
भारतीय टैक्स सिस्टम में कई ऐसे टर्म्स हैं, जिनकी जानकारी हर किसी को नहीं होती है। इन्हीं में से एक एडवांस टैक्स भी है। एडवांस टैक्स बिल्कुल आम टैक्स की तरह ही होता है, लेकिन इसे फाइनेंशियल ईयर से पहले जमा कराना होता है। नौकरीपेशा लोगों को एडवांस टैक्स भरने की जरूरत नहीं होती है, ऐसा इसलिए क्योंकि उनका टैक्स पहले ही कंपनी काट लेती है और आयकर विभाग के पास जमा करा देती है। ऐसे में सवाल उठता है कि एडवांस टैक्स कौन, कब और कैसे जमा कराता है।
एडवांस टैक्स कौन और कैसे चुकाता है, यह समझने से पहले यहां जान लेते हैं कि यह क्या है। आपने अक्सर सुना होगा कि इस सेलिब्रिटी ने इतना-उतना टैक्स चुकाया। फॉर्च्यून इंडिया मैग्जीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में भारत में सबसे ज्यादा टैक्स जमा करने वाले शाहरुख खान थे और उन्होंने करीब 92 करोड़ एडवांस टैक्स जमा किया था।

एडवांस टैक्स के नाम से ही समझा जा सकता है कि यह वह टैक्स है, जिसे समय से पहले जमा कराया जाता है। साथ ही इसे 'जैसा कमाओ वैसा भुगतान करो' टैक्स भी कहा जाता है। ऐसे तो एडवांस टैक्स, इनकम टैक्स की तरह ही होता है लेकिन इसे फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से पहले ही जमा कराना होता है।
एडवांस टैक्स को इनकम टैक्स की तरह एकमुश्त नहीं, बल्कि किश्तों में जमाया कराया जाता है। इसकी पहली किश्त 15 जून को जमा करानी होती है, जिसमें कुल टैक्स का 15 परसेंट देना होता है। दूसरी किश्त 15 सितंबर को जमा करानी होती है, जिसमें 45 परसेंट देना होता है। तीसरी किश्त 15 दिसंबर को देनी होती है, इसमें 75 परसेंट और चौथी किश्त 15 मार्च को देनी होती है, जिसमें कुल टैक्स का 100 परसेंट देना होता है।
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इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 208 के मुताबिक, एक फाइनेंशियल ईयर में जिनकी टैक्स Liability 10 हजार रुपये या उससे ज्यादा होती है, उन्हें एडवांस टैक्स देना होता है।
एडवांस टैक्स सैलरी पाने वाले लोग, फ्रीलांसर और बिजनेस करने वाले लोगों को जमा करना होता है। बिजनेस करने वाले लोगों को सेक्शन 44AD के तहत अपनी कमाई पर एडवांस टैक्स जमा करना होता है। सीनियर सिटीजन यानी 60 साल से ज्यादा लोग जिनकी कमाई का कोई सोर्स नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स से छूट दी गई है।

एडवांस टैक्स जमा करने के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। होमपेज पर जाकर e-pay ऑप्शन पर क्लिक करें। अब न्यू पेमेंट ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद इनकम टैक्स का ऑप्शन दिखाई देगा, इस पर प्रोसिड करें।
अब जो पेज खुलेगा, उसमें फाइनेंशियल ईयर चुनें और पेमेंट टाइप में एडवांस टैक्स (200) सिलेक्ट करें। अब कंटिन्यू करें और अन्य डिटेल्स भरें। अब सहूलियत के अनुसार पेमेंट टाइप चुनें और कंटिन्यू करें।
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एडवांस टैक्स को कैलकुलेट करना ज्यादा मुश्किल नहीं होता है। इसे कैलकुलेट करने के लिए सबसे पहले एक फाइनेंशियल ईयर में अपनी अनुमानित आय को निकालें। अब अनुमानित आय के आधार पर टैक्स और एग्जेंप्शन यानी छूट को घटाएं। इसके बाद जो राशि आएगी उसे एडवांस टैक्स के तौर पर जमा कराना होगा। एडवांस टैक्स में भी इनकम टैक्स या कॉर्पोरेट टैक्स स्लैब की तरह ही टैक्स लिया जाता है।
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