ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उनके हित के लिए, ट्रांसजेंडर गरिमा गृह स्थापित किया गया है। टीजी अधिनियम 2019 की धारा 8(4) के मुताबिक सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने से बचाव और पुनर्वास के लिए कदम उठाया गया है। गरिमा गृह की स्थापना टीजी अधिनियम 2019 की धारा 12(3) के तहत निर्धारित प्रावधान के अनुरूप किया गया, जिसमें कहा गया कि चाहे कोई भी माता-पिता या उसके परिवार का कोई सदस्य ट्रांसजेंडर की देखभाल करने में असमर्थ हो, तो न्यायालय उसकी देखभाल करेगा।
इस अधिनियम से ऐसे व्यक्ति को रिहैबिलिटेशन सेंटर में रखने का निर्देश दिया गया है। गरिमा गृह न केवल यह तय करेगा कि समुदाय को सुरक्षित माहौल तक पहुंचाया जाए, बल्कि यह ट्रांसजेंडरों के सशक्तिकरण में भी काफी मदद करेगा।
गरिमा गृह के बारे में
गरिमा गृह एक आश्रय गृह है जो ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन की सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराती है। यह (SMILE) योजना, सामाजिक न्याय मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा शुरू की गई आजीविका और बिजनेस के लिए हाशिए के व्यक्तियों के लिए समर्थन के लिए पहल है।
इसे भी पढ़ें: भारत के ट्रांसजेंडर अधिनियम से जुड़ी ये बातें जरूर जानें
गरिमा गृह की आवश्यकता
आमतौर पर ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को समाज में हाशिए और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उनके पास अक्सर आवास, रोजगार और स्वास्थ्य देखभाल जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच नहीं हो पाती है। गरिमा गृह का मकसद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित और सहायक माहौल बनाना है, जिससे उन्हें सम्मान के साथ रहने में सक्षम बनाया जा सके।
गरिमा गृह के मकसद
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं दिलाना।
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के क्षमता जैसे, कौशल विकास का समर्थन करना।
- आवास गृह को आवास और भोजन, कपड़े, मनोरंजन, चिकित्सा और परामर्श की सुविधाएं दिलाना।
- ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें अत्याचारों से बचाना।
- कौशल विकास, कार्यक्रमों के माध्यम से ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सशक्त बनाना और रोजगार के लिए तैयार कराना।
- उनके विकास के लिए एक सुरक्षित और समावेशी माहौल बनाना है।
गरिमा गृह कैसे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की मदद करता है
गरिमा गृह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशक्त बनाने और उन्हें जीवन जीने में सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह उन्हें एक सुरक्षित आश्रय और सभी जरूरत के सामान उपलब्ध करता है जिनकी उन्हें सफल जीवन की आवश्यकता होती है।
इसे भी पढ़ें: कौन हैं ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट गौरी सावंत? जानें उनकी बेहद इंस्पायरिंग कहानी
निष्कर्ष
गरिमा गृह ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आशा की किरण से कम नहीं है। यह उन्हें एक सुरक्षित आश्रय, ऐसे साधन दिलाने में मदद करता है जिनकी उन्हें सफल होने की आवश्यकता होती है। इस योजना को दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, पटना, कोलकाता, जयपुर, रायपुर, भुवनेश्वर और मणिपुर शहर में ट्रांसजेंडर समुदाय के रहने के लिए बनाया गया है। जिसमें कम से कम 25 व्यक्तियों की क्षमता वाले "गरिमा गृह" में रहने का बंदोबस्त किया गया है।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
Image credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों