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Income Tax Return and audit report last date

ITR और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की क्या है नई डेडलाइन? जानें कैसे होता है तारीख में बदलाव

ITR और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की लास्ट डेट बढ़ा दी गई है। वे टैक्सपेयर्स, जिन्होंने अभी तक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया है, तो वह 10 नवंबर 2025 और आईटीआर के लिए 10 दिसंबर 2025 तक फॉर्म भर सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-10-30, 14:39 IST

Tax Audit Report Submission Deadline: प्रत्येक वर्ष भारत सरकार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करने की डेड लाइन तय करता है। ये तिथियां आमतौर पर वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद तय की जाती हैं। हालांकि, कई बार तकनीकी दिक्कतों, करदाताओं या प्रोफेशनल संस्थाओं की मांगों या अन्य कारणों की वजह से लास्ट डेट को आगे बढ़ाना पड़ता है। यह बदलाव उन टैक्सपेयर्स या चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के लिए राहत का काम करता है, जिन्होंने आईटीआर और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट नहीं की है। साथ ही जुर्माना देने से भी बच जाते हैं। नीचे लेख में जानिए ITR और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल सबमिट करने की आखिर डेट्स क्या हैं?

टैक्स ऑडिट रिपोर्ट सबमिट करने की डेड लाइन

Tax Audit Report deadline

हाल ही में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने करदाताओं के लिए लास्ट डेट में बदलाव किया है जिनके खातों का ऑडिट होना अनिवार्य है। हालांकि अभी तक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तिथि 31 अक्टूबर, 2025 थी, लेकिन बदलाव के बाद नई डेड लाइन 10 नवंबर 2025 है। यह उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए नहीं है जिनके खातों का ऑडिट जरूरी नहीं होता।

इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की नई अंतिम तिथि

आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट 31 अक्टूबर 2025 थी। वहीं अब यह तारीख बढ़ाकर 10 दिसंबर 2025 कर दी गई है।

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डेड लाइन डेट्स में बदलाव कैसे होता है?

ITR submission deadline

इनकम टैक्स रिटर्न और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की लास्ट डेट में बदलाव करने का अधिकार मुख्य रूप से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पास होता है। यह बदलाव कई कारणों के तहत किया जाता है। नीचे जानें-

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 119 के तहत CBDT को यह अधिकार मिला है कि वह विशेष मामलों या परिस्थितियों में करदाताओं के किसी वर्ग को राहत देने के लिए अंतिम तिथियों को बढ़ा सकता है। अक्सर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की संस्थाएं जैसे ICAI या विभिन्न टैक्स बार एसोसिएशन CBDT से समय बढ़ाने की मांग करते हैं, जो इसकी मुख्य वजहें होती हैं।
इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर आ रही लगातार तकनीकी दिक्कतें भी आखिरी तिथि को बढ़ाने के पीछे का भी कारण होती है।

कई बार करदाता संगठन हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हैं। यदि कोर्ट को लगता है कि CBDT द्वारा दिया गया समय अपर्याप्त है, तो कोर्ट CBDT को डेडलाइन बढ़ाने का आदेश दे सकता है। जब CBDT विस्तार का फैसला कर लेता है, तो वह तुरंत एक आधिकारिक प्रेस रिलीज या सर्कुलर/ऑर्डर जारी करता है।

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