प्रॉपर्टी पर लोन लेने का मतलब है, अपनी प्रॉपर्टी को बैंक या किसी दूसरे फाइनेंशियल संस्थान को गिरवी रखकर लोन लेना। इसे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी या मॉर्गेज लोन भी कहते हैं। इस तरह के लोन को सिक्योर्ड लोन माना जाता है। इसमें प्रॉपर्टी कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल होती है और प्रॉपर्टी का मालिकाना हक स्पष्ट रूप से बिक्री योग्य होना चाहिए। इस लोन का इस्तेमाल कई तरह के कामों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि बिजनेस विस्तार, शादी, मेडिकल इमरजेंसी जैसी निजी जरूरतें, नया घर खरीदना, उच्च शिक्षा, व्यापार के लिए कर्मचारी रखना या मशीनरी खरीदना।
प्रॉपर्टी लोन क्या होता है
प्रॉपर्टी लोन, यानी लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (LAP), एक सिक्योर लोन होता है। इसमें, आप अपनी प्रॉपर्टी को बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान में गिरवी रखकर लोन लेते हैं। प्रॉपर्टी कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और लोन चुकाने तक संपत्ति पर लेंडर का अधिकार होता है। हालांकि, लोन की अवधि के दौरान आप उस संपत्ति में रह सकते हैं या उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी यानी प्रॉपर्टी के बदले लोन लेने के कई फायदे हैं
1. ज्यादा लोन
प्रॉपर्टी को कोलैटरल पर रखकर लोन लेने की वजह से, आपको ज्यादा लोन राशि आसानी से मिल जाती है।
2. लंबी री-पेमेंट अवधि
लोन की अवधि 20 साल तक हो सकती है, जिससे कम ईएमआई और आसानी से भुगतान करने की सुविधा मिलती है।
3. कम ब्याज दर
ब्याज दरें आमतौर पर कम होती हैं, जो प्रति वर्ष लगभग 8 फीसदी से शुरू होती हैं।
4. टैक्स का लाभ
आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, प्रॉपर्टी के बदले लोन लेने पर कम से कम दो तरह के कर लाभ मिलते हैं। इनमें से एक, प्रॉपर्टी पर लोन की ब्याज दर पर टैक्स लाभ है। इसके अलावा, अगर आप नया घर बनाने के लिए प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं, तो आपको 2 लाख रुपये की टैक्स कटौती का लाभ भी मिल सकता है।
5. मालिकाना हक बना रहना
प्रॉपर्टी पर लोन मिलने के बाद भी, आपके पास प्रॉपर्टी के मालिकाना हक का अधिकार बना रहता है। साथ ही, आप अपनी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल करना भी जारी रख सकते हैं।
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लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ और फायदे ये भी हैं
- बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा
- कंज्यूमर या कमर्शियल लोन से सस्ता
- कई कामों के लिए फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं
- सरल डॉक्यूमेंटेशन और आसान प्रोसेसिंग
- व्यवसायों को आगे बढ़ने में मदद मिलता है।

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प्रॉपर्टी पर कितना लोन मिल सकता है
प्रॉपर्टी पर मिलने वाले लोन की रकम, कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें से कुछ कारक ये हैं
- आवेदक की पात्रता
- प्रॉपर्टी का मूल्यांकन
- मौजूद दस्तावेज
- आवेदक की आय
- आवेदक की उम्र
- आवेदक का काम
- आवेदक की निश्चित मासिक देनदारी
- आवेदक का क्रेडिट हिस्ट्री
अगर आपकी प्रॉपर्टी की मौजूदा मार्केट कीमत 50 लाख रुपये है, तो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के लिए 30 लाख रुपये तक और कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए 35 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। कुछ बैंकों की पॉलिसी के मुताबिक, आप अपनी प्रॉपर्टी की कुल वैल्यू का 60 फीसदी तक का लोन ले सकते हैं। वहीं, कुछ बैंकों से आप 7.5 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
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