Difference Between Lawyer Barrister And Advocate: व्हाइट शर्ट के साथ काले कोट पहने व्यक्ति को देखते ही मन में ख्या आता है कि ये व्यक्ति जरूर वकील होगा। फिल्मों में भी आपने अक्सर ऐसे किरदार देखे होंगे, जो कोर्ट में केस लड़ते हुए नजर आ रहे होते हैं। कोर्ट में मौजूद इन व्यक्तियों को कई नामों से जाना जाता है कोई इन्हें अधिवक्ता कहता है तो कोई एडवोकेट, और कई लोग तो Lawyer भी कहते हैं। हालांकि, ये भले ही कानूने पेशे से जुड़े हुए हैं और आम लोगों को एक जैसे लगते हैं, लेकिन इनमें कई बड़े अंतर हैं। जी हां, Lawyer और Advocate एक ही नहीं होते हैं। इनमें भी फर्क होता है, जिसे आपको जानना चाहिए। वैसे इन दोनों के पढ़ाई एक ही होते हैं और काम भी कानून से जुड़े होते हैं। यही कारण है कि लोग इसका सही मतलब समझ नहीं पाते हैं। तो चलिए आज हम आपको बैरिस्टर, लॉयर और एडवोकेट के बीच के फर्क को समझाते हैं।
लॉयर उस व्यक्ति को बोलते हैं, जो अभी कानून की पढाई (LLB) कर रहा है या कर चुका है। हालांकि लॉयर को अदालत में केस लड़ने की अनुमति तब तक नहीं मिलती जब तक वह BCI (बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया) की परीक्षा को पास न कर ले और उसका सर्टिफिकेट उसको न मिल जाए। लॉयर से केवल आप कानूनी मामलों में सुझाव व सहायता ले सकते हैं। लॉयर के काम की लिस्ट में कानूनी सलाह देना, मुकदमे की तैयारी करना, दस्तावेजों का मसौदा तैयार करना और कभी-कभी अदालत में प्रतिनिधित्व करना शामिल होता है।
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ऐडवोकेट कानूनी पेशे से जुड़ा वह व्यक्ति होता है, जिसकी कानून की पढ़ाई और BCI की परीक्षा पूरी हो चुकी होती है। साथ ही, BCI से सर्टिफिकेट भी मिल चुका होता है। आपको बता दें, ऐडवोकेट को कोर्ट में केस लड़ने की अनुमति होती है और वह अपने क्लाइंट का पक्ष रखने का अधिकार भी रखता है। दरअसल, एडवोकेट सीधे अपने क्लाइंट के साथ बातचीत कर सकता है। ऐडवोकेट शब्द का प्रयोग इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल(कॉमनवेल्थ) देशों में किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि हर ऐडवोकेट लॉयर हो सकता है, लेकिन हर लॉयर ऐडवोकेट नहीं हो सकता है।
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बैरिस्टर उस व्यक्ति को कहा जाता है, जो कानून की पढ़ाई और डिग्री इंग्लैंड से प्राप्त करता हैं। भारत में बैरिस्टर को सम्मानजनक उपाधि दी जाती है। गांधी जी ने भी अपनी कानून की पढाई इंग्लैंड से किए थे, इसलिए उन्हें बैरिस्टर कहा जाता था। बैरिस्टर मुकदमेबाजी और कानूनी बहस में एक्सपर्ट होता है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कुछ अन्य देशों में, बैरिस्टर को अदालत में पेश होने और जज के सामने बहस करने का विशेष अधिकार होता है।
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Image credit- Herzindagi
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