकबरा) में चुनवाने का फरमान सुना दिया।
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आपको बता दें कि अनारकली पर राजकुमार सलीम के साथ अवैध प्रेम संबंध रखने का आरोप लगाया गया था और लगभग 1599 में उसे मार दिया गया था। अनारकली ने भी सलीम की जान बचाने के लिए खुशी-खुशी मौत को गले लगा लिया।
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Image Credit- (@Shutterstock)
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