रद्द होने के बाद पुराने नोटों का क्या करती है सरकार...क्या गलाकर बना दी जाती है नई करेंसी?

Old Notes After Demonetization: भारतीय रिजर्व बैंक जल्दी ही 100 और 200 के नए नोट जारी करने वाले है। इससे पहले भी नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 के नोट रद्द कर दिए गए थे। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर रद्द किए गए पुराने नोटों के साथ सरकार क्या करती है? नोटबंदी के बाद बेकार नोट कहां जाते हैं?
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-03-13, 16:36 IST
Old Notes After Demonetization

What Does Government Do With Old Notes After Demonetization: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने घोषणा की है कि जल्दी 100 और 200 के नए नोट जारी किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, नोट के डिजाइन में बदलाव नहीं किए जाएंगे। आने वाले नए नोटों पर गवर्नर संजय मल्होत्रा के साइन होंगे। वहीं, यह भी कहा गया है कि पुराने नोट भी चलन में रहेंगे और इन्हें वैध माना जाएगा। बहुत ही जल्दी 100 और 200 के ये नोट एटीएम में भी उपलब्ध हो जाएंगे। ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल आता है कि नोट को रद्द करने के बाद सरकार उनका क्या करती है? क्या रद्द होने के बाद पुराने नोटों को गला दिया जाता है? आइए जानें, नोटों को रद्द करने के बाद उनका क्या होता है?

बैंक के पास जमा होते हैं पुराने नोट

Old notes are deposited with the bank

जब भी सरकार किसी नोट को चलन से रद्द कर देती है, तो इस स्थिति में सभी नागरिकों को अपने पास मौजूद सभी पुराने नोट बैंक के पास जमा करवाने पड़ते हैं। बैंक बाद में इन नोटों को आरबीआई के रीजनल ऑफिस में भेजते हैं। इससे पहले 500 और 1000 रुपये के नोट के साथ यह हो चुका है। नोटबंदी के दौरान लोग बैंक के बाहर नोट बदलवाने के लिए काफी लंबी कतारों में नजर आ चुके हैं।

पुराने नोटों का निपटान है जरूरी

जब कोई नोट चलन से बंद हो जाते हैं, तो वे रद्दी के सिवा कुछ नहीं रह जाते। ऐसे में आरबीआई के लिए इन नोटों का निपटारा करना बहुत ही अनिवार्य हो जाता है क्योंकि इनका गलत इस्तेमाल हो सकता है। पुराने नोटों का भी कई तरह से गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। पहले आरबीआई पुराने नोटों को जला देता था। हालांकि, अब आरबीआई पहले अपने पास जमा हुए नोटों की पुख्ता जांच करता है और यह पता लगता है कि नोट असली है या नकली। नोटों की जांच का काम मशीन से किया जाता है। मशीन में एक घंटे में 60,000 करेंसी नोटों की जांच एक साथ की जा सकती है।

पुराने नोटों की किए जाते हैं टुकड़े

एबीपी की एक खबर के मुताबिक, पुराने नोटों को टुकड़ों में काटा जाता है। इसके लिए भी एक मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। टुकड़े करने के बाद इन्हीं पुराने नोटों की मदद से फिर से नई करेंसी तैयार की जाती है। रद्दी नोटों को इस तरीके से रीसाइकिल किया जाता है, जिससे उनको कोई दोबारा इस्तेमाल ना कर पाए।

ईंटें भी बनाई जाती हैं

Bricks are also made

पुराने रद्दी नोट, जो पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं, उनकी लुगदी बनाकर उनसे ईंटें बनाई जाती हैं। इसके अलावा, इन्हें रीसाइकिलिंग पेपर फैक्ट्री में भेज दिया जाता है, जिससे इनका कार्डबोर्ड बन जाता है। 2016 की नोटबंदी के वक्त आरबीआई ने केरल की वेस्टर्न इंडिया प्लाईवुड नाम की कंपनी को बेचे थे। उन्हें ये पुराने नोट रद्दी में काटकर दिए गए थे।

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Image Credit: Canva

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